अमरावती

एसआरपीएफ कैम्प से कोरोना हुआ हद्दपार

पहली व दूसरी लहर में कोई मौत नहीं

  • शत-प्रतिशत टीकाकरण भी हुआ

अमरावती/दि.1 – करीब 30 एकड के क्षेत्रफल में स्थापित राज्य आरक्षित पुलिस बल (एसआरपीएफ) कैम्प परिसर में कोविड संक्रमण को अपना हाथ-पैर फैलाने के लिए जगह ही नहीं मिली. यहां पर कोविड संक्रमण के चलते किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की मौत नहीं हुई है. साथ ही एसआरपीएफ कैम्प परिसर में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को बेहद कडाई के साथ लागू किया गया है. इसके अलावा इस कैम्प परिसर में रहनेवाले सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों सहित उनके परिजनों को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाने हेतु व्यापक अभियान चलाया गया. यद्यपि शुरूआत में टीकाकरण अभियान को लेकर कुछ हद तक उदासिनता देखी जा रही थी. किंतु इस समय एसआरपीएफ कैम्प में 90 फीसद से अधिक लोगों को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का दूसरा डोज भी लगाया जा चुका है. एसआरपीएफ अमरावती के समादेशक हर्ष पोद्दार द्वारा किये गये सटिक नियोजन के चलते इस कैम्प परिसर में रहनेवाले सभी लोग कोविड संक्रमण की महामारी के दौर में सुरक्षित बचे रहे.
बता दें कि, राज्य आरक्षित पुलिस दल के रिहायशी क्षेत्र रहनेवाले एसआरपीएफ कैम्प में 1 हजार 100 जवानों और उनके परिवारों के निवास है. ऐसे में यहां पर करीब 4 हजार के आसपास महिला, पुरूष तथा बुढे व बच्चे रहते है. कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के दौरान कानून व व्यवस्था बनाये रखने तथा भीडभाड को नियंत्रित करने हेतु यहां के जवानों को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया था. जहां से ड्यूटी पूरी कर कैम्प में वापिस आने पर उनकी समय-समय पर कोविड टेस्ट की गई और जिन जवानों में कोविड संक्रमण के लक्षण पाये गये उनके इलाज की व्यवस्था भी की गई. इसके साथ ही जिस समय चारों ओर कोविड संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से हाहा:कार मचा हुआ था, उस समय एसआरपीएफ कैम्प में फरवरी माह के दौरान कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के पहले डोज का 100 फीसद टीकाकरण हो चुका था. वहीं मार्च माह में 90 फीसद लोगों को दूसरा डोज भी लगा दिया गया था. इसके अलावा एसआरपीएफ कैम्प में रहनेवाले लोगों को कोविड संक्रमण से बचाये रखने हेतु यहां पर किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था. साथ ही कैम्प परिसर में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों को बेहद कडाई के साथ लागू किया गया था. जिसके चलते एसआरपीएफ कैम्प परिसर में कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर का कोई विशेष असर दिखाई नहीं दिया. साथ ही सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि यह रही कि, इस दौरान एसआरपीएफ से संबंधित किसी भी व्यक्ति की इस संक्रमण की वजह से मौत नहीं हुई. जिसके लिए ग्रुप कमांडंट हर्ष पोद्दार द्वारा तमाम आवश्यक नियोजन किये गये थे. सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि, ऑक्सिजन की किल्लत पैदा होने की पूर्व सूचना मिलते ही एसआरपीएफ कैम्प में मार्च माह के दौरान ही 2 ऑक्सिजन कॉन्सनट्रेटर मशीन भी उपलब्ध करा दी गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.

  • कोविड संक्रमण की भयावहता को देखते हुए समय रहते तमाम आवश्यक उपाय किये गये. साथ ही कोविड टीकाकरण अभियान को भी प्रभावी रूप से चलाया गया. जिसके जरिये हम एसआरपीएफ कैम्प में कोरोना के असर को रोकने में पूरी तरह से कामयाब रहे.

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