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गोपाल नगर सूतगिरणी की जमीन को हडपने का षडयंत्र

सूतगिरणी कामगार कृति समिती ने लगाया आरोप

अमरावती/दि.30– किसी समय अमरावती जिले का सबसे बडा रहने के साथ ही जिले के सैंकडों कामगारों को रोजगार उपलब्ध करानेवाली गोपालनगर सूतगिरणी की जगह को शहर के कुछ बिल्डरों द्वारा हडपने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए सूतगिरणी परिसर में रहनेवाले कामगारों को डराया-धमकाया जा रहा है. ऐसे में प्रशासन द्वारा समय रहते इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि सूतगिरणी की जगह को बचाया जा सके. इस आशय का प्रतिपादन गोपाल नगर सूतगिरणी कामगार कृति समिती द्वारा यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में किया गया.
इस पत्रकार परिषद में बताया गया कि, स्थानीय गोपाल नगर परिसर में अमरावती ग्रोवर को-ऑप स्पिनींग मिल्स् नामक सहकारी संस्था द्वारा संचालित की जानेवाली सूतगिरणी किसी समय अमरावती शहर सहित जिले का सबसे बडा कारखाना हुआ करती थी. जहां करीब एक हजार कामगार काम किया करते थे. परंतू 23 मार्च 1987 को कुछ कारणों के चलते यह सूतगिरणी बंद हो गई और सरकार द्वारा 23 फरवरी 1988 से इस संस्था को अवसायक के कब्जे में दे दिया गया. इसके उपरांत इस संस्था की संपत्ति का ताबा लेते हुए संस्था की पूरी जमीन बेचने हेतु 1 दिसंबर 1997 को निविदा बुलाई गई तथा नवलजी कॉटस्पीन लिमिटेड कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार के सहकार व वस्त्रोद्योग मंत्रालय से इस जमीन को खरीद लिया. लेकिन इसके बाद कुछ समय पश्चात एक बार फिर यह सूतगिरणी बंद पड गई, क्योेंकि नवलजी कॉटस्पिन कंपनी द्वारा खरीदी करार के अनुसार बकाया पैसे नहीं भरे गये थे. जिसके बाद कामगारों ने रोजगार एवं अपने बकाया भुगतान के लिए आंदोलन किया था. वहीं नवलजी कॉटस्पीन द्वारा विशेष दिवाणी न्यायालय में दावा दाखिल किया गया था. जिसके उपरांत न्यायालय ने स्थिति को ‘जैसे थे’ रखने का आदेश जारी किया. मौजे जेवड के सर्वे क्रमांक 40, मौजू सातूर्णा के सर्वे क्रमांक 21 व मौजे निंभोरा के सर्वे क्रमांक 15 में स्थित सूतगिरणी की जमीन को शहर की मंजूर विकास योजना (संशोधित) के अनुसार प्रयोग क्षेत्र हेतु दर्शाया गया है. इसके साथ ही अमरावती मनपा के सहायक संचालक नगर रचना विभाग विभाग द्वारा इस जमीन को औद्योगिक प्रयोग हेतु ही आरक्षित रखने और इसका रिहायशी क्षेत्र में शामिल करना योग्य नहीं रहने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, जो अब भी सरकार के समक्ष प्रलंबीत है.
इस पत्रवार्ता में कहा गया कि, गोपाल नगर सहकारी जिनिंग प्रेसिंग सूतगिरणी को कई किसानों ने शेअर खरीदते हुए स्थापित किया था और यहां के मजदूरों ने अपनी कडी मेहनत से इस सूतगिरणी को चलाया. ऐसे में इस जगह पर किसानों व कामगारों का ही अधिकार है. किंतु शहर के कुछ बिल्डरों द्वारा झूठे दस्तावेजोें के आधार पर यहां रिहायशी क्षेत्र का निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत कुछ दिन पूर्व सूतगिरणी में रहनेवाले कामगारों के निवासस्थान पर कब्जा करते हुए कामगारों को वहां से भगा दिया गया. इसके साथ ही इस क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के साथ आये दिन बाहर से गुंडे लाकर उन्हें धमकाने व मारपीट करने का सिलसिला चलाया जा रहा है. ऐसे में स्थानीय जिलाधीश, मनपा आयुक्त व पुलिस आयुक्त द्वारा इस मामले में ध्यान दिया जाये, ताकि सूतगिरणी की जगह को हडपने हेतु चलाये जा रहे षडयंत्र को विफल किया जा सके.
इस पत्रवार्ता में गोपाल नगर सूतगिरणी कामगार कृति समिती के गजेंद्र तिडके, देवराव सावरकर, अनिल माकोडे, महेेंद्र गुल्हाने, मंगेश जोशी, विठ्ठल माहोरे, कमलेश सोनोने, प्रवीण निमजे, प्रमोद बिहार, संजय सदाफले, मनोज हरणे, राजेेंद्र ठाकुर, आकाश सोनटक्के आदि उपस्थित थे.

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