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राज्य में 4 लाख हेक्टेअर कृषि भूमि निजी कंपनियों को देने का षडयंत्र

आम आदमी शेतकरी संगठन ने लगाया पत्रवार्ता में आरोप

अमरावती/दि.28 – महाराष्ट्र में गांवों के निकट रहने वाली कृषि योग्य ई-क्लास जमीनों पर निजी कंपनियों की नजर है और ऐसी करीब 4 लाख 5 हजार हेक्टेअर कृषि योग्य जमीन को निजी कंपनियों को एक रुपए किराया तत्व पर देने का षडयंत्र रचा जा रहा है. जिसके जरिए सौर उर्जा प्रकल्प की आड लेकर यह जमीनें निजी कंपनियों को सौंपने की पूरी तैयारी कर ली गई है. इस आशय का आरोप आम आदमी शेतकरी संगठन के पश्चिम विदर्भ संपर्क प्रमुख एड. मनीष मोडक द्बारा लगाया गया है.
यहा बुलाई गई पत्रवार्ता में एड. मनीष मोडक ने कहा कि, देश के अन्य राज्यों में नदी किनारे स्थित जमीनों पर सौर उर्जा प्रकल्प लगाए जा रहे है. जिसके तहत खुद पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में नहरों के किनारे 30 वर्षों के लिए सौर उर्जा प्रकल्प हेतु जमीने लीज पट्टे पर उपलब्ध कराई गई. लेकिन महाराष्ट्र में गांवों के आसपास रहने वाली कृषि योग्य सरकारी जमीनों पर सौर उर्जा प्रकल्प लगाने का नियोजन किया जा रहा है. जिसके जरिए सौर उर्जा के क्षेत्र में निवेश करने वाले अदानी जैसे बडे उद्योग समूह को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके जरिए गांवों के पास स्थित ई-क्लास जमीनों को कौडियों के दाम पर बडे औद्योगिक समूहों को 30 साल के लिए दे दिया जाएगा और इसके बाद वे औद्योगिक समूह ही हमेशा के लिए इन जमीनों के मालिक बन जाएंगे. ऐसे में आम आदमी शेतकरी संगठन ने इस प्रयास का विरोध करना शुरु किया है. साथ ही सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों से भी निवेदन किया जा रहा है कि, वे अपने गांव की एक इंच जमीन भी किराया तत्व पर निजी कंपनियों को न दे. अन्यथा आगे चलकर यह निजी कंपनियां ही उनके गांव की मालिक बन जाएंगी.
इस पत्रवार्ता में आम आदमी शेतकरी पार्टी के महेश देशमुख, आशीष राठोड व अमर पाटिल आदि उपस्थित थे.

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