बच्चू कडू के अनशन को कांग्रेस का विरोध भी, समर्थन भी

शहर कांग्रेस समर्थन में, ग्रामीण पार्टी कडे विरोध में

* मामला किसानों की कर्जमाफी का
अमरावती/ दि. 13- वैसे तो इनकी बोलते नाम की राशि एक ही है. फिर भी इनके विचारों में बडा अंतर स्वाभाविक है. कांग्रेस की ग्रामीण ईकाई ने बच्चू कडू के 6 दिनों से शुरू अनशन आंदोलन को नौटंकी बताया था. वही शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बबलू शेखावत ने कडू के आंदोलन का समर्थन किया. शेखावत गुरूवार को अपने साथी लीडर्स के संग गुरूकुंज मोझरी पहुंचे. उन्होंने अनशनरत बच्चू कडू से भेंट की. इस समय पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. सुनील देशमुख, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे और अन्य लीडर्स उनके साथ थे.


* देशमुख ने बताया नौटंकी
बबलू देशमुख ने बच्चू कडू के आंदोलन को नौटंकी बताया है. मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसान कर्जमाफी का वादा महायुति ने किया था. सत्ता में आने पर भी कर्ज माफी नहीं किए जाने के खिलाफ हमारी पार्टी ने विशाल ट्रैक्टर मोर्चा निकाला. कर्ज माफी करने की मांग कांग्रेस ने पहले उठाई. अब बच्चू कडू केवल नाटक कर रहे हैं.

* शेखावत, देशमुख का समर्थन
इस बीच शहर कांग्रेस अध्यक्ष बबलू शेखावत , डॉ. सुनील देशमुख ने आंदोलन के पांचवे दिन गुरूकुंज मोझरी जाकर बच्चू कडू से भेंट की. उनकी गिरती तबियत के बारे में चिंता व्यक्त की. कडू के आंदोलन का समर्थन घोषित किया. डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि उनकी किसान कर्जमाफी और अन्य 17 प्रमुख मांगे सरकार को तत्काल मान लेना चाहिए. उनका अनशन तुडवाना चाहिए. सरकार ने चुनाव से पहले ही इस बारे मेें आश्वासन दिया था. किसानों का सातबारा पूरा करने का वादा सरकार ने पूरा करना चाहिए.

Yashomati-Amravati-Mandal
* बच्चू से मतभेद किंतु किसानों का कल्याण यह हमारा धर्म
इस बीच पार्टी की वरिष्ठ नेता यशोमती ठाकुर ने बच्चू कडू के साथ राजकीय मतभेद रहने की बात कबूल करते हुए कहा कि किसानों का कल्याण यही हमारे लिए धर्म है. किसानों के मुद्दे पर होनेवाले आंदोलन को मेरा समर्थन हैं. पूर्व मंत्री यशोमती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी, गारंटी मूल्य और सभी मुद्दों पर कांग्रेस ने ठोस भूमिका ली है. पार्टी के घोषणापत्र में भी इन मुद्दों को केन्द्र में रखा गया था. हमारे नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार कर्जमाफी और गारंटी मूल्य का मुद्दा उठाते रहे हैं. एड ठाकुर ने कहा कि प्रदेश मेें पिछले वर्ष 2635 और इस साल अब तक 869 किसानों ने आत्महत्या की है. सिर पर कर्ज, फसल खराब होना और मौसम की बेरूखी के कारण किसान पहले ही संकट में हैं. यशोमती ने आरोप लगाया कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण विदर्भ और मराठवाडा में किसान आत्महत्या का आंकडा अधिक हैं. यशोमती ने कहा कि बच्चू कडू द्बारा रखे गये मुद्दे गंभीरता से ले और किसान कर्जमाफी का फैसला जल्द करें.

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