* सक्कर तालाब का निर्माणकार्य अधूरा
* जीवन प्राधिकरण व नगर परिषद जिम्मेदार
धारणी/दि.16- विदर्भ का नंदनवन माने जाने वाले चिखलदरा शहर में फिलहाल दूषित पानी की आपूर्ति से जलजन्य रोग पैर पसारने लगे हैं. साथ ही फिलहाल अतिवृष्टि के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ने से दूषित पानी के कारण पर्यटकों का स्वास्थ्य भी बिगड़ने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. लेकिन जीवन प्राधिकरण एवं नगर परिषद द्वारा इस ओर दुर्लक्ष किया जा रहा है. वहीं पाटबंधारे स्टेट विभाग द्वारा दो वर्षों से शुरु सक्कर तालाब का निर्माणकार्य अधूरा होने से दूषित पानी की आपूर्ति शहर में लगातार शुरु है.
मेलघाट का सबसे अधिक सुंदर पर्यटन स्थल के रुप में यह शहर प्रसिद्ध है. देशभर के निसर्ग प्रेमी बड़ी संख्या में बरसात में चिखलदरा दर्शन के लिए आते हैं. 20 जून को चिखलदरा शहर के पानी के नमूने लिये जाने के बाद अब प्राप्त हुई रिपोर्ट गंभीर है. यहां का पेयजल पीने के लिए अनुचित होने का खुलासा रिपोर्ट से किये जाने के कारण स्थानीय नागरिक व पर्यटकों का जीवन धोखे में आ गया है. शहर को शुद्ध पानी की आपूर्ति हो, इसके लिए जलस्त्रोत वाले सक्कर तालाब की दुरुस्ती को स्वीकृति दी गई, लेकिन 1 करोड़ से अधिक राशि से शुरु इस तालाब की दुरुस्ती अधूरी पड़ी है. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग द्वारा जलापूर्ति हो रही है. लेकिन पानी दूषित है. कुल 6 कर्मचारी बारी-बारी से ड्यूटी करते है. सक्कर तालाब का काम अधूरा होने से साफ पानी की आपूर्ति असंभव है.
ुुुचिखलदरा तहसील के कोयलारी व पाचडोंगरी की घटना के कारण अमरावती जि.प. द्वारा प्रत्येक गांव की जलापूर्ति योजना की जांच की जा रही है. लेकिन चिखलदरा शहर की मजीप्रा की योजना की ओर दुर्लक्ष किया गया है. हल्का काला हरे रंग का पानी देखकर ही गुणवत्ता के बारे में अंदाज लगाना कठिन नहीं. जलापूर्ति योजना की देखभाल, दुरुस्ती एवं स्वच्छता की ओर देखने कोई तैयार नहीं. अनेक जगहों पर पाईप लिकेज है. फिलहाल चिखलदरा शहर में जलापूर्ति दूषित होने के साथ ही महा. राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट चर्चा का विषय बनी है.