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सिटी में कुलर का शॉर्टेज

प्रति कुलर 1 हजार रुपए से बढे दाम

अमरावती/दि.25- इस वर्ष के ग्रीष्मकाल में कुलर की बिक्री बढ गई है. जिसके चलते सिटी में कुलर का शॉर्टेज है. वर्तमान में शहर के 15 से 20 कारखानों में कुलर की निर्मिति की जा रही है. लेकिन जितना माल उपलब्ध है, वह इसी महीने में खत्म हो जाएगा. उसके बाद अन्य जिलों से कुलर बुलाने पडेंगे. ऐसी जानकारी शहर के एक कुलर विक्रेता ने दै. अमरावती मंडल को दी. शहर के हमालपुरा परिसर स्थित कुलर विक्रेता विवेक राजेश गुप्ता ने बताया कि, इस वर्ष प्रति कुलर 1 हजार रुपए दाम बढ गये है. पहले जो माल 40 रुपए में मिलता था. वहीं माल अब 85 रुपए में मिल रहा है. जिससे कुलर के दाम बढ गये है.
कुलर विक्रेता गुप्ता ने दिये जानकारी अनुसार कुलर के लिए लगने वाला पत्रा, एंगल के दाम बढने से कुलर की बॉडी महंगी हो गई है. वहीं कॉपर के दाम बढने से मोटर के दाम भी बढ गये है. इसका असर कुलर के भाव पर हुआ है. यहीं वजह है कि, अधिकांश कुलर निर्माताओं ने सिमित संख्या में कुलरों की निर्मिति की है. पहले शहर में 100 से अधिक जगहों पर कुलर की निर्मिति की जाती थी. लेकिन अब यह संख्या 15 से 20 पर सीमित हो गई है. यहीं वजह है कि, शहर में कुलर की कमी है.

* दो वर्ष से ठप्प था बाजार
कुुलर विक्रेताओं ने बताया कि, कोरोना के चलते विगत दो वर्ष से कुलर बिक्री का बाजार ठप्प था. लेकिन इस वर्ष कुलर की बिक्री तेजी से शुरु हुई. जिससे मार्च महीने में ही आधे से अधिक कुलर का स्टॉक बिक गया है. प्रत्येक दुकानदार 1500 से 1800 कुलरों की बिक्री करता है. इस वर्ष इस संख्या में भी 30 फीसदी से कमी आई है. कुलर के लिए लगने वाली बॉडी का माल नागपुर से व मोटर का माल दिल्ली से लाया जाता है. इस वर्ष कुलर बिक्री के बाजार में तेजी है.

* प्रत्येक दुकान पर ग्राहकों की भीड
कुलर के लिए लगने वाले लोहे के पत्रे, पंखे, मोटर, वूडवूल आदि की कीमतें दुगनी रफ्तार से बढी है. बावजूद इसके तापमान बढने से कुलर खरीदने के लिए प्रत्येक दुकान पर ग्राहकों की भीड उमड रही है. अमरावती में निर्मित कुलरों को अन्य जिलों में भी काफी डिमांड है, लेकिन शहर में ही अधिकांश माल की बिक्री हो रही है. जिससे शहर से बाहर भेजने के लिए माल कम पड रहा है, ऐसा कुलर विक्रेताओं का कहना है.

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