अमरावती

21 साल से जारी निरंतर सेवा प्रशंसनीय- डॉ. सुनील देशमुख

स्व. पदमाबाई पारसमलजी चोरडिया स्मृति प्रित्यर्थ जयस्तंभ चौक महावीर पाणपोई का शुभारंभ

* कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले समेत समस्त चोरडिया परिवार रहा मौजूद
अमरावती/दि.4– भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी मंगलवार 4 अप्रैल को सुबह 9 बजे स्व. पदमाबाई पारसमलजी चोरडिया की पावन स्मृति में महावीर पाणपोई का शुभारंभ पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख के हाथों किया गया. चोरडिया परिवार की ओर से 21 वर्षों से राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए जारी निरंतर सेवा की डॉ. सुनील देशमुख ने इस अवसर पर भूरी प्रशंसा की.
पाणपोई के शुभारंभ अवसर पर डॉ. सुनील देशमुख के अलावा मुंबई के मिलिंद देशमुख, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे, जैन श्वेतांबर बड़ा मंदिर के अध्यक्ष नवीनचंद बुच्चा, दादावाड़ी संस्थान के अध्यक्ष भरत खजांची, दादावाड़ी संस्थान के ट्रस्टी कोमल बोथरा, कैंसर फाऊंडेशन के अध्यक्ष एड. अशोक जैन, घोटा मंदिर के अध्यक्ष लालचंद भंसाली, जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष अमृत मुथा, ओसवाल संघ के अध्यक्ष संजय आंचलिया, चंदू सोजतिया, सुरेश रतावा, राजेन्द्र बुच्चा, विजय बोथरा, सिद्धार्थ बोथरा, गौतम चोपड़ा, मनीष संकलेचा, जीतू गोलेच्छा, अजय बुच्चा प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
नवीन चोरडिया ने बताया कि वर्ष 2003 से जयस्तंभ चौक पर स्व. पदमाबाई पारसमलजी चोरडिया की पावन स्मृति में ग्रीष्मकाल में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए पाणपोई लगाई जाती है. जून माह तक चलने वाली यह पाणपोई कोरोना काल में एक वर्ष नहीं लगाई गई थी. कोरोना काल को छोड़कर यह पाणपोई नियमित रुप से ग्रीष्मकाल में महावीर जन्मोत्सव पर शुरु की जाती है. जून माह तक यह शुरु रहती है. इस वर्ष भी महावीर पाणपोई मेें दस पानी के बड़े मटके लगाये गए हैं. पाणपोई के लिए बाकायदा अधिकृत रुप से मजीप्रा से कनेक्शन लिया गया है. मनपा से एनओसी हासिल कर पाणपोई का संचालन चोरडिया परिवार की ओर से किया जाता है. विशेष यह कि जब से चोरडिया परिवार ने पाणपोई शुरु की है, तब से लगातार इस पाणपोई का उद्घाटन हर वर्ष डॉ. सुनील देशमुख के हाथों किया जा रहा है. महावीर जन्मोत्सव पर आयोजित शोभायात्रा जब जयस्तंभ चौक पहुंची, उस समय समाज के प्रतिष्ठितों की मौजूदगी में इस महावीर पाणपोई का शुभारंभ उदघाटन कर किया गया. इस अवसर पर चोरडिया परिवार के नवीन चोरडिया, प्रवीण चोरडिया, राजेश चोरडिया, अंकेश चोरडिया, गगन चोरडिया, ओजस चोरडिया, अनिता चोरडिया, संगीता चोरडिया, ममता चोरडिया, शुभा चोरडिया, साक्षी चोरडिया, बुलबुल चोरडिया, दिवीशा चोरडिया, ईशा चोरडिया आदि उपस्थित थे. इसके अलावा सुगनचंद बोथरा, अशोक गंगेरिया, प्रमोद बोथरा, सुधीर शाह, वासु सेठ, सुरेश साबद्रा, विजय बोथरा, दीपक जैन, डॉ. राजेन्द्र चोरडिया, सीए आर.आर. खंडेलवाल, सीए डी.डी. खंडेलवाल, सुदर्शन चोरडिया, भूपेन्द्र निभजिया, राजू बाठिया, राजेश बोकडिया, मनोज मुणोत, विजू संकलेजा, परेश शाह, महेश कोठारी, अनिल सुराणा, मांगीलाल गोलेच्छा, सुरेश पांडे, पदम देवडा, सुरेन्द्र जैन, सिद्धार्थ बोथरा, कल्लू जैन, महेन्द्र गांधी, सुरेश जैन, संजय मुणोत, अनुप पुरवार, कमल डागा, गोपाल अग्रवाल, अनिल मुणोत, हरीष खिवसरा, हुकुमचंद सामरा, महेन्द्र भंसाली, अरुण श्रीवास्तव, संतोष केशरवाणी, डॉ. दिनेश गवली, धर्मेेश शाह, एड. महेन्द्र राजू, पवन गट्टानी, सतीश सिंगई, हुकमीचंद खंडेलवाल, श्रीकांत झंवर, शीतल कोठारी, प्रणीत सोनी, विशाल कुलकर्णी, डॉ. पंजाबी, राजेश शर्मा, सलील चिंचमलातपुरे, रमेश कटारिया, रणजीत जाधव, अनिल गुगले, अतुल इंगले, सागर कोठाडे, नोखा महाराज, चोरपगार, अक्षय गहाणकर और प्रदीप संदडिया समेत अनेक लोग उपस्थित थे.

3 हजार लीटर पानी रोजाना
नवीनभाई चोरडिया ने बताया कि जयस्तंभ चौक पर स्थित महावीर पाणपोई पर रोजाना दो से तीन हजार लीटर पानी की जरुरत पड़ती है. चारों तरफ मार्केट रहने से शहर सहित ग्रामीण इलाकों के लोग भारी मात्रा में आते हैं. ग्रीष्मकाल में कड़ी धूप में सभी को पेयजल की आवश्यकता रहती है. इस कारण नागरिकों समेत रिक्शाचालक, ऑटो चालक और राहगीरों को इस पाणपोई से अपनी प्यास बुझाने के लिए सुविधा होती है. उन्होंने बताया कि 4 जनवरी 2003 को उनके पिता पारसमल चोरडिया का देहांत हुआ था. पिता की तहेदिल से इच्छा थी कि ग्रीष्मकाल में राहगीरों को पानी वितरित कर उनकी प्यास बुझाई जाए. इस कारण पिता की इस इच्छा को पूर्ण करने चोरडिया परिवार के सदस्यों ने मिलकर पाणपोई स्थापित करने का निर्णय लिया. जो 21 साल से निरंतर जारी है.

 

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