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कोविड नियमों का पालन करने के बाद भी बढ रहे संक्रमित
अमरावती / प्रतिनिधि दि.1 – स्थानीय मध्यवर्ती कारागार की अंडा सेल में एक पुरूष कैदी कोरोना संक्रमित पाया गया है. अति संरक्षित मानी जाती अंडा सेल तक कोरोना वायरस कैसे पहुंचा? इस बात को लेकर कारागार प्रशासन चिंतीत दिखाई दे रहा है. इस समय सेंट्रल जेल में 1 महिला कैदी सहीत 10 पुरूष कोरोना संक्रमित पाये गये है. ऐसे में अब सेंट्रल जेल में समूह संक्रमण का खतरा बढ गया है. यहां के एक कैदी को इलाज के लिए सरकारी सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में भरती कराया गया है. वहीं 9 कैदियों को होमगार्ड के विभागीय कार्यालय में बनाये गये कोविड हेल्थ केयर सेंटर में रखा गया है. साथ ही कोरोना संक्रमित पायी गयी महिला कैदी को विदर्भ महाविद्यालय के महिला छात्रावास में बनाये गये कोविड हेल्थ सेंटर में रखा गया है.
उल्लेखनीय है कि अमरावती जिले में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढती संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा आगामी 8 मार्च तक लॉकडाउन घोषित किया गया है. इस बात के मद्देनजर जिला कारागार में भी कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का बेहद कडाई के साथ पालन किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद कोरोना वायरस के संक्रमण ने सेंट्रल जेल के अंडा सेल तक अपनी पहुंच बना ली है. जिससे कारागार प्रशासन में चिंता की लहर देखी जा रही है. ज्ञात रहें कि, इससे पहले 1 मई 2020 से 31 जनवरी 2021 तक सेंट्रल जेल में कुल 165 लोग कोरोना संक्रमित पाये जा चुके है. जिसमें से एक कर्मचारी एवं एक कैदी की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है.
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अंडा सेल में बम विस्फोट के आरोपी, नक्सलवादी व पाकिस्तानी
अमरावती मध्यवर्ती कारागार की अंडा बैरेक को बेहद अति संरक्षित माना जाता है. मुख्य प्रवेश द्वारा से सात प्रवेश द्वार पार करने के बाद अंडा बैरेक में जाया जा सकता है. अंडा बैरेक में बंद हत्या के एक अपराधी को कोरोना संक्रमित पाया गया है. ऐसे में अंडा सेल में कोरोना का संक्रमण कैसे पहुंचा, यह खोजना काफी चुनौतीपूर्ण है. इस वक्त अंडा सेल में मुंबई बम विस्फोट के आरोपी, देशद्रोह के आरोपी, नक्सलवादी तथा पाकिस्तानियों सहित हत्या के आरोपी सहित कुल 10 कैदी रखे गये है. इस अंडा सेल में कुल 16 कैदियों को रखने की क्षमता है.
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नये कैदियों को रखा जाता है 14 दिन कोरोंटाईन
न्यायालय के आदेश पश्चात किसी भी आरोपी को जेल रवाना किये जाने के बाद उसे 14 दिनों तक कोरोंटाईन रखा जाता है और 14 दिनों पश्चात कोविड टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही सेंट्रल जेल में भेजा जाता है. इसके बावजूद अंडा बैरेक जैसी अतिसंरक्षित जगह पर कोरोना का संक्रमण कैसे फैला, यह अपने आप में बेहद चिंता का विषय है.
सभी कैदियों की नियमित तौर पर सर्दी-खांसी व बुखार की जांच की जाती है. साथ ही कारागार में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. इसके बावजूद अंडा बैरेक तक कोरोना का संक्रमण कैसे पहुंचा, यह चिंता का विषय है. शायद जेल के किसी कर्मचारी के जरिये इस सेल तक इस वायरस ने अपनी पहुंच बनायी होगी.
– एफ. आय. थोरात
वैद्यकीय अधिकारी, अमरावती सेंट्रल जेल