अमरावती

अमरावती संसदीय क्षेत्र पर कांग्रेस का ही हक

पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने पार्टी की समीक्षा बैठक में रखी अपनी भूमिका

* प्रदेश कार्यालय में हुई कांग्रेसजनों की समीक्षा बैठक
अमरावती/दि.3 – अमरावती संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति बेहद मजबूत है और यहां से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को निश्चित तौर पर जीत मिल सकती है. ऐसे में महाविकास आघाडी के तहत अमरावती संसदीय सीट को कांग्रेस के हिस्से में दिया जाना चाहिए और हम अमरावती संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी को हर हाल में जीताकर दिखाएंगे. इस आशय की भूमिका पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के समक्ष पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर द्बारा रखी गई.
गत रोज मुंबई के तिलक भवन स्थित प्रदेश कांग्रेस कमिटी कार्यालय में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले की अध्यक्षता तथा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बालासाहब थोरात, पूर्व केंद्रीय मंत्री विलासराव मुत्तेमवार, सोशल मीडिया प्रमुख विशाल मुत्तेमवार, देवानंद पवार, पूनम पटेल, ओबीसी सेल के प्रमुख अरविंद माली व पूर्व मंत्री नसीम खान की प्रमुख उपस्थिति में पार्टी की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें सीटों के संभावित बंटवारे को लेकर विचार विमर्श करने के साथ ही जिन-जिन सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत है, उन सीटों को कांग्रेस के हिस्से में रखने के बारे में भी विचार विनिमय किया गया. इस समय पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर की अगुवाई में जिले के वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी भी बैठक में शामिल हुए थे. जिन्होंने अमरावती संसदीय सीट पर कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बताते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी खडा करने की मांग उठाई. विधायक यशोमति ठाकुर द्बारा रखी गई. इस भूमिका का बैठक में उपस्थित कांग्रेस के अमरावती ग्रामीण जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख सहित सभी उपस्थित पदाधिकारियों ने समर्थन किया.
इस बैठक में पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर, विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व विधायक विरेंद्र जगताप, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर, प्रदेश सचिव किशोर बोरकर, प्रदेश उपाध्यक्ष भैया पवार, पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे, महिला शहराध्यक्ष अंजलि ठाकरे, युवक कांग्रेस के पंकज मोरे, नीलेश गुहे व संकेत कुलट आदि की उपस्थिति रही. इन सभी कांग्रेस पदाधिकारियों ने अमरावती संसदीय सीट पर कांग्रेस का दावा रहने की बात कहीं.
* वर्ष 2019 के सीटों के बंटवारे का फार्मूला मान्य नहीं
वहीं इस समीक्षा बैठक में राज्य की सभी 48 संसदीय सीटों के बारे में समीक्षा करते हुए कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया कि, महाविकास आघाडी में संसदीय क्षेत्रों का बंटवारा करते समय वर्ष 2019 के चुनावी नतीजों का आधार नहीं लिया जाएगा. उस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल एक ही सीट पर जीत मिली थी. ऐसे में यदि उस नतीजों को आधार माना जाता है, तो महाविकास आघाडी में सीटों का बंटवारा करते समय कांग्रेस के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो सकता है. जबकि 2019 की स्थिति में और आज की स्थिति में काफी फर्क है. ऐसे में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सीटों के बंटवारें का निर्णय लेना जरुरी है. इस समय कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों का यह भी कहना रहा कि, यदि आपसी समन्वय के साथ सीटों का बंटवारा होता है और महाविकास आघाडी में शामिल तीनों दल एकसाथ मिलकर चुनाव लडते है, तो भारतीय जनता पार्टी को पराजीत करना बिल्कूल भी मुश्किल नहीं है. इसके लिए बेहद जरुरी है कि, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जमीनी स्थिति का आकलन किया जाए. इस हेतु समीक्षा बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस के सभी नेताओं द्बारा पूरे राज्य का दौरा किया जाएगा और महाविकास आघाडी में सीटों का बंटवारा होने से पहले ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके आधार पर पार्टी द्बारा अपने हिस्से में रहने वाली सीटों के लिए दावा पेश किया जाएगा.

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