सुकली कंपोस्ट पर बायोमायनिंग प्रकल्प का ठेका 15.5 करोड में
एक वर्ष में बढ गए 11.5 करोड, पूर्व के ठेकेदार ने छोडा काम
अमरावती/दि.17 – शहर के पश्चिम में रहने वाले मनपा के सुकली कंपोस्ट पर बडी मात्रा में जमा हुए कचरे का निपटारा करने के लिए बायोमायनिंग निविदा प्रक्रिया शुरु की गई है. इस ठेके का मूल्य 15.5 करोड निश्चित किया गया है. हाल ही में हुई निविदा प्रक्रिया अंतर्गत 6 इच्छुक ठेकेदारों ने प्रत्यक्ष रुप से मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे से भेंट की तथा 6 इच्छुक ठेकेदारों ने इस प्रक्रिया में ऑनलाइन सहभाग लिया. बायोमायनिंग का ठेका निश्चित कौनसे ठेकेदार को मिलता, इस बाबत सभी की नजरे लगी है. विशेष बात यह कि इससे पहले बायोमायनिंग का ठेका यह 4 करोड रुपये का था. अब वह 11.5 करोड से बढकर 15.5 करोड तक बढ चुका है.
मनपा को बायोमायनिंग के लिए सरकार की ओर से निधि नहीं मिला. प्रशासन ने बायोमायनिंग ठेके बाबत अपनी भूमिका भी अभी तक स्पष्ट नहीं की. इससे पहले भी बायोमायनिंग का ठेका बागडे बाबा इस ठेकेदार को दिया गया था. उनके पास से यह काम नहीं हुआ. जिससे उन्होंने यह काम बीच में ही छोडा. जिससे उसका देयक मनपा ने रोक रखा है.
राष्ट्रीय हरित लवाद ने अमरावती मनपा को सुकली कंपोस्ट डिपो का प्रदुषण कम करने के निर्देश दिये है. इसके लिए यहां के कचरे का बायोमायनिंग होना जरुरी है. जब तक यहां के कचरे का बायोमायनिंग प्रक्रिया व्दारा ठिक से निपटारा नहीं किया जाएगा, तब तक यहां का प्रदुषण भी कम नहीं होगा. उसी कारण मनपा ने बायोमायनिंग के लिए नये सिरे से निविदा प्रक्रिया शुरु की है.
काम की अनियमितता से ठेकेदार भाग गया
पिछले वर्ष मनपा व्दारा 4 करोड रुपए में बायोमायनिंग का ठेका बागडे बाबा इस ठेकेदार को दिया गया था. किंतु इस ठेकेदार के काम में अनियमितता रहने से उसने यह काम बीच में छोडकर वह भाग गया. अभी भी उनके 1.5 करोड का देयक मनपा के पास अटका हुआ है. विशेष बात यह कि ठेका मिलने के बाद भी बागडे बाबा ने देरी से काम शुरु किया. इसके लिए मनपा को बागडे बाबा को बार बार पत्र देना पडा था.
सुकली का कचरा अन्यत्र
सुकली कंपोस्ट डिपो में हर रोज शहर के 150 टन से ज्यादा डाला जाता है. जिससे यहां जगह ही शेष नहीं बची. इसी कारण मनपा व्दारा अकोली कंपोस्ट डिपो में अब कचरा डाला जा रहा है.