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सहकार मंत्री वलसे पाटिल ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

राजेंद्र जाधव की उम्मीदवारी को स्थगनादेश

अमरावती/दि.19 – सहकार क्षेत्र में प्रतिष्ठित जिजाउ कमर्शियल को-आप बैंक के चुनाव में सहकार पैनल के प्रत्याशी राजेंद्र जाधव की उम्मीदवारी के खतरे में आने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है. सहकार आयुक्त द्वारा दिए गए निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जहां पर अदालत ने सहकार आयुक्त के निर्णय पर स्थगनादेश दिया है. ऐसे में अब अदालत के फैसले पर राजेंद्र जाधव की उम्मीदवारी का भविष्य निर्भर है.
बता दें कि, बैंक के मौजूदा अध्यक्ष अविनाश कोठाले, प्रणित सहकार पैनल के उम्मीदवार व उद्योजक राजेंद्र जाधव की उम्मीदवारी पर आक्षेप लेते हुए विपक्षी परिवर्तन पैनल ने सहकार आयुक्त के समक्ष अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सहकार आयुक्त ने जाधव की उम्मीदवारी को कायम रखा था और अपील को खारिज कर दिया था. ऐसे मेें सहकार आयुक्त के निर्णय को चुनौती देने हेतु परिवर्तन पैनल ने अब उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. जिजाउ कमर्शियल को-ऑपरेटीव बैंक के चुनाव में सहकार पैनल के प्रत्याशी राजेंद्र जाधव के नामांकन को निर्वाचन निर्णय अधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया था. पश्चात जाधव ने सहकार आयुक्त के पास अपील दायर की थी और 15 दिसंबर को सहकार आयुक्त ने जाधव की उम्मीदवारी वैध रहने का निर्णय दिया था. जिसके खिलाफ प्रफुल्ल गुडधे व हरिभाउ लुंगे ने हाईकोर्ट में अपील की. जिस पर सुनवाई करते हुए नागपुर खंडपीठ ने सहकार आयुक्त के फैसले पर स्थगनादेश दिया.

* जिजाउ बैंक के चल रही कर्ज वितरण की जांच
वहीं दूसरी ओर नागपुर में चल रहे राज्य विधान मंडल के शीतसत्र दौरान राज्य के सहकार मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सदन में आश्वासन दिया कि, जिजाउ कमर्शियल को-ऑपरेटीव बैंक के संचालक मंडल द्वारा नियमबाह्य पद्धति से कर्ज वितरण करने के मामले में जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह भी बताया गया कि, सहकार आयुक्त द्वारा अमरावती के सहायक निबंधक सहकारी संस्था को प्राधिकृत अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है एवं जांच की कार्रवाई शुरु है.
मंत्री दिलीप वलसे पाटिल द्वारा सदन को दी गई जानकारी के मुताबिक जिजाउ कमर्शियल को-ऑप बैंक के संदर्भ में विविध शिकायतों के मद्देनजर सहकार आयुक्त ने 10 नवंबर 2022 को एक आदेश जारी किया था. जिसके अनुसार जांच हेतु अमरावती के प्रादेशिक उपसंचालक (शक्कर) की नियुक्ति की गई. जिनकी ओर से 18 अगस्त 2023 को जांच की रिपोर्ट पेश की जा चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक कर्ज मंजूर मामलों में पर्याप्त गिरवी नहीं रखने, कम ब्याजदर पर कर्ज मंजूर करने जैसी गडबडियां पायी गई है. जिसके चलते इस बैंक की जांच करने हेतु सहायक निबंधक सहकारी संस्था की प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति की गई है और इस समय बैंक की जांच चल रही है.

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