अमरावतीमहाराष्ट्र

‘एचटीबीटी’ बीजों की बिक्री में 4 राज्यों के दलालों का कनेक्शन

तेलंगणा, आंध्र, गुजरात व मप्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है दलाल

अमरावती/दि.29– करीब एक माह बाद शुरु होने जा रहे खरीफ सीजन की तैयारी अब किसानों सहित कृषि विभाग द्वारा की जा रही है. इसी दौरान सरकार की मान्यता नहीं रहनेवाले एचटीबीटी बीजों की बिक्री हेतु तेलंगणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश व मध्य प्रदेश राज्यों में रहनेवाले दलाल अब जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय हो गए है. कृषि विभाग द्वारा बोगस बीजों को लेकर की जानेवाली कार्रवाई के चलते इन राज्यों का कनेक्शन सामने आया है.
अमरावती जिले के धामणगांव, यवतमाल जिले के बाभुलगांव व वर्धा जिले के पुलगांव इन तीन जिला सीमों के त्रिकोण में तथा मध्य प्रदेश की सीमा से सटे वरुड तहसील क्षेत्र में प्रति वर्ष एचटीबीटी बीजों की जमकर बिक्री होती है और इन्हीं क्षेत्रों में कृषि विभाग द्वारा लगातार कार्रवाईयां की जाती है. कपास के लिए किसानों द्वारा केंद्र सरकार की मान्यता प्राप्त बीजी-1 व बीजी-2 वाण की बुआई की जा सकती है. वहीं बीजी-3 यानि एचटीबीटी वाण का प्रयोग करना पर्यावरण अधिनियम के तहत अपराध ठहराया गया है. जिसके लिए 5 वर्ष के कारावास व एक लाख रुपए के दंड का प्रावधान है.
कृषि विभाग द्वारा 15 पथकों का गठन किया गया. जिन्हें जांच के काम पर लगाया गया है. सरकारी मान्यता नहीं रहनेवाले किसी भी बीज की खरीदी किसानों द्वारा किसी अनधिकृत बिक्रेता से न की जाए. सरकारी मान्यता नहीं रहनेवाले एचटीबीटी व किसी अन्य तरह के बीज की खरीदी करने से किसानों के साथ जालसाजी होने के साथ ही पर्यावरण का नुकसान होता है. जिसके चलते पर्यावरण कानून अंतर्गत ऐसे बीजों का प्रयोग कानूनन अपराध ठहराया गया है, ऐसी जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल सातपुते द्वारा दी गई है.

* बोगस बीजों के लिए प्रचलित नामों का प्रयोग
बोगस बीजों की बिक्री हेतु विक्रेताओं द्वारा अपने परिसर में प्रचलित वाण के नामों का प्रयोग करते हुए किसानों को बीजों की डिलिवरी घरपहुंच दी जाती है. जिसके लिए राऊंडअप बीटी, चोर बीटी, बीट गार्ड व एचटीबीटी जैसे नामों का सहारा लेकर बिना रसीद बीजों की बिक्री की जाती है. ऐसे में बोगस व गैरकानून बीजों की बिक्री या बुआई का मामला पाए जाने पर नजदिकी कृषि कार्यालय को तुरंत सूचित किया जाना चाहिए, ऐसा कृषि विभाग द्वारा बताया गया है.

* सीजनपूर्व कपास की बुआई टाले
– बीज के पैकेट सिलबंद व मुहरबंद रहने की पुष्टि करने के बाद ही उनकी खरीदी की जाए. साथ ही बीजों की उपज क्षमता की पुष्टि हेतु पैकेट पर रहनेवाली अंतिम मुदत को भी जरुर देखे.
– बीजी-2 तंत्रज्ञान सभी वाण में एकसमान ही रहता है. अत: किसी एक विशिष्ट वाण की मांग करना टाले और 100 मिमी बारिश हुए बिना कपास की बुआई न करें.
– सीजनपूर्व कपास की बुआई को पूरी तरह से टालने का आवाहन भी कृषि विभाग द्वारा कियाा गया है.

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