अमरावतीमहाराष्ट्र

लगातार बातों को भूलते रहना हो सकता है अल्झायमर्स का लक्षण

अमरावती/दि.21– बढती उम्र के साथ ही शारीरिक हलचले भी मंद होने लगती है. जिसकी वजह से मेंदू यानि मस्तिष्क की स्मरण शक्ति घटने लगती है. अमूमन 70 वर्ष की उम्र के बाद यह लक्षण दिखाई देता है. परंतु इन दिनों 45 वर्ष की आयु के बाद ही कई लोग अपने दैनंदिन जीवन से जुडी बातों को भूलने लगे है और उन्हें जान-पहचान वाले व्यक्ति एवं कुछ देर पहले किये गये काम की याद नहीं रहती. यदि भूलने का प्रमाण बढ रहा है, तो इसे स्मृतिभ्रंश यानि अल्झायमर्स का लक्षण कहा जा सकता है.

* क्या होती है अल्झायमर्स की बीमारी?
मस्तिष्क के न्यूरॉन्स की नसे बढती आयु के अनुसार ढीली पडने लगती है. जिसके चलते सुनियोजित पद्धति से काम करने को लेकर मस्तिष्क की क्षमता कम होती जाती है और धीरे-धीरे याददाश्त कमजोर होने लगती है.

* किस आयु गुट को खतरा?
इससे पहले अल्झायमर्स की बीमारी के लक्षण 70 से 75 वर्ष की आयु से बाद दिखाई देते थे, जो अब 65 से 70 वर्ष की आयु गुट वाले लोगों में भी दिखाई देने लगे है. साथ ही कई लोगों में तो 45 वर्ष की आयु के आसपास ही अल्झायमर्स के लक्षण दिखाई देते है.

* स्त्रियों की बजाय पुरुषों में प्रमाण अधिक
महिलाओं में अल्झायमर्स का प्रमाण अपेक्षाकृत तौर पर कम है. वहीं पुरुषों में इसका खतरा सर्वाधिक है. महिला मरीजों की तुलना में पुरुष मरीजों की संख्या दोगुनी से अधिक है. पुरुषों में व्यसनाधिनता का प्रमाण अधिक होता है. जिसके चलते उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा भी अधिक होता है. इसके साथ ही रक्तदाब, मुधमेह व कोलेस्ट्रोल की समस्या रहने वालों को भी स्मृतिभ्रंश की बीमारी होने का खतरा होता है.

* क्या है लक्षण?
– भोजन में क्या खाया, यह भूल जाना
– रास्ते, नंबर, तारीख और परिसर को भूल जाना
– दिन व रात को लेकर भ्रम तैयार होना

* क्या सावधानी जरुरी?
अल्झायमर्स की बीमारी ना हो, इसके लिए शराब, तंबाकू, खर्रा, गुटखा व धुम्रपान जैसे व्यसनों से दूर रहना चाहिए, नियमित तौर पर व्यायाम करना चाहिए, रोजाना ध्यान व योग करना चाहिए, नियमित समय पर संतुलित आहार लेना चाहिए. ध्यान रहे कि, अल्झायमर्स की बीमारी बढती उम्र के साथ होने वाली बीमारी है. हालांकि इन दिनों यह कम आयु वर्ष वाले लोगों में भी हो रही है. अत: समय रहते इसके लक्षणों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए.

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