सन 67 के चुनाव में कांग्रेस ने किया था ‘क्लिन स्वीप’
8 में से 7 सीटों पर हासिल की थी जीत
* बडनेरा सीट पर रिपाइं को मिली थी सफलता
* नए सिरे से हुआ था विधानसभा सीटों का परिसीमन
* वलगांव निर्वाचन क्षेत्र दुबारा आया था अस्तित्व में
* जिले में विधानसभा सीटों की संख्या हुई थी 8
* अपने चौथे चुनाव में पी. के. देशमुख की हुई थी हार
* चांदूर से भाऊराव जाधव ने लगातार दूसरी जीत की थी हासिल
अमरावती /दि. 15- वर्ष 1967 में महाराष्ट्र विधानसभा हेतु कराए गए दूसरे चुनाव के लिए एक बार फिर विधानसभा सीटों का जनसंख्या के लिहाज से परिसीमन किया गया था. जिसके चलते अमरावती जिले में एक बार फिर विधानसभा सीटों की संख्या 7 से बढकर 8 हो गई. तथा सन 52 के चुनाव के समय अस्तित्व में रहनेवाली तथा वर्ष 1957 के विधानसभा चुनाव के वक्त निरस्त की गई वलगांव विधानसभा सीट को दस वर्ष बाद एक बार फिर अस्तित्व में लाया गया था और जिले में कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव कराए गए थे. जिसमें से 7 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. वहीं बडनेरा के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने एक सीट जीती थी. विशेष उल्लेखनीय है कि, रिपाइं ने बडनेरा सहित दर्यापुर, मेलघाट व चांदुर रेलवे सीट से अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे थे. जिसमें से बडनेरा सीट जीतने के साथ ही अन्य तीन सीटों पर रिपाइं प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे. इसके अलावा इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अचलपुर, मोर्शी व चांदुर रेलवे विधानसभा क्षेत्रों से अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे थे और मोर्शी व अचलपुर में भाकपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे.
सन 1967 के चुनाव की सबसे बडी खासियत यह रही कि, सन 52 से लेकर सन 62 तक एक बार वलगांव व दो बार बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विजयी होकर लगातार तीन बार जीत दर्ज करनेवाले और तीनों ही बार राज्य सरकार में मंत्री बनाए गए पी.के. उर्फ पुरुषोत्तम देशमुख को अपने चौथे चुनाव में बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से रिपाइं प्रत्याशी के.बी. श्रुंगारे के हाथों करीब साढे आठ हजार वोटों के फर्क से हार का सामना करना पडा. वहीं दूसरी ओर चांदुर रेलवे विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी भाऊराव जाधव ने सन 62 की सफलता को दोहराते हुए लगातार दूसरी बार जीत हासिल की. इसके अलावा जिले की अन्य 6 विधानसभा सीटों पर भी चुनावी मुकाबले काफी रोचक रहे.
* राज्य में बढी थी 6 सीटें, वसंत नाईक की सरकार बनी
बता दे कि, वर्ष 1962 में महाराष्ट्र विधानसभा हेतु हुए पहले चुनाव के लिए राज्य में कुल 264 विधानसभा सीटें थी. वहीं वर्ष 1967 में हुए चुनाव के लिए नए सिरे से किए गए परिसीमन के बाद राज्य में 270 सीटें तय की गई यानी पूरे राज्य में 6 विधानसभा सीटें बढ गई थी. इनमें अमरावती जिले की वलगांव सीट का भी समावेश था. सन 67 में हुए विधानसभा चुनाव पश्चात 270 में 203 सीटें कांग्रेस ने जीती थी और एकतरफा बहुमत के आधार पर कांग्रेस की राज्य में सरकार बनी थी. उस समय वसंतराव नाईक मुख्यमंत्री बने थे और उनके नेतृत्व में राज्य सरकार का गठन किया गया था. जिसमें दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी नारायणराव देशमुख को भी मंत्री के तौर पर शामिल किया गया था. वहीं बालासाहब भारदे को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था.
* अमरावती में महज 950 वोटों की लीड से जीते थे के. एन. नवाथे
वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहनेवाले के. एन. नवाथे व एसएसपी प्रत्याशी बापुसाहेब उर्फ बी. डी. कारंजीकर के बीच बेहद कडा मुकाबला हुआ था. जिसमें मात्र 950 वोटो की लीड से नवाथे ने जीत हासिल की थी. उस चुनाव में अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 87,558 मतदाता पंजीकृत थे. जिसमें से 52,220 यानी 59.64 फीसद मतदाताओं ने अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया था और 49,312 वोट वैध पाए गए थे. इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी नवाथे ने 21,634 यानी 43.87 फीसद तथा एसएसपी प्रत्याशी बापुसाहेब कारंजीकर ने 20,663 यानी 41.90 फीसद वोट हासिल किए थे.
* बडनेरा में हुआ था बडा उलटफेर
हैट्रीक लगा चुके पी. के. देशमुख की हुई थी हार
उधर बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सन 67 का चुनावी नतीजा काफी उलटफेर वाला रहा. जहां पर तीन बार के मंत्री रह चुके और लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीतनेवाले पी. के. उर्फ पुरुषोत्तम देशमुख को हार का सामना करना पडा. पी. के. देशमुख अपना पहला चुनाव सन 52 में वलगांव सीट से जीता था. वहीं इसके पश्चात वलगांव सीट निरस्त हो जाने के चलते उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर सन 57 व 62 का चुनाव बडनेरा सीट से लडा और जीता था. साथ ही वे तीनों ही बार मंत्री बनाए गए थे. लेकिन वर्ष 1967 के चुनाव में पी. के. देशमुख को बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से रिपाइं प्रत्याशी के. बी. श्रुंगारे के हाथों करीब साढे आठ हजार वोटो के फर्क से हार का सामना करना पडा. बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 88,921 मतदाता पंजीकृत थे. इनमें से 63,873 यानी 58.83 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 60,065 वोट वैध पाए गए थे. इसमें से रिपाइं प्रत्याशी श्रुंगारे 31,744 यानी 52.85 तथा कांग्रेस प्रत्याशी पी. के. देशमुख को 23,091 यानी 38.44 फीसद वोट मिले थे.
* चांदुर रेलवे में भाऊराव जाधव ने कायम रखा था अपना गढ
चांदुर रेलवे विधानसभा सीट पर वर्ष 1962 के चुनाव में विजयी रहनेवाले भाऊराव जाधव ने वर्ष 1967 के चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी और वे अपना किला बचाए रखने में कामयाब भी रहे थे. उस चुनाव में चांदुर रेलवे विधानसभा क्षेत्र से कुल 95,329 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 70,855 यानी 74.33 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और इसमें से 65,292 वोट ही वैध पाए गए थे. इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी भाऊराव जाधव को 28,427 यानी 43.54 फीसद तथा रिपाइं प्रत्याशी एफ. बी. मोरे को 17,993 यानी 27.50 फीसद वोट मिले थे और करीब साढे ग्यारह हजार वोटो की लीड से कांग्रेस प्रत्याशी जाधव ने जीत हासिल की थी.
* दर्यापुर में भी हुआ था उलटफेर, जे. डी. पाटिल हारे थे
सन 1962 के चुनाव में दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होनेवाले जगन्नाथ देवराव पाटिल उर्फ जे. डी. पाटिल सांगलुदकर को सन 1967 के चुनाव में रिपाइं प्रत्याशी के तौर पर हार का सामना करना पडा था. वहीं सन 67 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नारायणराव उत्तमराव देशमुख ने चुनाव जीता था. जिन्हें तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. विशेष उल्लेखनीय है कि, जे. डी. पाटिल को कांग्रेस प्रत्याशी एन. यु. देशमुख के हाथों मात्र 1,465 वोटो के फर्क से हार का सामना करना पडा था. उस चुनाव हेतु दर्यापुर क्षेत्र से 86,827 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 70,420 यानी 81.10 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 67,843 वोट वैध पाए गए थे. जिसमें से कांग्रेस प्रत्याशी नारायण देशमुख को 34,463 यानी 50.80 तथा रिपाइं प्रत्याशी जे. डी. पाटिल को 33,002 यानी 48.64 फीसद वोट मिले थे.
* मेलघाट से दयाराम पटेल हुए थे विजयी
आदिवासी बहुल मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से सन 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी दयाराम एन. पटेल ने कांग्रेस प्रताशी के तौर पर पहली बार चुनाव लडते हुए शानदार जीत हासिल की थी. विशेष उल्लेखनीय है कि, सन 67 के चुनाव में मेलघाट के विधायक निर्वाचित होनेवाले दयाराम पटेल के बेटे राजकुमार पटेल भी आगे चलकर मेलघाट के विधायक निर्वाचित हुए और इस समय राजकुमार पटेल विधानसभा में मेलघाट क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे है. सन 1967 के चुनाव में मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से 78,488 मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिसमें से 41,756 यानी मात्र 53.20 फीसद मतदाताओ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और केवल 38,150 वोट ही वैध पाए गए थे. जिसमें से कांग्रेस प्रत्याशी दयाराम पटेल को 21,004 यानी 55.06 तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को कांग्रेस प्रत्याशी एस. चिनू को 14,602 यानी 38.28 फीसद वोट मिले थे. जिसके चलते करीब साढे 6 हजार वोटो की लीड से दयाराम पटेल चुनाव जीतकर विधायक बने थे.
* अचलपुर से नरसिंगराव तलवेलकर ने जीता था चुनाव
अचलपुर क्षेत्र में राजनीतिक व सहकारिता पर मजबूत पकड रखनेवाले नरसिंगराव देशमुख तलवेलकर ने सन 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर करीब 11 हजार वोटो की लीड के साथ शानदार जीत हासिल की थी. विशेष उल्लेखनीय है कि, अचलपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति सहित तहसील के सहकारी क्षेत्र पर अपनी मजबूत पकड रखनेवाले राजाभाऊ देशमुख तलवेलकर इन्हीं नरसिंगराव देशमुख तलवेलकर के सुपुत्र है और अपने पिता की विरासत को आगे बढा रहे है. वर्ष 1967 के चुनाव हेतु अचलपुर क्षेत्र में 93,483 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 69,095 यानी 73.91 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसमें से 63,570 वोट वैध पाए गए थे. उस समय कांग्रेस प्रत्याशी नरसिंगराव देशमुख तलवेलकर को 31,002 यानी 48.77 फीसद तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व भाजपा प्रत्याशी डब्ल्यू. डी. देशमुख को 20,135 यानी 34.67 फीसद वोट हासिल हुए थे.
* मोर्शी में कृष्णराव वानखडे ने हासिल की थी जीत
मोर्शी निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 1967 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर कृष्णराव वानखडे ने जीत हासिल की थी. वहीं इस चुनाव में भाकपा ने भी मोर्शी सीट पर अच्छा प्रदर्शन किया था और भाकपा प्रत्याशी एन. डी. नागले दूसरे स्थान पर रहे थे. सन 1967 के चुनाव में मोर्शी सीट हेतु 89,088 मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिनमें से 62,112 यानी 69.72 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 57,367 वोट वैध पाए गए थे. इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णराव वानखडे को 28,209 यानी 49.17 फीसद वोट मिले थे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व भाकपा प्रत्याशी एन. डी. नागले को 10,137 यानी 17.67 फीसद वोट प्राप्त हुए थे.
* वलगांव सीट जीती थी उत्तमराव महल्ले ने
परिसीमन के बाद एक बार फिर अस्तित्व में आई वलगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उत्तमराव महल्ले कडे मुकाबले में शानदार जीत हासिल की थी. उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महल्ले को 26,761 तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व पीडब्ल्यूपी प्रत्याशी बी. वी. बोंडे को 25,185 वोट हासिल हुए थे और लगभग डेढ हजार वोटो की लीड से कांग्रेस प्रत्याशी महल्ले ने जीत हासिल की थी. बता दे कि, उत्तमराव महल्ले मुलत: अमरावती के नवसारी परिसर निवासी थे और उन्हीं के परिवार से वास्ता रखनेवाली निलिमा महल्ले आज राजनीति व सहकारिता के क्षेत्र में अच्छी-खासी सक्रिय नेत्री है.
वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में वलगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 84,676 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 61,589 यानी 72.73 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 55,567 वोट वैध पाए गए थे. इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी महल्ले को 26,761 यानी 48.16 फीसद और पीडब्ल्यूपी प्रत्याशी बोंडे को 25,185 यानी 45.32 फीसद वोट मिले थे.
* विधानसभा निहाय हुए मतदान तथा वैध मतदान व प्रतिशत की स्थिति
विधानसभा क्षेत्र कुल मतदाता प्रत्यक्ष मतदान वैध वोट मतदान प्रतिशत
अमरावती 87,558 52,220 49,312 59.64
बडनेरा 88,921 63,873 60,065 71.83
दर्यापुर 89,827 70,420 67,843 81.10
मेलघाट 78,488 41,756 38,150 53.20
चांदूर रेल्वे 95,329 70,855 65,293 74.33
अचलपुर 93,483 69,095 63,570 73.91
मोर्शी 89,088 62,112 57,367 69.72
वलगांव 84,676 61,589 55,567 72.72
कुल 7,07,370 4,91,920 4,49,167 69.55
* सन 67 के चुनाव में विजयी प्रत्याशी व उनके हासिल वोट
निर्वाचन क्षेत्र विजयी प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट प्रतिशत
अमरावती के.एन. नवाथे (कांग्रेस) 21,634 43.87
बडनेरा के.बी. श्रुंगारे (आरपीआय) 31,744 52.85
दर्यापुर नारायण उत्तमराव देशमुख (कांग्रेस) 34,467 50.80
मेलघाट दयाराम एन. पटेल (कांग्रेस) 21,004 55.06
चांदूर रेल्वे भाऊराव जाधव (कांग्रेस) 28,427 43.54
अचलपुर नरसिंगराव देशमुख (कांग्रेस) 31,002 48.77
मोर्शी कृष्णराव वानखडे (कांग्रेस) 28,209 49.17
वलगांव उत्तमराव महल्ले (कांग्रेस) 26,761 48.16
* विधानसभा क्षेत्र निहाय प्रमुख प्रत्याशियों की स्थिति (हासिल वोट व प्रतिशत)
– अमरावती
के.एन. नवाथे (कांग्रेस) 21,634 43.87
बी.डी. कारंजीकर (एसएसपी) 20,663 41.90
डी.वी. खेडकर (बीजेएस) 6,147 12.47
ए.एस. ढोले (निर्दलीय) 662 1.34
आर.एस. पांडे (निर्दलीय) 206 0.42
– बडनेरा
के.बी. श्रुंगारे (आरपीआय) 31,744 52.85
पी.के. देशमुख (कांग्रेस) 23,091 38.44
पी.जी. देव (बीजेएस) 2,977 4.96
वाय.बी. खंडारे (निर्दलीय) 1,902 3.17
आर.के. कनोडिया (पीएसपी) 351 0.58
– दर्यापुर
नारायण उत्तमराव देशमुख (कांग्रेस) 34,467 50.80
जगन्नाथ देवराव पाटिल (रिपाइं) 33,002 48.64
ए.पी. मडघे (बीजेएस) 374 0.55
– मेलघाट
दयाराम एन. पटेल (कांग्रेस) 21,004 55.06
एस. चिनू (रिपाइं) 14,602 38.28
बी. अमाल्या (बीजेएस) 2,544 6.67
– चांदूर रेल्वे
भाऊराव जाधव (कांग्रेस) 28,427 43.54
पी.बी. मोरे (रिपाइं) 17,993 27.50
एन.जे. बनसोड (बीजेएस) 10,539 16.14
एस.वी. नाहटे (भाकपा) 8,333 12.76
– अचलपुर
नरसिंगराव देशमुख (कांग्रेस) 31,002 48.77
डब्ल्यू.डी. देशमुख (भाकपा) 20,135 31.67
एम.बी. पाटिल (निर्दलीय) 8,022 12.62
के.बी. हावरे (बीजेएस) 3,075 4.84
एच.जी. बोबडे (निर्दलीय) 829 1.30
एस.जी. गुलदेवकर (निर्दलीय) 507 0.80
– मोर्शी
कृष्णराव वानखडे (कांग्रेस) 28,209 49.17
एन.डी. नागले (भाकपा) 10,137 17.67
एन.जे. देशमुख (निर्दलीय) 9,388 16.36
पी.डी. रामटेके (रिपाइं) 8,660 15.10
एम.जे. कनाटे (निर्दलीय) 973 4.70
– वलगांव
उत्तमराव महल्ले (कांग्रेस) 26,761 48.16
बी.वी. बोंडे (पीडब्ल्यूपी) 25,185 45.32
एस.एस. खांडे (निर्दलीय) 2,733 4.92
एस.आर. उमेकर (बीजेएस) 888 1.60