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मोहब्बत की दुकान साबित करें कांग्रेस-कुलकर्णी

अगर मुस्लिम वोंट के भरोसे जीत कर आए हो तो, विधानसभा चुनाव में दे प्रतिनिधित्व

* पत्रवार्ता में अबकी बार मुस्लिम विधायक की मांग को ठहराया सही
अमरावती/दि.27- भारतीय जनता पार्टी एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देती, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्री मंडल में भी एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. इस लिए हमारे नाम का ढिंढोरा पीटने वाली कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में सहज जीत देने वाले मुस्लिम समाज को विधानसभा चुनाव में अमरावती से उम्मीदवारी देकर उस समाज को न्याय दे और इस बार के अमरावती विधानसभा चुनाव में मुस्लिम प्रत्यार्शी देकर अपनी मोहब्बत की दुकान साबित करें. कांग्रेस से इस तरह की मांग भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने आज पत्रवार्ता के दौरान उठाई है. वे स्थानीय राजापेठ स्थित श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित पत्रवार्ता के दौरान बोल रहे थे.
कुलकर्णी ने पत्रवार्ता में आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में देश में लगातार तीसरी बार राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का पराजय हुई. फिर भी कांग्रेस अपनी जीत के गीत गा रहे है. कांग्रेस की जिन किसी थोडी बहुत जगा बढी या देशभर में जो कुछ थोडी बहुत वोटो का प्रतिशत बढा है, उसका पूरा श्रेय मुस्लिम समाज को जाता है. अमरावती लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के सही हकदार मुस्लिम मतदाता है. उन्हें भी अमरावती विधानसभा क्षेत्र से मिली आघाडी निर्णायक है. अमरावती कांग्रेस को मिली विक्रमी व निर्णायक आघाडी का संपूर्ण श्रेय मुस्लिमों का है. कुलकर्णी ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता से ज्यादा मुस्लिम समाज का योगदान बडा है. कांग्रेस पर चुटकी मारते हुए कहा कि चुनाव में वोटर्स बाहर निकालने के लिए पार्टी ने जो पैसे भेजे थे. उसे वापस कर मुुस्लिम वोटर्स ने चंदा जमा कर अपने कर्तव्य को निभाया है. कांग्रेस के अनुभव पर हम हमेशा ही कहते रहते है कि कांग्रेस मुस्लिम का इस्तेमाल केवल वोट बैंक के रुप में करती है. भाजपा मुस्लिम विरोधी है. ऐसा नरेटिव्ह प्रचार उन्होनें गठ्ठा वोंट प्राप्त करके जिले में कांग्रेस नेता खुद की रोटी सेक रहे है. सांसद बलवंत वानखडे के जीतने के बाद उनके विजय का श्रेय मुस्लिम समाज को न देते हुए कांग्रेस नेता खुद की ही पीठ थपथपा रहे है. अगर सही में कांग्रेस मोहब्बत की दुकान चलाती है तो वह इसे साबित करने के लिए इस बार के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व दें. ऐसी मांग भी कुलकर्णी ने रखी. इस समय उनके साथ जयंत डेहनकर, दिनेश सुर्यवंशी, विवेक कलोती, सतीश करेसिया, अनिता राज आदि उपस्थित थे.
वर्ष 1978 में भाजपा ने उतारा था मुस्लिम उम्मीदवार
हमकों मुुस्लिम विरोधी ठहराने वाली कांग्रेस आज तक कभी भी अमरावती विधानसभा की उम्मीदवारी मुस्लिमों को नहीं दी. उनके गठ्ठा वोंट के लिए वोट बैंक के रुप में इस्तेमाल किया गया. उलटा हमने जनता पार्टी के घटक रहते हुए वर्ष 1978 में एड. मुनीर खान उस्मान खान को उम्मीदवारी दी थी. मगर कांग्रेस का अभी तक कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतरा. मुस्लिमों के वोट पर जीत मिलने व चुनाव में अपनी दुकानदारी चलाने की कांग्रेस की मानसिकता है. ऐस आरोपी भी कुलकर्णी ने लगाया.

64 हजार से अधिक वोट मुस्लिमों ने कांग्रेस को दिए
लोकसभा चुनाव में अमरावती विधानसभा चुनाव क्षेत्र से 1 लाख 99 हजार 242 मतदाताओं ने अपना मतदान किया. जिसमें से कांग्रेस के बलवंत वानखडे को 1 लाख 14 हजार 702 ऐसे विक्रमी मतदान हुआ. जिसमें से आधे से अधिक हिस्सा मुस्लिम समाज का है. नवनीत राणा को सिर्फ 73 हजार 361 वोट मिले. अमरावती विधानसभा क्षेत्र में 64 हजार से अधिक वोट मुस्लिमों ने कांग्रेस को दिए. खास बात यह कि चुन कर आए ऐसी जगह पर प्रियंका वाडरा व हार कर आने वाली जगह पर मागासवर्गीय के. सुरेश ऐसे मोहब्बत की दुकान न चलाकर मुस्लिमों को न्याय देकर दिखाने का आवाहन भी शिवराय कुलकर्णी ने पत्रवार्ता के दौरान किया.

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