मुस्लिम मतदाताओं को मतदान से वंचित रखने की जा रही साजीश
पश्चिम क्षेत्र में कई घरों में अब तक नहीं पहुंची मतदान स्लीप
*किसी घर में पती का नाम है, तो पत्नी का नहीं, 6 सदस्यों वाले परिवार में भी दो के आ रहे नाम
*नागरिकों का आरोप, चुनाव आयोग कार्यालय पर पहुंच रहे शिकायत देने
*प्र्रशासन और बीएलओ की हटधर्मी से परेशान मतदाता
अमरावती/दि.19- अमरावती लोकसभा चुनाव का प्रचार शहर सहित जिले में जोरो से शुरू है. जिसके चलते उम्मीदवार अपने मतदाता को लुभाने के तरह-तरह के प्रयास कर रहे है. वही प्रशासन व्दारा ज्यादा से ज्यादा और 100 फिसदी मतदान हो इसके लिए प्रयास कर रहा है. किंतु चुनाव को सिर्फ 5 दिन बचने के बावजूद भी अभी तक कई मतदाताओं को उनके मतदान की स्लीप चुनाव आयोग की ओर से तैनात किए गए बीएलओ व्दारा नहीं पहुंचाई जा रही है. आलम यह है कि शहर के पश्चिम क्षेत्र में कई मतदाताओं के नाम मतदान सूची में आए है, तो उनके ही परिवार के अन्य सदस्यों के नाम मतदान सूची से गायब हो चुके है. किसी घर में पती का नाम है तो पत्नी व मां का नाम गायब है. कई तो ऐसे मतदाता बताए जा रहे है. जिनके परिवार के एक सदस्य का नाम इस प्रभाग में तो दुसरे का किसी अन्य प्रभाग में आ रहा है. पश्चिम क्षेत्र के ऐसे कई मतदाता परिवार है जिन्होनें जिलाधिकारी कार्यालय स्थित चुनाव आयोग कार्यालय में शनिवार को पहुंचकर अपनी शिकायतें दी है. वही पश्चिम क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व नागरिकों ने भी अपने नाम इधर से उधर होने को एक साजिश के तहत कार्य बताया है.
जिलाधिकारी दे बीएलओ को आदेश
अमरावती कलेक्टर साहब का कहना है कि हर मतदाता तक मतदान स्लीप पहुंचे और मतदान 100 प्रतिशत हो, जिसके लिए पूरे ग्रामीण में और शहर के कुछ भागों और भातकुली तक में बीएलओ ने स्लीप पहुचाई. मगर मुस्लिम इलाके के पश्चिमी क्षेत्र के किसी घर में मतदान स्लीप नही पहुंची. क्या ये पश्चिमी क्षेत्र को मतदान से वंचित करने की कुछ अधिकारी की साजीश तो नही? हमारी जिला कलेक्टर से निवेदन है कि मुस्लिम समाज के हर घर और हर एरिया के बीएलओ के जरिए मतदान स्लीप पहुंचाने का निर्देश दें. ताकि मुस्लिम समाज मतदान से वंचित न रहे. मतदान हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है.
इमरान खान, शहर अध्यक्ष समाजवादी पार्टी
वोटिंग कम हो इसके लिए ऐसे कार्य
मतदान सभी का अधिकार होता है. हर भारतीय नागरिक का यह पहला कर्तव्य है कि वह वोटिंग के दिन सबसे पहले अपना मतदान करें और फिर बाकी काम करें. मगर मतदान को 5 दिन शेष रहने के बाद भी अभी तक मतदाताओं तक वोटिंग स्लीप नहीं पहुंचाना यह वोटिंग कम करने के लिए किसी तरह की साजिश की जा रही है. जिलाधिकारी और चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देने की जरुरत है.
मो. जाकिर, समाजिक कार्यकर्ता
वोटरो को दुलर्क्षित करने का कार्य किया जा रहा
एक प्रभाग में एक महिला बीएलओ घुम रही है. जिस घर में 5 सदस्य है उनमें से सिर्फ एक के ही नाम की स्लीप दी जा रही है. यह प्रशासन की ओर से आम नागरिक मतदाता को दुलर्क्षित करने का कार्य किया जा रहा है. ताकि पश्चिम एरिया में वोटिंग कम हो और इसका लाभ किसी अन्य को मिले.
वहीद खान, शहर अध्यक्ष राष्ट्रवादी कॉग्रेस अल्पसंख्य विभाग,
जिम्मेदारी नहीं निभा रहे कर्मचारी-अधिकारी
मतदाताओं को उनके नामों की लिस्ट न पहुंचाना यह कर्मचारियों की लापरवाही कही जा सकती है. जिन अधिकारियों- कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है. वे उस जिम्मेदारी को पूरी नहीं कर रहे है. वही हम मतदाताओं को आवाहन करते है कि सिर्फ प्रशासन के भरोसे न रहे. वोटिंग ऐप जिसमें मतदाताओं के नामों की सूची आती है. उसके जरिए अपने नामों को तलाश कर अपना मतदान करें.
अब्दुल रहेमान, जिला कार्यकारी अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी
वोटिंग डालने प्रशासन करे अलग से व्यवस्था
बीएलओ वोटिंग स्लीप पहुंचाने में सफल नहीं हो पा रहे है. बल्कि कुछ सामाजिक संस्थाओं व संगठनों के मार्फत मतदाताओं तक वोटिंग स्लीप पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. एक ही परिवार में पती का नाम है तो पत्नी का गायब. इसे प्रशासन की लापरवाही कही जा सकती है. लोग चुनाव कार्यालय में अपनी शिकायते दर्ज कराने पहुंच रहे है. उन्हें भी भटकना पड रहा है. अगर किसी मतदाता के पास वोटर कार्ड है तो उसको वोट डालने का पुरा अधिकार है. इसके लिए चुनाव आयोग अलग से व्यवस्था करनी चाहिए.
याह्या खान पठान, उपजिला प्रमुख शिवसेना (युटीबी)
बीएलओ का हलगर्जीपना
जमील कॉलोनी परिसर में बीएलओ ने अभी तक वोटिंग लिस्ट नहीं पहुंचाया है. 29 बीएलओ होने के बावजूद भी बीएलओ घरों तक नहीं पहुंच पा रहे है. यह मतदाताओं को वोटिंग से वचिंत रखने की साजिश दिखाई दे रही है.
दिलबर शाह, वरिष्ठ नागरिक, गुलिस्ता नगर
विशेष समुदाय को किया जा रहा नजर अंदाज
जो मतदाता सूची घरो-घर पहुंचनी थी वह सिर्फ 20 प्रतिशत ही पहुंची है, अभी तक 80 प्रतिशत लोगों के पास यह मतदाता सूची नहीं पहुंची है. ऐसा लग रहा है कि प्रशासन व्दारा उपर के लेबल से मिल कर विशेष समुदाय को वोटिंग से दुर रखने के लिए नजर अंदाज किया जा रहा है. अभी तक लोग परेशान है. वोटिंग लिस्ट में नाम न आना यह साजीश की बू नजर आ रही है.
इकबाल साहिल, महाराष्ट्र सचिव नेशनल लीग
युवाओं को मतदान से दुर रखने की साजिश
सिर्फ अभी तक यही सुनने मिल रहा है कि बीएलओ घर तक मतदान स्लीप पहुंचाएगें. मगर अभी तक तो कोई भी स्लीप लेकर नहीं पहुंचा. प्रशासन जानबुझ कर लापरवाही बरत रहा है कि पश्चिम क्षेत्र के युवाओं को वोटिंग से वंचित रखा जाए. बीएलओ की हटधर्मी के कारण कई मतदाता इसके पूर्व भी मतदान से वंचित रह चुके है. इस बार भी यही नजर आ रहा है.
मतीन शेख, युवा मतदाता, हैदरपुरा
वोटिंग कम हो इसके लिए प्रशासन चाल चल रहा
लोगों को वोटिंग से दुर करने के लिए मतदान सूची में से नाम हटाने की साजिश प्रशासन कर रहा है. इसके कारण दूसरी पार्टियों को लाभ मिलेगा. जबकि प्रशासन ने वोटिंग का प्रतिशत पूरा हो इसके लिए प्रयास करने चाहिए.
अजमत शाह, शहर अल्पसंख्यक प्रमुख शिवसेना(शिंदे)
मतदान कम करने की प्लानिंग
पश्चिम एरिया का अगर मतदान कम होता है तो इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिलेगा. यही साजिश नेताओं के साथ मिलकर की जा रही है, कि पश्चिम परिसर में मतदान कम करने की प्लानिंग दिखाई दे रही है. ताकि कई लोग मतदान से वंचित रहें.
शेख अनिस, अपंग नेता
मुस्लिमों के वोट डिवाईड करने की साजिश
बीजेपी मुस्लिमों के वोट डिवाईड करना चाहती है. जिस तरह नागपुर में हुआ है. वहां के वोटरों के नाम किसी अन्य जिलों में तो किसी अन्य जिलों के वोटरों के नाम नागपुर में इसी तरह का खेल वह अमरावती में भी खेलना चाहती है. जिसके कारण मुस्लिम पश्चिम क्षेत्र के वोटर्स को मतदान से वंचित रख कर मुस्लिमों के वोट डिवाईड करने के बाद इसका सीधा फायदा बीजेपी को ही जाएगा.
सलाऊद्दीन खान, शहर अध्यक्ष एआईएमआईएम
भाजपा की साजीश नजर आ रही
भाजपा इस बार भी साजिश कर सत्ता में बैठना चाहती है. वह मुस्लिम पश्चिम क्षेत्र के मतदाताओं को उनके हक से वंचित रख कर खुद लाभ लेना चाहती है. मगर हम जागरुक नागरिक और मतदाता है. हम प्रशासन के भरोसे नहीं बैठ सकते. इस लिए अपने स्तर पर मतदाताओं को उनके नामों की सूची उनके घरों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे है.
अब्दुल रफीक, कॉग्रेस अल्पसंख्यक शहर अध्यक्ष
100 प्रतिशत मतदान का कोई प्रचार नहीं
पश्चिम क्षेत्र के नागरिकों को मतदान के लिए जागरुक करने के लिए अभी तक प्रशासन की ओर से किसी तरह का कोई कार्यक्रम या पंडाल नहीं लगाया गया. यहां तक की मतदाताओं को मतदान सूची पहुंचाने के लिए भी प्रयास नहीं किए गए, जिसके कारण नागरिक संभ्रम में दिखाई दे रहे है.
शेख अमीन, नागरिक, लालखडी
पारदर्शिता से हो चुनाव
बीजेपी का नारा है ‘अबकी बार 400 पार’ वह यह नारा इस लिए दे रही है क्योंकि बीजेपी इलेक्शन नहीं भोली भाली जनता और मतदाता को धोखा देकर सत्ता पर बैठना चाहती है. चुनाव में चुनाव आयोग व्दारा पारदर्शिता दिखाने की जरुरत है, मगर वह दिखाई नहीं दे रही. इसका जीता जागता सबूत नागपुर में मतदाताओं को मतदान से वंचित रखा गया. वही डर अब अमरावती में होने वाले 26 तारीख के चुनाव में दिखाई दे रहा है. चुनाव आयोग ने पारदर्शिता दिखाते हुए चुनाव कराने चाहिए.
इमरान अशरफी, शहर अध्यक्ष इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग