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सोनिया गांधी की ईडी जांच के विरोध में कांग्रेस का निषेध प्रदर्शन

जिला व शहर कांग्रेस कमिटी का संभागीय आयुक्त को निवेदन

* केंद्र सरकार पर लगाये विपक्ष का दमन करने के आरोप
अमरावती/दि.21 – कांग्रेस पक्षाध्यक्ष सांसद सोनिया गांधी को ईडी द्बारा नोटीस जारी कर 21 जुलाई को ईडी कार्यालय में पेश होने को कहा गया है. जिसके खिलाफ आज कांग्रेस के शहर व ग्रामीण कार्यकारिणी द्बारा संभागीय आयुक्तालय पर निषेध प्रदर्शन किया गया. केंद्र सरकार केंद्रीय जांच यंत्रणाओं के माध्यम से विरोधी पार्टीयों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें फसाने का प्रयास कर रही है. विपक्ष का दमन करने की नीति पर भाजपा सरकार चल रही है. लेकिन केंद्र सरकार अपने मनसूबों में कामयाब नहीं होगी. केंद्र सरकार का विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास हो रहा है. इसका कडा विरोध किया जाएगा. ऐसी चेतावनी कांग्रेस के नेताओं ने संभागीय आयुक्त को सौंपे निवेदन में दी है.
मोदी सरकार ने देश में महंगाई व बेरोजगारी को बढावा दिया. अन्य धान्यों पर जीएसटी लगाकर महत्वपूर्ण विषयों से ध्यान भटकाने के लिए विरोधियों पर ईडी के माध्यम से कार्रवाई का षडयंत्र रचा गया है, यह आरोप कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने किया. संभागीय आयुक्त को निवेदन देने पहुंचे पूर्व मंत्री वसंतराव पुरके, एड. यशोमति ठाकुर, अनिरुद्ध देशमुख, पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप, पूर्व मंत्री डॉ. सुनिल देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, वजाहत मिर्जा, अमित झनक, पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे, दिलीप एडतकर, शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, अशोक मानकर, विलास इंगोले, सुधाकर भारसाकले, बालासाहब हिंगणीकर, हरिभाउ मोहोड, संजय लायदे, मिलिंद चिमोटे, अनंत साबले, प्रकाश कालबांडे, भैय्या मेटकर, प्रदीप देशमुख सहित सैकडों कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का निषेध कर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा.
स्थानीय इर्विन चौक से इस निषेध मोर्चे की शुरुआत हुई. केंद्र सरकार विरोधियों को खत्म करने का षडयंत्र रच रही है, ऐसी प्रतिक्रिया इस वक्त पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने व्यक्त की. यहां से कांग्रेस का मोर्चा संभागीय आयुक्तालय की ओर निकला. मोर्चे में प्रकाश तायडे, भैय्यासाहब पवार, किशोर बोरकर, अंजली ठाकरे, अशोक डोंगरे, मुन्ना राठोड, नंदकिशोर कुईटे, संजय वाघ, साजिद खां पठाण, प्रकाश वानखडे, संजय वानखडे, हासिफ तवक्कल, सुजाता झाडे, जयश्री वानखडे, शोभा शिंदे, अनिला काजी, उत्कर्ष देशमुख, मिर्जा जहीर बेग, अब्दूल कलीम अब्दूल कलाम, निखिल कोकाटे, संजय वानखडे, नरेंद्र हगवणे, प्रदीप वानखडे, श्रीधर काले, श्रीकांत झोडगे, किशोर देशमुख, बाबुराव जवंजाल, प्रमोद दालु, राजा चौधरी, पंकज विधले, दयाराम काले, गिरीष कराले, भूषण कोकाटे, सागर ठाकरे, दिपक सवई, प्रकाश साबले, अमोल जाधव, ईश्वर बुंदीले, राजेश चव्हाण, विनोद पवार, सिद्धार्थ बोबडे, अजित खान पठाण, वंदना थोरात, शितल देशमुख, मैथीली पाटील, अब्दूल रफिक, रफिक चिकुवाले, नजिर खान बीके, मतिन अहमद, सुनिल कांडलकर, प्रा. अनिल देशमुख, अनिल देशमुख, गजानन रडके, किर्तीमाला चौधरी, प्रदीप शेवतकर, कल्पना शेवतकर, आस्मा परवीन, कलाम ठेकेदार, देवदत्त गेडाम, अभिनंदन पेंढारी, योगिता गिरासे, गजानन जाधव, विजय वानखडे, गजानन जाधव, सुनिल जावरे, गोपाल धर्माले, धिरज हिवसे, दिपकसिंग सलूजा, अतुल कालबांडे, शक्ति दीक्षित, प्रमोद राउत, एजाज पहलवान, सरफराज हुसैन रज्जु बाबा, देवदत्त गेडाम, प्रकाश पहुरकर, गिरीष चौधरी, सादिक शाह, सुरेश इंगले, मोहन पुरोहित, राजेश चव्हाण, विजय आठवले, सम्पत थोरात, अंकुश डहाके, अनिकेश देशमुख, वैभव देशमुख, डॉ. मतिन अहमद, अरुण जयस्वाल, सलिम बेग, अरुण बनारसे, सुनिल पडोले, गुड्डू हमीद, निसार खान, असलम सलाट, खोजयामा खुर्रम, गजानन राजगुरे, दिनेश खोडके, राजीव बेले, राहुल तायडे, प्रशांत महल्ले, आशा अघम, बाबर कुरैशी, अमर देशकर, मोहम्मद निजाम, विजय शिंदे, प्रभाकर वालसे, राजा बांगडे, समिर जवंजाल, अभिनय अभ्यंकर, लखन यादव, बापुराव तालन, मुकेश छांगानी, निलेश कंचनपुरे, सचिन निकम, नितीन काले, किशोर रायबोले सहित जिला कांग्रेस के सभी पदाधिकारी तहसील अध्यक्ष बडी संख्या में उपस्थित थे.

चाहे जान चली जाये, पर तानाशाही नहीं सहन करेंगे
मोदी सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर का एल्गार
काँग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के खिलाफ की जा रही ईडी की जांच का विरोध करने हेतु कांग्रेस पार्टी द्वारा किये गये निषेध आंदोलन में जिले की कांग्रेस नेत्री व पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कहा कि, यदि हम लोगों की जान भी चली जाती है, तो ठीक है, लेकिन हम मोदी सरकार की मनमानी और तानाशाही को स्वीकार नहीं करेंगे. पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की तबियत ठीक नहीं है और वे अस्पताल में इलाज करा रही है. लेकिन उन्हें मोदी ने ईडी का सहारा लेकर जांच के लिए बुलवाया है. जिसका सीधा मतलब है कि, केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा केंद्र सरकार के इशारे पर काम किया जा रहा है और सभी कार्रवाईयां राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत की जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए काफी घातक है.

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