अमरावती

सहकार पैनल और कष्टकरी परिवर्तन जनसंघ आमने-सामने

एसटी वर्कर्स क्रेडिट को-ऑप सोसायाटी के चुनाव

* 12 फरवरी को होंगे चुनाव
अमरावती/दि.18 – एसटी महामंडल के एसटी वर्कर्स क्रेडिट को-ऑप सोसायाटी का हर 5 वर्ष में चुनाव लिया जाता है. 2016 के बाद कोरोना महामारी के चलते चुनाव नहीं हो पाए. अब जिला उननिबंधक कार्यालय ने सोसायटी के चुनाव को मान्यता दी. इसके बाद आगामी 12 फरवरी को सोसायटी के चुनाव लिए जा रहे है. इस चुनाव में कष्टकरी परिवर्तन जनसंघ और सहकारी पैनल के प्रत्याशियों ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दायर किया.
राज्य के स्थापना के साथ एसटी वर्कर्स क्रेडिट को-ऑप सोसायाटी की वर्ष 1960 में स्थापना की गई थी. इस सोसायटी ने तब से लोकतंत्र तरीके से 11 संचालकों का चयन किया जाता है. यह परंपरा आज भी शुरु है. कर्मचारियों को आर्थिक मजबूती देने के लिए यह सोसायटी की शुरुआत की गई. जिला उपनिबंधक कार्यालय की ओर से हर 5 वर्ष में चुनाव लिए जाते है. 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद एसटी वर्कर्स क्रेडिट को-ऑप सोसायाटी के 11 संचालक मंडल की नियुक्ति के लिए फिर एक बार चुनाव लिया जा रहा है. संचालक मंडल में 6 सर्वसाधारण संवर्ग सदस्य, 2 महिला सदस्य, अनुसूचित जाति और जमाति-अन्य पिछडा वर्गीय, विमुक्त भटक्या जमाति के प्रति 1-1 सदस्य को अवसर दिया जाता है. एड. जयश्री पाटील, प्रणित और एड. गुणरत्न सदावर्ते के मार्गदर्शन में एसटी कष्टकरी जनसंघ पैनल के विभागीय कार्याध्यक्ष सतिश कडू, विभागीय अध्यक्ष धीरज तिवारी, विभागीय सचिव जयदीप घोडे के नेतृत्व में चुनाव के मैदान में उतरे है. इस पैनल की ओर से संदीप मुले, सागर गावंडे, राम अजमिरे, पुरुषोत्तम भुसारी, जमील मनोहर खासबागे, गणेश सतई, धीरज गोंगटे, शिवदास स्वर्गे, संगीता भारती, बेबी अंभोरे ने नामांकन भरा है.
इसके अलावा इंटक प्रणित, सहकार पैनल के सभी 11 सीटों के लिए प्रत्याशी खडे किए गए है. जिला उपनिबंधक कार्यालय के सहायक उपनिबंधक अवी महल्ले की उपस्थिति में शुक्रवार को सभी सदस्यों ने आवेदन दायर किया. शुक्रवार 20 जनवरी को प्रत्याशियों के आवेदनोें की छटणी के साथ सदस्यों को आवेदन पीछे लेने का समय दिया जाएगा. इसके बाद मैदान में रहने वाले प्रत्याशियों का रविवार 12 फरवरी को चुनाव होगा. एसटी महामंडल में 2,300 कर्मचारी है. परंतु एसटी वर्कर्स क्रेडिट को-ऑप सोसायाटी में कुल 242 मतदाता है. जो कर्मचारियों ने 2 माह सेवाकाल पूरा किया है, ऐसे सभी कर्मचारी सोसायटी के सदस्य बन सकते है. मगर सोसायटी के सदस्यों की संख्या बढाई नहीं गई. 1960 से सदस्यों की संख्या 200 के आगे नहीं गई.

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