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जिले के ग्रापं चुनाव में कांग्रेस रही नंबर वन

सर्वाधिक सरपंच पदों पर मिली जीत

* विधायकों ने अपने-अपने किले बचाए
* भाजपा, प्रहार, सेना व युवा स्वाभिमान को भी मिली सफलता
* कुछ स्थानों पर स्थानीय आघाडियों ने दिखाया कमाल
अमरावती/दि.21- आगामी जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने ग्राम पंचायत चुनाव, विशेषकर सरपंच पद के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी और इस चुनाव में कांग्रेस ने सर्वाधिक सरपंच पदो ंपर जीत दर्ज करते हुए निर्विवाद तौर पर बाजी मारी हैं. कांगेे्रस समर्थित प्रत्याशियों ने भी कई ग्राम पंचायतों में सरपंच पदों पर जीत हासिल की हैं. इसके अलावा सभी विधायकों ने अपने-अपने किलों को बचाने में सफलता प्राप्त की. साथ ही इस चुनाव में भाजपा, ठाकरे गुट वाली शिवसेना, प्रहार, युवा स्वाभिमान, शिंदे गुट वाली शिवसेना सहित स्थानीय स्तर पर बने पैनलों को भी जीत का गुलाल उडाने का पूरा मौका मिला.
यहां ये विशेष उल्लेखनीय है कि चुनावी नतिजे घोषित होने के बाद कई राजनीतिक दलों व्दारा सरपंच अपना ही रहने को लेकर दावे किए जा रहे हैं. कांग्रेस, राकांपा व भाजपा नेताओं व्दारा किए गए अलग-अलग दावों को यदि जोड दिया जाए तो जिले में सरपंचों की संख्या 400 के आसपास जा पहुंचती है. जबकि हकिकत यह है कि जिले में कुल 257 सरपंच पदों के लिए चुनाव हुए हैं. जिसका सीधा मतलब है कि एक-एक सरपंच पद पर कई दलों व्दारा दावा ठोका जा रहा है.
बता दें कि इस बार सरपंच पद के लिए सीधे जनता व्दारा मतदान किया गया. इसमें भी बेलोना, जैनपुर, डवरगांव, सावंगी संगम, सावंगी बु., घोडचंदी व चिखली वैद्य में सरपंच पद का चयन निर्विरोध हुआ. वहीं शेष 257 ग्राम पंचायतों के सरपंच पद हेतु 1 हजार 6 तथा 1657 सदस्य पर हेतु 3893 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. जिसके चलते मंगलवार को चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाला नजारा दिखाई दिया.
खास बात यह रही की चांदूर बाजार तहसील की बेलोरा ग्राम पंचायत में पूर्व राज्यमंत्री व क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू के भाई भैया कडू सरपंच पद के प्रत्याशी थे और उन्होंने भारी लीड के साथ जीत हासिल की है. वहीं धारणी तहसील की झिलपी ग्राम पंचायत में मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल की भतीजी अस्मिता नरेंद्र पटेल ने सरपंच पद पर जीत हासिल की. इस तरह से दोनों विधायकों ने अपने-अपने पैतृक गांवों में अपनी ताकत दिखाई. इसके साथ ही वरुड तहसील में विधायक देवेंद्र भुयार के पैतृक गांव गव्हाणकुंड की ग्राम पंचायत में महाविकास आघाडी की सत्ता आई साथ ही राकांपा के जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे ने अपने कामुंजा गांव में अपना जिला बचाए रखा.
* कई स्थानों पर रोचक रहे नतीजे
उधर मोर्शी तहसील की तलनी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर जयश्री पांडे तथा सदस्य पद पर राजेश पांडे विजयी हुए हैं. यह दोनों पति-पत्नी है और उनकी जीत क्षेत्र में चर्चा का विषय हैं. इसके अलावा अचलपुर तहसील की शाहनुर ग्राम पंचायत में वार्ड क्रमांक 2 के दोनों प्रत्याशियों को मतदाताओं ने नकार दिया. यहां पर नोटा को सर्वाधिक 135 वोट मिले. वहीं कमल ताथौड को 132 व प्रिया नितनवरे को 120 वोटों पर संतोष करना पडा, लेकिन चूंकि ग्रापं चुनाव में नोटा का पर्याय ग्राह्य नहीं माना जाता. अत: दूसरे स्थान पर रहने वाले कमल ताथौड को विजेता घोषित किया गया. इसके अलावा वर्ष 2019 से 2022 के दौरान अचलपुर पंचायत समिति की सभापति रहनेवाली कविता बोरेकर सावली दातुरा ग्राम पंचायत चुनाव में सरपंच पद पर विजयी हुई हैं. इसके साथ ही अंजनगांव सुर्जी तहसील की जवर्डी ग्राम पंचायत में सरपंच पद के दोनो प्रत्याशियों को एक समान वोट मिले थे. जहां पर एक डाक वोट के चलते सरपंच पद पर प्रमोद ढोक विजयी हुए. इसके अलावा मोर्शी तहसील की हिवरखेड ग्राम पंचायत के प्रभाग क्रमांक 6 में बेहद कम वोटों से पराजीत शारदा वाघमारे ने दोबारा मतगणना करने की मांग की, जिसे निर्वाचन निर्णय अधिकारी ने स्वीकार भी किया. हालांकि दोबारा मतगणना करने के बावजूद भी एक भी वोट का फर्क नहीं पडा. जिसके चलते शारदा वाघमारे को अपने हार स्वीकार करनी पडी.

 

 

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