पुसला में विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठन का चिंतन सम्मेलन
अमरावती/दि.3– शहर के वरुड तहसील के पुसला में विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठन की ओर से पंढरी प्रकल्प अंतर्गत आने वाले गांव के प्रकल्पग्रस्त किसानों के लिए चिंतन सम्मेलन का आयोजन किया गया. गांव के वरिष्ठ नागरिक महादेव भाजीखाये गुरुजी की अध्यक्षता व प्रमुख़ मार्गदर्शक के रुप में संगठन के संस्थापक अध्यक्ष मनोज चव्हाण उपस्थित थे.
.पंढरी प्रकल्प अंतर्गत सैकडों किसानों की जमीन 6 जून 2006 के जीआर के अनुसार सरल खरीदी पध्दती से बहुत ही कम पैसों में खरीदी गई थी व किसानों को न्यायालय में जाने के संवैधानिक अधिकार से भी दूर होना पडा. जिसके कारण किसानों के खेती का बहुत बडा आर्थिक नुकसान हुआ. सरल खरीदी धारक प्रकल्पग्रस्त किसान बहुत ही लाचारी से जीवन जी रहे हैं. यह महत्वपूर्ण विषय पर आज तक किसी भी वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक ने आवाज नहीं उठाई. किसानों के वोट का उपयोग सिर्फ राजनीति करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हैें. ऐसा प्रमुख मार्गदर्शक मनोज चव्हाण ने कहा. वरूड मोर्शी तहसील के प्रकल्पग्रस्तों की समस्या बडी संख्या में प्रलंबित है. प्रकल्पग्रस्तों के साथ मिलकर सरकार से इन समस्याओ का हल निगालने के लिए संगठन हमेशा साथ रहने की बात भी चव्हाण ने की. इस समय संगठन के फलक का अनावरण भी किया गया. सैंकडो की संख्या में किसानों ने संगठन में प्रवेश लिया. इस समय नवनिर्वाचित शाखा अध्यक्ष प्रदिप तराल, वरिष्ठ मार्गदर्शक दिवाकर मांढरे, बाबाराव डहाके, संजय गीद, राजुभाऊ लोणकर, शुभम डोनालकर, राजेश चौधरी, नयन लुंगे, राजु तिवसकर, लक्ष्मण बोडके, प्रदिप बीबे, रामकृष्ण पाटील, काकाजी मांडाले, संदिप भागवतकर, नथ्थुजी कराले, जिवन भोंडेकर, संजय बिडकर, सुनील बोबडे, उमेश दिवाण, सुनिल आकोटकर, सुरज कुहिते, इम्रान शेख, नरेंद्र कुरवाडे, गुणवंत हेडाऊ, किसनराव वाघडे, तामीस खान, माणिक डोंगरे, दिनेश ढोरे, शंकर भोर, किसनराव फरतोडे, बाबुराव उमप, सुरेश तराल, भुरुजी शिरभाते, सुनिल लोखंडे, सुरेश शिरभाते, बलीराम आहाके इत्यादि सहित सैकडों प्रकल्पग्रस्त महिला पुरुष उपस्थित थे.