मनपा उपायुक्त की नियुक्ति का विवाद पहुंचा अलग मोड पर
नगरविकास मंत्रालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती
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पार्षद मिलींद चिमोटे व सुनील काले ने दायर की याचिका
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१० – आमसभा के अधिकारों को लेकर मनपा पार्षद सुनील काले व स्वीकृत पार्षद मिलींद चिमोटे द्वारा अब मनपा प्रशासन के खिलाफ यल्गार किया गया है. नगर विकास मंत्रालय द्वारा आयुक्त के निर्णय को योग्य ठहराये जाये के खिलाफ दोनों पार्षदों की ओर से मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण जैसे आपदाकाल के दौरान उपायुक्त पद रिक्त रहने के चलते आमसभा में इस मुद्दे को लेकर चर्चा की गई थी. जिसमें पार्षद मिलींद चिमोटे ने बीपीएमसी एक्ट का हवाला देते हुए आमसभा के पास इस रिक्त पद पर अस्थायी रूप से नियुक्त करने का अधिकार रहने की बात कही और आमसभा में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजुर करते हुए मनपा के एक अधिकारी को उपायुक्त पद पर नियुक्त करने हेतु नया आदेश जारी करने का निवेदन किया. किंतु आयुक्त ने इस निर्णय को नकारने के साथ ही उस वरिष्ठ अधिकारी की अनदेखी करते हुए सिस्टीम मैनेजर पद पर रहनेवाले व्यक्ति की नियुक्ति उपायुक्त पद पर की थी. किंतु प्रशासन का यह निर्णय यानी एक तरह से आमसभा के अधिकारों का हनन रहने की बात स्पष्ट करते हुए मनपा प्रशासन पर दबाव बनाया गया. जिसके चलते इस प्रस्ताव को विखंडित करने हेतु राज्य सरकार के पास भेजा गया, लेकिन सरकार ने भी आयुक्त के फैसले को ही योग्य ठहराया. ऐसे में अब सरकारी फैसले के खिलाफ पार्षद मिलींद चिमोटे तथा सुनील काले ने उच्च न्यायालय में गुहार लगायी है. इस मामले में सरकार, मनपा प्रशासन, आयुक्त तथा महापौर को पार्टी बनाया गया है. ऐसे में यह विवाद और अधिक बढने की संभावना है. इस मामले को लेकर आगामी माह में सुनवाई होगी. पार्षद मिलींद चिमोटे व सुनील काले की ओर से नागपुर निवासी एड. मिर्झा द्वारा यह याचिका दायर की गई है.