ठेकेदारों ने 1 मार्च से दी कामबंद आंदोलन की चेतावनी
विदर्भ कॉन्ट्रैक्टर एसो. ने जारी किया पत्र
अमरावती/दि.20 – अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगों एवं समस्याओं को लेकर विदर्भ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने परिपत्रक जारी करते हुए चेतावनी दी है कि, यदि 28 फरवरी तक ठेकेदारों की मांगों को सरकार द्वारा मान्य नहीं किया जाता है, तो 1 मार्च से ठेकेदारों द्वारा कामबंद आंदोलन किया जाएगा. जिसके तहत सभी सरकारी विकास कामों का बहिष्कार किया जाएगा.
इस संदर्भ में विदर्भ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन डहाके व सचिव नितिन सालवे द्वारा जारी परिपत्रक में बताया गया है कि, महाराष्ट्र के सभी ठेकेदारों द्वारा विगत दो वर्षों के दौरान किये गये काम की प्रलंबित निधि पूरी तरह से अदा की जाये, सरकार के काम करते समय ठेकेदारों को सुरक्षा प्रदान की जाये व कामों में दिक्कत पैदा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज करने की अनुमति प्रदान की जाये. साथ ही इस हेतु सरकारी निर्णय पारित किया जाये. इसके अलावा निर्माण विभाग के विकास कामों को प्रशासकीय मान्यता मिलने के बाद संपूर्ण निधि की व्यवस्था की जाये और राज्य में करोडों रुपए के छोटे कामों का एकत्रिकरण किये जाने की जांच करते हुए एकत्रिकरण किये गये कामों को रद्द किया जाये तथा बेरोजगार अभियंता व अन्य छोटे ठेकेदारों के लिए छोटी निविदा प्रकाशित की जाये. साथ ही निर्माण विभाग के 35 फीसद काम सुशिक्षित बेरोजगार अभियंताओं को दिये जाये. इसके अलावा 1 करोड रुपए तक निविदा में अनावश्यक नियम व शर्त न डाले जाये और नये ठेकेदारों की दिक्कतों को लेकर मंत्री स्तर पर बैठक आयोजित करते हुए सकारात्मक निर्णय लिया जाये. इन सभी मांगों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, लोकनिर्माण मंत्री, जलसंवर्धन मंत्री, जलसंपदा मंत्री व ग्रामविकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है. साथ ही विगत 16 फरवरी को राज्य के सभी ठेकेदार संगठनों की छत्रपति संभाजी नगर के खुलताबाद में बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ, विदर्भ ठेकेदार संगठन, राज्य अभियंता संगठन सहित राज्य के 30 संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. इस बैठक में यह तय किया गया कि, यदि ठेकेदारों की मांगों को 28 फरवरी तक पूरा नहीं किया जाता है, तो ठेकेदारों द्वारा 1 मार्च से कामबंद आंदोलन किया जाएगा तथा सरकारी विकास कामों का बहिष्कार किया जाएगा.