अमरावती

किसान कानून के खिलाफ कांग्रेस ने उठायी आवाज

पालकमंत्री (Yashomati Thakur) के नेतृत्व में किसान बचाओ रैली

अमरावती/दि.१६ – लोकतंत्र, संविधान व संसद के नियमों को तोडकर केंद्र की भाजपा सरकार ने तीन किसान विरोधी काले कानून लाये है. इन काले कानून के खिलाफ कांग्रेस पक्ष संघर्ष कर रहा है. इसी संघर्ष के तहत गुरूवार, १५ अक्तूबर को महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से भव्य किसान बचाओ रैली वच्र्युअल बैठक का आयोजन किया गया था.
इसमें राज्य के ६ विविध स्थानों से एक ही समय में कांग्रेस के नेताओं ने १० हजार गांवों के ५० लाख किसानों से बातचीत की. इस समय पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर के नेतृत्व में अमरावती जिले में भी रैली संबोधित की गई. अपने न्याय व हक की इस लडाई में किसान भाईयों से बडी संख्या में सहभागी होने की अपील महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने की थी. जिसके अनुसार अमरावती जिले के ग्रामीण परिसरों के हजारों किसान अपने स्तर पर इस रैली से जुडे थे. साथ ही ग्रामीण कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, क्षितिज पैलेस में उपस्थित होकर ऑनलाईन रैली में सहभागी हुए थे.
केंद्र की भाजपा सरकार लगातार उद्योगपतियों के हित में व किसान विरोधी निर्णय ले रही है. अब कृषि व कामगार कानून लाकर मोदी सरकार किसानों व कामगारों को भी बर्बाद करने का प्रयास कर रही है. इस काले कानून से देश के किसान, कामगार बर्बाद होनेवाले है. उन्हें उद्योगपतियों का गुलाम बनाने का यह दांव है. इसके खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने देशव्यापी लडाई शुरू की है. १५ अक्तूबर की दोपहर ४ बजे किसान बचाओ रैली वच्र्यूअल बैठक का आयोजन किया गया था. किसान बचाओ रैली का कार्यक्रम ६ स्थानों से एक ही समय पर हुआ. यह सब कार्यक्रम एक-दूसरे से इंटरनेट कनेक्ट था. छह विविध स्थानों से कांग्रेस नेताओं ने राज्य के किसानों से बातचीत की. अमरावती स्थित किसान बचाओ रैली महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर के नेतृत्व में ली गयी थी.
इस समय पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, डॉ. अमोल देशमुख, सभापति बालासाहब हिंगणीकर, दयाराम काले, सुधाकर भारसाकले, सुनील गावंडे, प्रदीप देशमुख, संजय सरोदे, सलामोद्दीन, कुमार बोबडे, अ. कलीम इ्नबाल, भागवत हांडे, शेख मुख्तार, महेंद्र गहरवाल, हरिराम मालवीय, विलास वानखडे, पूजा येवले, राहुल येवले, राजेंद्र सगणे, मधुकर धांडे, मंगेश कडू, नरेंद्र देशमुख, जुबेर गणी, प्रदीप देशमुख, मुकूंद देशमुख, पंकज देशमुख, हरिभाउ मोहोड, देवेंद्र ठाकरे, प्रदीप देशमुख, सुनील गावंडे, अथकेश कालबांडे, प्रशांत वानखडे, विशाल पवार, राजू कास्देकर, वैभव पवार, रफीउद्दीन सैय्यद, सादत खान, संदीप गावंडे, प्रकाश चव्हाण, ईश्वर बुंदिले, किशोर दाभाडे, लक्ष्मण वानखेडे, दीपक नंदागवली, रमेश बोरा, मोहन तिडके, देवानंद सुने, नरेंद्र मेश्राम उपस्थित थे.

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