अमरावतीमहाराष्ट्र

28 साल बाद अमरावती में कांग्रेस की वापसी

प्रतिभाताई पाटिल के बाद बलवंत वानखडे ने जीता लोकसभा चुनाव

* लगभग तीन दशक बाद लोकसभा चुनाव में दिखा पंजा चुनाव चिन्ह
अमरावती/ दि.5– लगभग तीन दशक बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अमरावती संसदीय क्षेत्र से पंजे पर चुनाव लडा और अमरावती सीट पर फिर से अपना कब्जा कर लिया. वर्ष 1991 में अमरावती संसदीय क्षेत्र से प्रतिभाताई पाटिल सांसद थी. उसके बाद 2024 में मविआ की तरफ से कांग्रेस को अमरावती संसदीय क्षेत्र की सीट छोडे जाने पर पंजा चुनाव चिन्ह पर बलवंत वानखडे निर्वाचित हुए. उनकी जीत के कारण अमरावती में कांग्रेस की वापसी हुई है.

कांग्रेस ने 1991 में प्रतिभाताई पाटिल को लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा था. उनके निर्वाचन के बाद अब 2024 में करीबन तीन दशक बाद कांग्रेस ने पंजा चुनाव चिन्ह पर जीत हासिल कर अमरावती संसदीय क्षेत्र में वापसी की है. 1991 में प्रतिभाताई पाटिल सांसद होने के बाद 1996 तक उनका कार्यकाल रहा. तत्पश्चात कांग्रेस की यह परंपरागत सीट रिपाई और एनसीपी को दी जाती रही. 1998 में रिपब्लिन पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर रा.सु. गवई ने लोकसभा चुनाव लडा था और चुनाव जीता था. इस चुनाव में कांग्रेस की एकजुटता काफी प्रमुखता से काम आयी. बलवंत वानखडे के प्रचार में सभी कांग्रेसी नेताओं ने एकजुटता दिखाई. हर नेता ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और परपंरागत कांग्रेस की सीट पर 28 वर्षो बाद पुन: कब्जा कर लिया.

* कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है अमरावती
अमरावती लोस सीट कांग्रेस का परंपरागत सीट रही है. 1991 तक यह कांग्रेस की तूती बोलती थी. इस सीट से देश को डॉ. पंजाबराव देशमुख के रूप में पहला कृषि मंत्री मिला था. उसके बाद 1991 में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर जीती प्रतिभाताई पाटिल आगे चलकर देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थी.

 

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