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शालेय गणवेश का विवादास्पद निर्णय रद्द

शिक्षकों, अभिभावकों व शाला व्यवस्थापन ने ली राहत की सांस

अमरावती/दि.3 – गत वर्ष कई विद्यार्थियों को समय पर निशुल्क शालेय गणवेश नहीं मिल पाया था और शालेय गणवेश को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए फैसले का समूचे राज्य में विरोध किया जा रहा था. जिसके तहत तय किया गया था कि, सरकार के जरिए कपडा खरीदकर उसका वितरण शालाओं को किया जाए और फिर शाला व्यवस्थापन द्वारा स्थानीय स्तर पर गणवेश की सिलाई की जाए. परंतु अब ऐसा नहीं होगा, बल्कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से निशुल्क गणवेश योजना पर अमल शाला व्यवस्थापन समिति द्वारा ही की जाएगी. यह निर्णय नए सरकार ने सत्ता में आते ही 20 दिसंबर 2024 को लिया था. जिसे लेकर आज शासनादेश जारी किया गया.
शालेय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आज जारी निर्देशानुसार केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान व राज्य सरकार के निशुल्क गणवेश योजना की जवाबदारी शाला व्यवस्थापन समिति पर रहेगी. जिसके तहत समिति के बैंक खाते में रकम जमा कराई जाएगी और समिति द्वारा ही गणवेश के रंग व रचना को तय किया जाएगा. दो गणवेश में से एक गणवेश स्काऊट गाईड संस्था द्वारा तय किए गए रंगसंगती के अनुसार खरीदने का अधिकार अब शाला समिति को प्राप्त हो गया है. साथ ही नित्कृष्ठ कपडा खरीदे जाने पर शाला समिति को ही जिम्मेदार माना जाएगा. गणवेश के कपडे की गुणवत्ता को जांचने का जिम्मा महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद को सौंपा गया है. जिसके चलते अब निशुल्क गणवेश योजना में शाला व्यवस्थापन समिति पूरी तरह से निर्णायक रहेगी. राज्य सरकार के इस फैसले का शिक्षा क्षेत्र में स्वागत किया जा रहा है.

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