* वानखडे को बिठाया कुर्सी पर
* कांग्रेसजनों की नारेबाजी
* प्रशासन नहीं दे रहा था चाबी
* पालकमंत्री पाटिल के सामने हाईड्रामा
अमरावती /दि.22- सांसद चुने जाने के 18 दिनों बाद भी जिला प्रशासन द्वारा बलवंत वानखडे को जिलाधिकारी कार्यालय अंतर्गत सांसद कक्ष का कब्जा नहीं देने के मामले पर विधायक यशोमति ठाकुर आज दोपहर पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के सामने तमतमा गई. पाटिल का अनुरोध टालकर उन्होंने लोहे की रॉड से सांसद कक्ष पर जडा ताला कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आगे बढो की घोषणाओं के साथ तोड दिया और वानखडे को कक्ष में सांसद की कुर्सी पर विराजमान किया. इस समय भी कांगे्रस की जिंदाबाद और आगे बढो की नारेबाजी कन्टीन्यू रही.
* 5 तारीख को आवेदन
लोकसभा चुनाव परिणाम के पश्चात पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल आज पहली बार अमरावती पधारे. वे विभिन्न प्रशासनीक बैठकों और कार्यक्रमों को आरंभ करें. उससे पहले ही विधायक यशोमति ठाकुर ने नवनिर्वाचित सांसद बलवंत वानखडे को जिला प्रशासन द्वारा सांसद कक्ष का ताबा न देने का विषय उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि, कलेक्टर उन्हें सांसद कक्ष का ताबा देने में टालमटोल कर रहे हैं. आज भी बाद में देता कहा गया. जबकि इस बारे में गत 5 जून को ही आवेदन कर देने का दावा आक्रोशित हुई यशोमति ठाकुर ने किया.
* ‘ताई अगोदर चहा घ्या’
पालकमंत्री पाटिल कांग्रेस नेता ठाकुर का तमतमाया रुप देखकर थोडे सहम गये थे. उन्होंने ठाकुर को समझाने का प्रयत्न किया. यह भी कहा कि, ‘ताई अगोदर चहा घ्या नंतर बोलतो’. मगर यशोमति ने चाय का आफर ठुकराकर सांसद वानखडे को साथ लेकर सीधा सांसद कक्ष का रुख किया.
* रॉड से तोडा ताला
गुस्से में आग बबूला हुई यशोमति ने जिला प्रशासन पर अनेक तोहमते लगाई. यह भी कहा कि, प्रशासन चाहे, तो उनके विरुद्ध अपराध दर्ज करवाये. वे ताला तोडकर सांसद कक्ष का ताबा लेने जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि, यह सांसद कक्ष राज्यसभा सदस्य का नहीं है. आनंदराव अडसूल के कार्यकाल में इसकी स्थापना हुई थी. अब सांसद रहने के नाते वानखडे का इस पर हक है. यह कहते हुए उन्होंने रॉड से ताला तुरंत तोड दिया. कांग्रेसजन इस दौरान नारेबाजी करते रहे. यशोमति आगे बढो, हम तुम्हारे साथ है. वानखडे आगे बढो हम तुम्हारे साथ है. पालकमंत्री पाटिल की बडे दिनों बाद अमरावती विजिट के आरंभ में ही जिलाधिकारी कार्यालय में हाईड्रामा देखने मिला.
* 13 तारीख को दिया आवेदन
सांसद बलवंत वानखडे ने जिलाधीश को जिलाधिकारी कार्यालय के संपर्क कार्यालय का ताबा मिलने के लिए 13 जून को ही पत्र दिये जाने की जानकारी दी गई. पत्र में वानखडे ने स्पष्ट कहा कि, गांव-देहातों से लोग काम के लिए आते है. उनकी समस्या का निराकरण और उनसे भेंट के लिए जनसंपर्क कार्यालय का ताबा मांगा गया था. यह पत्र वानखडे ने मीडिया को उपलब्ध करवाया.
* विजय का सर्टिफिकेट देने में घंटों विलंब
यशोमति ने पालकमंत्री पाटिल के सामने जिला प्रशासन को मतगणना वाले दिन की भी याद दिलायी और फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि, बलवंत वानखडे के विजयी होने के बाद भी तीन घंटे तक प्रशासन ने सर्टिफिकेट देने में देरी की. इसे जानबूझकर लटकाये रखना बताते हुए यशोमति ठाकुर ने जिला प्रशासन पर अनेक आरोप किये.
* अडसूल ने लाया था नया अंदाज
जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में लोकसभा सदस्य के लिए कक्ष की व्यवस्था आनंदराव अडसूल ने सर्वप्रथम शुरु करवायी थी. उनका काम करने का अपना अंदाज रहा. अमरावती के दो बार सांसद रहे शिवसेना नेता अडसूल के कारण तत्कालीन कलेक्टर को जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में कक्ष देना पडा था.
* प्रवीण पोटे से भी उलझी ठाकुर
विधायक ठाकुर की इसी दौरान भाजपा नेता प्रवीण पोटे से भी थोडी बहस हो गई. पोटे ने व्यवस्था दी थी कि, इतना बडा जिलाधिकारी कार्यालय है. आप दूसरा कक्ष भी सांसद वानखडे के लिए ले सकती है. उसी कक्ष की जिद ठीक नहीं. पोटे ने समझाने का प्रयास किया, तो यशोमति उनसे उलझ गई. किंतु बाद में उन्होंने कहा कि, ‘तुम्ही थांबा ना भाउ’. ठाकुर और उनके समर्थकों ने भाजपा सरकार के विरोध में नारे भी लगाये.