6 विधानसभा और 9 तहसीलो में आप ही उम्मीदवार समझो!
नेता कर रहे कार्यकर्ताओं को प्रचार का आवाहन
* गांव-गांव में मतदाताओं से मिलने के अनुरोध पर पर्या
अमरावती/दि.16– अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की विचित्र रचना उम्मीदवार, पार्टी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. उम्मीदवार एक जिले से दूसरे जिले में पहुंचे तो चर्चा होती है. लेकिन संपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थिति लगाने कहा तो दुविधा निर्माण होती रहने से अब कार्यकर्ताओं को ही उम्मीदवार समजकर प्रचार करने का आवाहन नेतागण करने लगे है. अमरावती जिले में विधानसभा के 8 निर्वाचन क्षेत्र है. उसमें से अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 6 और दो निर्वाचन क्षेत्र वर्धा संसदीय क्षेत्र में है. इस कारण अमरावती लोकसभा चुनाव मैदान में रहे उम्मीदवारों को 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के नऊ तहसीलों के गांव घूमने की चुनौती है.
अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अमरावती, बडनेरा, तिवसा, दर्यापुर, अचलपुर, मेलघाट ऐसे 6 विधानसभा क्षेत्र आते है. इसमें अचलपुर, चांदुर बाजार, दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, धारणी, चिखलदरा, तिवसा, भातकुली, अमरावती आदि 9 तहसीलों का समावेश है. इसमें वर्धा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मोर्शी और धामणगांव रेलवे ऐसे दो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मोर्शी, वरुड, धामणगांव रेलवे, चांदुर रेलवे और नांदगांव खंडेश्वर ऐसे पांच तहसीलों का समावेश है. अमरावती संसदीय क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्र में 1983 मतदान केंद्र है तथा मोर्शी और धामणगांव रेलवे निर्वाचन क्षेत्र में 689 ऐसे कुल जिले में 2672 मतदान केंद्र है. अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में कुल 18 लाख 36 हजार 78 मतदान है. जबकि वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में जिले के 5 लाख 88 हजार 926 मतदाता है. अमरावती निर्वाचन क्षेत्र की 9 तहसीलो में बैठको का जोर बढा है. प्रचार में संबंधित क्षेत्र के स्थानीय नेताओं पर जिम्मेदारी सौंपकर उम्मीदवार हर दिन दो से तीन निर्वाचन क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को चेहरा दिखाई दे, ऐसी सलाह देते हुए उम्मीदवार दिखाई दे रहे है. जबकि क्षेत्र के नेतागण कार्यकर्ताओं को खुद को ही उम्मीदवार समझकर काम करने का आवाहन करने लगे है.
* भोंगे, पदयात्रा, कॉर्नर बैठक नहीं दिख रही
इस बार भोंगे से होनेवाला प्रचार शुरु होने के बावजूद पदयात्रा प्रत्येक क्षेत्र में निकालने का प्रयास किया जा रहा है. पूरे दिन में चार से पांच स्थानों पर होनेवाली कॉर्नर बैठक भी शुरु है. इस कारण चुनाव का माहौल तैयार होने के बावजूद निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक गांव में उम्मीदवारों का पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है.