अमरावतीमहाराष्ट्र

संविधान मंदिर यह जागरुकता का प्रतिक

सांसद डॉ. अनिल बोंडे का प्रतिपादन

* राज्य के 434 आईटीआई में संविधान मंदिर का लोकार्पण
अमरावती/दि.17– सामाजिक न्याय की सही शिक्षा यह भारतीय संविधान से मिलने से राज्य के सभी शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था व शासकीय तांत्रिक विद्यालय में संविधान मंदिर का रविवार 15 सितंबर को लोकार्पण हुआ, यह काफी अभिमान की बात है और महत्वपूर्ण अवसर है. भारतीय संविधान का स्वतंत्रता, समानता व बंधुता आदि मुलभूत घटकों का प्रशिक्षण लेनेवाले विद्यार्थियों को जानकारी हो यह इस उपक्रम का मुख्य उद्देश्य है. संविधान मंदिर यह संविधान बाबत जागरुकता का प्रतिक रहने का प्रतिपादन सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने इस अवसर पर किया.
कौशल्य, रोजगार उद्योजकता व नाविण्यता विभाग व व्यवसाय शिक्षण व प्रशिक्षण संचालनालय के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई के एल्फिन्स्टन तांत्रिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड के हाथों रविवार को संविधान मंदिर का लोकार्पण किया गया. साथ ही राज्य के 434 आईटीआई में स्थापित संविधान मंदिर का भी उपराष्ट्रपति के हाथों एक साथ ऑनलाईन प्रणाली से लोकार्पण हुआ. मुंबई के कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, कौशल्य विकास, रोजगार व उद्योजकता मंत्री मंगलप्रभात लोढा, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले, विभाग के सचिव गणेश पाटिल तथा अमरावती के आईटीआई कार्यक्रम में विधायक सुलभा खोडके, राजस्व सहआयुक्त संजय पवार, प्रभारी उपसंचालक संजय बोरकर उपस्थित थे. इस अवसर पर मुंबई के एल्फीन्स्टन तकनीकी विद्यालय के संविधान मंदिर का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड के हाथों उद्घाटन होनेवाले कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया.
सांसद डॉ. बोंडे ने कहा कि, वर्ष 1947 में देश स्वतंत्र होने के बाद लोगों को उसका कर्तव्य, अधिकार संबंधी व्यवस्थापन तथा समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र गणराज्य निर्माण करने के लिए भारतीय संविधान का निर्माण किया गया. भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान निर्मिती में काफी बडा योगदान है. विद्यार्थियों ने शिक्षा के समय भारतीय संविधान पढकर उसके मूल्य, अधिकार और कर्तव्य, न्याय व्यवस्था, घटना की धारा आदि बाबत जानकारी लेनी चाहिए. साथ ही इसका इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए कैसे किया जा सकता है, इसके लिए प्रयास करने चाहिए. भारत यह लोकतंत्र प्रधान देश है. लोकतंत्र के मजबूती के लिए युवाओं को योगदान देना आवश्यक है. देश सुरक्षित करना रहा तो चतुर्सिमा सुरक्षित करना आवश्यक है, इसके लिए युवक-युवतियों को भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा करने का आवाहन उन्होंने किया. कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पल्लवी वैद्य ने तथा आभार प्रदर्शन नीलेश रोंघे ने किया. कार्यक्रम में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था के सभी शील्प निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी तथा प्रशिक्षणार्थी विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.

* संविधान उद्देशिका का नियमित करें वाचन – सुलभा खोडके
आईटीआई में प्रवेशित विद्यार्थियों को भारतीय संविधान की विस्तृत जानकारी होने के लिए संविधान मंदिर का निर्माण किया गया है. विद्यार्थी संस्था में प्रवेश करते समय संविधान की उद्देशिका का नियमित वाचन करें, उसमें के प्रत्येक शब्द का अर्थ समझकर उसे आचरण में लाए, संविधान के महत्व के पहलुओं पर विधायक सुलभा खोडके ने प्रकाश डाला. लोकतंत्र के मजबूती के लिए विद्यार्थियों को योगदान देने का आवाहन भी उन्होंने किया. इस अवसर पर प्र-उपसंचालक बोरकर व सहआयुक्त संजय पवार ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर उपस्थित सभी ने भारतीय संविधान उद्देशिका का वाचन किया.

 

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