* प्रभात चौक की जिर्ण ईमारत ढहने का मामला
अमरावती/ दि.4– सिटी कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र के प्रभात चौक स्थित जिर्ण व्यवसायीक ईमारत ढह जाने से मलबे में दबकर पांच लोगों की मौत हो जाने के मामले में पुलिस ने तहकीकात की गति को बढाते हुए कल बुधवार की शाम उस्माननगर निवासी 35 वर्षीय ठेकेदार अब्दुल साजिद अब्दुल अजिज को गिरफ्तार कर लिया है. उसके पश्चात साजिद को न्यायालय में पेश किया गया था. अदालत ने उसे एक दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये. इसके बाद साजित को न्यायालयीन कस्टडी के तहत जेल रवाना किया है. अब संबंधित अभियंता व महापालिका के अधिकारी भी पुलिस के निशाने पर है. इस दिशा में पुलिस की तहकीकात शुरु है, ऐसी जानकारी कोतवाली की थानेदार निलीमा आरज ने दी.
प्रभात चौक स्थित राजेंद्र लॉज ईमारत के राजदीप एम्पोरियम नामक दुकान के छत का निर्माण कार्य शुरु रहते समय बीते रविवार की दोपहर 1.30 बजे छत ढह जाने से मलबे के नीचे दबकर पांच लोगों की मौत हो गई. इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने मनपा अधिकारी सुहास चव्हाण की शिकायत पर दुकान मालिक हर्षल शाह व सुशिला शाह के खिलाफ अपराध दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया. परंतु संबंधित महापालिका अधिकारी समेत अभियंता, ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज न किये जाने के कारण मृतक मजदूरों के पिता व पत्नी ने परिसरवासी व रिश्तेदारों के साथ सिटी कोतवाली में बुधवार के दिन कोतवाली की थानेदार निलिमा आरज से मुलाकात की और उसे दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी, अभियंता व ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की. इस लिखित शिकायत के कारण पुलिस ने और तेजी से तहकीकात शुरु की.
कल बुधवार की शाम कोतवाली पुलिस ने ठेकेदार अब्दुल साजिद को गिरफ्तार कर लिया. अब्दुल साजिद ने जो मजदूरों को काम के लिए रखा था, उनकी सुरक्षा के लिए किसी तरह के कदम नहीं उठाए गए थे. सुरक्षा के लिए मजदूरों के सिर पर हल्मेट नहीं थे. हाथ में हाथमोजे, जूते ऐसी कोई भी सुरक्षा की सामग्री नहीं दी गई थी. जिसके आधार पर पुलिस ने ठेकेदार अब्दुल साजिद को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने एक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये थे. कस्टडी समाप्त होने के बाद अदालत ने साजिद को न्यायालयीन कस्टडी के तहत जेल रवाना करने के आदेश दिये है. पुलिस मामले की तहकीकात करते हुए मनपा अधिकारी व अभियंता की जांच शुरु की है. संबंधित अधिकारी व अभियंता से पूछताछ की गई. मगर समाधानकारक जबाव नहीं मिल पाया. मनपा के संबंधित अधिकारी व अभियंता खुद को बचाने के लिए प्रयास कर रहे है, मगर इस मामले में पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह खुद ध्यान दे रही है. जिसके कारण संबंधित अधिकारी व अभियंता के खिलाफ ठोस सबुत हाथ लगते ही उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
पुलिस के प्रश्नों को अधिकारियों के पास नहीं है जवाब
राजेंद्र लॉज की जिर्ण ईमारत ढह जाने से पांच लोगों की मौत हो जाने के मामले में पुलिस कडी तहकीकात कर रही है. तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने मनपा के संबंधित अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया, मगर वे पुलिस के एक भी प्रश्न का समाधानकारक जवाब नहीं दे पाये. जिर्ण ईमारत का निष्कर्ष क्या है? सी-1 श्रेणी कौंन तय करता है और सी-1 ईमारत कब गिराना है, कितने दिन में गिराना है, इसके बारे में नियम क्या है? ऐसा पूछने पर संबंधित अधिकारी केवल एक-दूसरे का चेहरा देखते नजर आये. इस वजह से इस मामले में पुलिस संबंधित जिम्मेदार अधिकारी व अभियंता को ठोस सबूत हाथ लगते ही कभी भी गिरफ्तार कर सकते है.