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संभाग में संगठन मजबूत करने का कांग्रेस का प्रयास

हाथ से हाथ जोडो अभियान

अमरावती/ दि. 17 – सांसद राहुल गांधी की भारत जोडो पद यात्रा के बाद कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोडो अभियान शुरू किया है. विशेषकर पश्चिम विदर्भ अर्थात अमरावती संभाग में भारत जोडो यात्रा गुजरी थी. बढिया रिस्पॉन्स मिला था. जिससे चुनाव के पहले कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोडो नया अभियान छेड दिया है. मनपा, जिला परिषद चुनाव को लेकर अनिश्चितता रहने पर भी कांग्रेस ने उसकी तैयारी आरंभ कर दी है. संभाग में तिवसा की विधायक यशोमती ठाकुर पर विशेष जिम्मेदारी है. अमरावती की विधायक सुलभाताई खोडके, दर्यापुर के बलवंत वानखडे, मलकापुर के राजेश एकडे, रिसोड के अमित झनक आदि पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश कायम रखने प्रयासरत है. दूसरी तरफ अमरावती में पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख का गट भी सक्रिय हुआ है. देखना होगा कि पश्चिम विदर्भ में यह यात्रा पार्टी में कितनी नई उर्जा का संचार करती है.
पश्चिम विदर्भ किसी समय कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग माना जाता था. किंतु कालांतर में पार्टी यहां कमजोर होती गई. संभाग में अभी कांग्रेस के 5 विधायक है. जिसमें से 3 ठाकुर, वानखडे, खोडके, अमरावती जिले के है. जिले में पार्टी की पकड बनाए रखने की चुनौती बनी हुई है. प्रदेश में सतांतर पश्चात परिस्थिति बदली है. ऐसे में पार्टी की अंतर्गत कलह से मार्ग निकालकर कांग्रेस हाथ से हाथ जोडो अभियान छेडे हुए है.
अमरावती जिले में गत 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोडो मुहीम शुरू की जानी थी. किंतु पार्टी नेताओं के निर्देश पर गत 14 मार्च से अमरावती में अभियान छेडा गया है. पार्टी सांसद राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा पश्चिम विदर्भ के वाशिम, अकोला, बुलढाणा जिलों से गई थी. उस दौरान कार्यकर्ताओं में बडा जोश नजर आया. सांसद गांधी का संदेश आमजनों तक पहुंचाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है. गांव, ब्लॉक से लेकर तहसील व जिलास्तर पर समानांतर रूप से स्थानीय नेता और पदाधिकारी आयोजन कर रहे है. प्रभातफेरी, पदयात्रा, बैठक, सभाओं का समावेश है. इसके माध्यम से वोटर्स तक पहुंचने का पार्टी का उद्देश्य है. किंतु बगैर किसी इलेक्शन के कार्यकर्ताओं को जमा करना मुश्किल होता है. यही बात पार्टी नेताओं क लिए चुनौती बनी हुई है.

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