बायोमायनिंग प्रकल्प के अटके रहने हेतु खुद कांग्रेस जिम्मेदार
15 साल से टेंडर-टेंडर खेल रही थी कांग्रेस
* मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय का कथन
अमरावती/दि.27– घनकचरा व्यवस्थापन और बायोमायनिंग का मसला वर्ष 2004 से लेकर अब तक लगातार प्रलंबित पडा है. इस दौरान खुद कांग्रेस ने चार बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की, लेकिन एक बार भी यह काम पूरा नहीं हो पाया, जबकि उस वक्त इस काम की लागत काफी कम थी. वहीं आज जब हम इस काम को पूरा करने जा रहे है, तो कांग्रेस इसमें अडंगा डाल रही है. जिसका सीधा मतलब है कि, कांग्रेस आगे भी इस काम को अपने फायदे के लिए लटकाये रखना चाहती है. इस आशय का प्रतिपादन मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय द्वारा किया गया.
उल्लेखनीय है कि, मनपा द्वारा 19 करोड रूपये की लागतवाले बायोमायनिंग प्रकल्प को मंजूरी दी गई है. जिसके तहत सुकली कंपोस्ट डिपो में विगत अनेक वर्षों से जमा कचरे का निस्सारण किया जायेगा. जिससे सुकली परिसर को प्रदूषण मुक्त रखने के साथ-साथ शहर में घनकचरा व्यवस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण की जा सकेगी. किंतु मनपा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने इस काम में आर्थिक अनियमितता होने की शिकायत करने के साथ ही इस पूरी प्रक्रिया को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करायी और इसे मनपा की तिजोरी पर अनावश्यक बोझ बताते हुए टेेंडर प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की. जिस पर पलटवार करते हुए मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय ने कहा कि, खुद कांग्रेस की नाकामी की वजह से यह काम आज तक अटका पडा है. वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक खुद कांग्रेस ने मनपा में अपनी सत्ता रहते समय चार बार टेंडर कॉल किये थे. जिसके तहत रसिका रिसर्च सीडस् प्रा.लि., स्पीड कंबाईन्स प्रा.लि., अजीज इन्फ्रा प्रा. लि. (गुडगांव) तथा इक्टॉल टेक्नॉलॉजी प्रा. लि. (नवी मुंबई) इन कंपनियों द्वारा इस काम का ठेका उठाया गया. किंतु एक भी ठेकेदार द्वारा इस काम को पूरा नहीं किया जा सका. जबकि उस वक्त इस काम की लागत काफी कम थी और सुकली कंपोस्ट डिपो पर कचरे का ढेर भी कुछ कम था. वहीं बायोमायनिंग व सॉलीड वेस्ट ट्रिटमेंट का काम अधर में लटका रहने की वजह से राष्ट्रीय हरीत लवाद द्वारा अमरावती मनपा पर 47 करोड रूपये का दंड लगाया था. वहीं मौजूदा सत्ताधारी दल भाजपा द्वारा वर्ष 2018 में घनकचरा व बायोमायनिंग का काम शुरू करने के संदर्भ में निर्णय लिया गया और काम को शुरू करवाया गया. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने हरित लवाद द्वारा लगाये गये दंड पर स्थगनादेश दिया. अन्यथा कांग्रेस की गलती के भुगतान के तौर पर मनपा को 47 करोड रूपयों का दंड भरना पडता. लेकिन आज वहीं कांग्रेस इस काम का विरोध कर रही है. जबकि कंपोस्ट डिपो की वजह से आज सुकली परिसरवासियोें का स्वास्थ्य खतरे में है और जल्द से जल्द बायोमायनिंग व घनकचरा व्यवस्थापन का काम शुरू करना बेहद जरूरी है.