अमरावती

कोरोना ने आशा मनीषा मंदिर पर भी लगा दिया ताला

नवरात्रि उत्सव भी पड़ गया फीका

दर्यापुर प्रतिनिधि/दि. २३ – नवरात्रि उत्सव यह ऐसा त्यौहार है जो लोगों में उमंग और उत्साह को बरकरार रखता है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी ने इस त्यौहार को ग्रहण लगाने का काम किया है. धार्मिक त्यौहारों के दौरान जहां सभी मंदिरों पर ताले लगे हुए है. वहीं दर्यापुर तहसील के पेठ इतबारपुर मार्ग पर स्थित साड़े ३०० वर्ष पूराना आशा मनीषा माता मंदिर पर भी कोरोना का ग्रहण हावी रहने से इस मंदिर को भी ताला लगा हुआ है. नवरात्रि उत्सव के दौरान मंदिर में प्रात: ५ बजे और शाम ७ बजे देवी की आरती मंदिर प्रशासन की ओर से की जा रही है. इतना ही नहीं तो नवरात्रि पर देवी का दर्शन भी श्रध्दालुओं के लिए बंद रखा गया है. यहां बता दे कि पेठ इतबारपुर मार्ग पर आशा मनीषा माता का मंदिर चंद्रभागा नदी के तट पर बसा हुआ है. यह मंदिर पूरे विदर्भ में अपनी पहचान बनाए रखे हुए है. एक दौर था जब इस मंदिर की देवी माता भी हंसापुरी मंसापुरी माता के नाम से पहचाना जाता था. लेकिन अब इसकी पहचान बदलकर आशा मनीषा माता मंदिर हो गई है. क्षेत्र में रहनेवाले बुजुर्गो द्वारा इस देवस्थान को आज भी पुराने नाम से ही पहचाना जाता है. मूलत: राजस्थान निवासी देवी पेंढारी जनजाति के एक भक्त के साथ दर्यापुर में आयी और चंद्रभागा के किनारे पर देवी की स्थापना हुई. यह दंतकथा है. तत्कालीन देवी भक्तों ने यह मंदिर बनाया. तकरीबन साड़े ३०० वर्ष पहले यह मंदिर बनाया गया है और अब यह मंदिर सुस्थिति में है. जबकि मंदिर के चारो ओर का परकोट व बुरूज ढह गया है. बीते ७ जुलाई २००७ में नदी में आयी बाढ़ से मंदिर क्षतिग्रस्त हुआ था. हालांकि अब मंदिर की मरम्मत कर दी गई है.प्राचीन समय से जटाले परिवार की ओर से मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही है. नवरात्रि उत्सव में यहां पर रोजाना आरती पूजा होम हवन व अन्य धार्मिक विधिया निपटायी जाती है. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे भी बंद कर दिए गये है.जिसके चलते श्रध्दालु बाहर से दर्शन कर लौट रहे है.

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