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आपत्ति व्यवस्थापन हेतु सभी महकमों के बीच संपर्क व समन्वय आवश्यक

जिलाधीश ने की मानसूनपूर्व कामों की समीक्षा

अमरावती/दि.13– आगामी समय में मानसून काल शुरु हो जाएगा. उस समय बाढ, बारिश व बिजली सहित अन्य आपत्तियों के समय व्यवस्थापन करने हेतु सभी महकमों के बीच समन्वय व संपर्क रहना बेहद आवश्यक है. जिसके लिए समय पर एक-दूसरे के साथ संपर्क करने और एक-दूसरे को प्रतिसाद देने के लिए सभी ने तत्पर व सतर्क रहना चाहिए. इस आशय का निर्देश जिलाधीश सौरभ कटियार ने आज जारी किया.

जिलाधीश की अध्यक्षता के तहत राजस्व भवन में आज मानसूनपूर्व समीक्षा बैठक हुई. इस अवसर पर जिलाधीश ने उपरोक्त निर्देश दिये. इस बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष जोशी, धारणी के उपविभागीय अधिकारी रिचर्ड यानथन, भातकुली के उपविभागीय अधिकारी मिनू पी. एन., निवासी उपजिलाधिकारी अनिल भटकर, पशु संवर्धन उपायुक्त डॉ. संजय कावरे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व तहसीलदार आदि उपस्थित थे.

इस बैठक में जिलाधीश कटियार ने कहा कि, बारिश के दिनों में संपर्क टूट जाने वाले गांवों के लिए पर्याप्त प्रमाण में दवाईयों के स्टॉक व अनाज की आपूर्ति करने हेतु अभी से नियोजन किया जाये. साथ ही गाड व बारिश के दूषित पानी की वजह से संक्रामक बीमारियां पांव न फैला सके. इस हेतु जलस्त्रोतों की गुणवत्ता को जांचने के साथ ही जरुरत वाले स्थानों पर पर्यायी व्यवस्था की जाये. साथ ही बारिश एवं आंधी-तूफान के समक्ष भी विद्युत आपूर्ति सुचारु रखने हेतु महावितरण द्वारा पूर्व नियोजन करते हुए जलदसेवा प्रदान की जानी चाहिए. इसके अलावा जिले में सभी प्रकल्पों के स्ट्रक्चर सुरक्षित रहने की ओर संबंधित विभागों द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही आसमान से गिरने वाली गाज को रोकने हेतु बिजली विरोधी यंत्रों का ेतत्काल दुरुस्त कर लिया जाना चाहि और आपात स्थिति में सभी विभागों ने आपसी समन्वय साधते हुए अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से पूरा करना चाहिए.

जिलाधीश सौरभ कटियार ने यह भी कहा कि, बांधों में जलसंग्रह नियंत्रित करने हेतु आवश्यक मनुष्यबल की नियुक्ति की जानी चाहिए और नदी किनारे रहने वाले गांव में खतरनाक स्थानों पर ब्ल्यू लाइन व रेड लाइन का सीमांकन करते हुए बाढ प्रतिबंधक समिति स्थापित की जानी चाहिए. साथ ही बार-बार आपदावाली घटनाएं घटित होने वाले स्थानों पर सूचना फलक भी लगाये जाने चाहिए और जरुरतवाले स्थानों पर निवारा कक्ष स्थापित किये जाने चाहिए. इसके साथ ही बांध से पानी छोडते समय तहसीलदार, पुलिस एवं कंट्रोल रुम को 24 घंटे पहले सूचना दी जानी चाहिए. इसके अलावा वायरलैस सिस्टीम को कार्यान्वित व दुरुस्त करते हुए मौसम विभाग की ओर से चेतावनी मिलते ही हर ओर जलदगति से जानकारी पहुंचाई जानी चाहिए.

इस समिक्षा बैठक में निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर ने बताया कि, जिले के 1 हजार 985 गांवों में से संभावित बाढग्रस्त गांवों की संख्या 482 है. वर्ष 2019 से 2024 के दौरान अमरावती जिले में आसमानी गाज गिरकर 47 व बाढ की वजह से 66 लोगों की मौत हुई. आपातकालीन व्यवस्थापन हेतु जिलास्तर पर 24 तथा तहसीलस्तर पर 168 खोज व बचाव पथक कार्यान्वित किये गये है. साथ ही 126 गैर सरकारी संस्थाओं तथा 300आपादा मित्र व सखियों को आपत्ति व्यवस्थापन का प्रशिक्षण दिया गया है. आपदा व्यवस्थापन विभाग के पास 6 मोटर बोट, 226 लाइफ जैकेट, 216 लाइफ रिंग्स, 109 रोप बंडल, 85 सर्च लाइट, 22 मेगा फोन सहित ग्लोव्ज, रेनकोट, स्कुबा डायविंग किट व हेलमेट जैसे साधन पर्याप्त प्रमाण में उपलब्ध है. जिलास्तरीय पथकों द्वारा हाल ही में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया है तथा तहसीलस्तर पर भी मॉकड्रिल करने के निर्देश दिये जा चुके है. इसके साथ ही निवासी उपजिलाधीश भटकर ने यह भी बताया कि, अमरावती जिलाधीश कार्यालय में किसी भी आपातकालीन स्थिति संपर्क हेतु नियंत्रण कक्ष कार्यान्वित किया गया है और जिला नियंत्रण अधिकारी के तौर पर निवासी उपजिलाधीश की नियुक्ति की गई है. साथ ही जिनकी देखरेख में यह कक्ष 24 घंटे काम करेगा. जिले में कहीं पर कोई प्राकृतिक या मानवनिर्मिति हानि होने पर उसकी जानकारी इस कक्ष के जरिए तुरंत ही संभागीय आयुक्त कार्यालय को दी जाएगी. जहां से अन्य सभी संबंधित महकमों को सूचित किया जाएगा.

* प्राकृतिक आपदा काल में महत्वपूर्ण दुरध्वनी क्रमांक
– राष्ट्रीय आपदा निवारण पथक (एनडीआरएफ), पुणे – 02114 231509
– आपत्ति व्यवस्थापन प्रभाग (मुंबई) – 022 22025274 / 22837259
– नियंत्रण कक्ष (मंत्रालय), मुंबई – 022 22027990 / 22026712
– राज्य आरक्षित पुलिस दल (नागपुर) – 0712 2564973 / 2560543
– पुलिस नियंत्रण कक्ष – 100/112
– जिला नियंत्रण कक्ष (अमरावती) – 0721 2662025
– आपातकालीन टोल फ्री क्रमांक – 1077
– अग्निशमन विभाग (मनपा) – 101/0721 2576423

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