निरंतर अभ्यास करने से स्पर्धा परीक्षा में सफलता निश्चित
राज्यसेवा परीक्षा में 176वी रैंक प्राप्त मयूर पोकले ने किया मार्गदर्शन
नांदगाव पेठ/दि.29– स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करते समय विद्यार्थियों ने पहले अपना ध्येय निश्चित करें. आपने ध्येय निश्चित करने के बाद समय का नियोजन कर अभ्यास करें. निरंतर व कठिन परिश्रम तथा अध्ययन करने से स्पर्धा परीक्षा में सफलता निश्चित होती है. ऐसा मार्गदर्शन विद्यार्थियों को महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग राज्यसेवा परीक्षा में 176 वी रैंक प्राप्त करने वाले मयूर आनंदराव पोकले ने स्पर्धा परीक्षा के विद्यार्थियों को दिए.
बुधवार को नांदगांव पेठ में प्रथम आगमन होते ही गांव वासियों की ओर से मयूर पोकले का उसके माता-पिता सहित सत्कार किया गया. महाराषट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा में वर्ग 1 में राजपत्रित अधिकारी होने वाले मयूर नांदगांव पेठ का पहला युवक है. अभियांत्रिकी की पढाई पुरी कर निजी क्षेत्र में अभियंता के रुप में अच्छे वेतन दिलाने वाली नौकरी भविष्य में सेवा व सम्मान की संधी नहीं देगी. इसके कारण ढाई वर्ष निजी नौकरी कर सर्वसामान्य की सेवा करने के उद्देश्य से आगे रख कर नांदगांव पेठ के मयूर आनंदराव पोकले ने महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की ओर से ली जाने वाली राज्यसेवा परीक्षा परीक्षा में सफलता पूर्वक 176 वी रैंक प्राप्त किया. नांदगांव पेठ के मंदा व आनंदराव पोकले के छोटे बेटे मयूर ने दसवी तक नांदगांव पेठ में जिला परिषद की प्राथमिक व माध्यमिक शाला में अपनी पढाई पूरी की. जिसके बाद श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्याय से 12वीं तक पढाई कर पी.आर.पोटे अभियांत्रिकी महाविद्यालय की अभियांत्रिकी की पढाई पूरी की. जिसके बाद नाशिक में बडी कंपनी में अच्छे वेतन पर मयूर ने इंजिनियर के रुप में कार्य संभाला. यहां पर काम करते हुए अपनी पढाई का फायदा गरीबों व जरुरतमंदो को न मिलने की बात उसके मन में आई और अपने काम से इस्तिफा देकर पुणे जाकर और दुबारा महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की पढाई की शुरूआत की. आत्मविश्वास, अथक परिश्रम, पढाई की जिद्द के चलते मयूर ने हाल ही में राज्यसेवा परीक्षा में बेहतरीन सफलता हासील करते हुए 176 वीं रैंक प्राप्त किया. जल्द ही वर्ग 1 में राजपत्रित अधिकारी के रुप में
मयूर पोकले की नियुक्ती होगी. बुधवार को नांदगाव पेठ में आगमन होते ही मयूर का गांववासियों ने स्वागत किया. इस समय सार्वजनिक वाचनालय के सचिव राजन देशमुख, सय्यद सर, पत्रकार मंगेश तायडे, अरुण राऊत, मंगेश गाडगे, राजेंद्र तुले, नरेंद्र तायडे सुनील जवंजालकर आदि उपस्थित थे.