अमरावती

जिले के १६८६ में से ९९८ गांवों तक नहीं पहुंचा कोरोना

सूक्ष्म नियोजन से गांवों का स्वास्थ्य रखा गया सुरक्षित

  • अन्य जगहों से प्रेरणा लेकर कोरोना की नाकाबंदी की गई

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२१ – इस समय जहां एक ओर कोरोना संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया की रफ्तार थम गयी है. वहीं जिले के १६८६ गांवों में से ९९८ गांवों ने कोरोना की संक्रामक बीमारी को अपने भीतर आने ही नहीं दिया और अन्य स्थानों के अनुकरण से प्रेरणा लेते हुए कोरोना की गांव के बाहर ही नाकाबंदी कर दी. साथ ही इस समय भले ही समूचे जिले में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से नीचे जा रहा है, लेकिन फिर भी इन गांवों में आज भी पहले की तरह ही सजगता व सतर्कता बरती जा रही है. जिसकी वजह से ये ९९८ गांव शुरूआती दौर से अब तक कोरोना मुक्त रहने में सफल हुए है. बता दें कि, विगत अप्रैल माह के दौरान जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज पाया या. इस समय किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन जैसे ही जून माह के बाद कोरोना संक्रमण ने पांव पसारने शुरू किये और इस संक्रमण की वजह से एक के बाद एक मौते होने लगी, तब गांवों में भय का वातावरण व्याप्त हुआ और कई गांवों ने अपने स्तर पर सतर्कता के उपाय करने शुरू किये. जिसकी वजह से जिले के १६८६ गांवों में से ९९८ गांवों को कोरोना मुक्त रहने में सफलता मिली. हालांकि १९ अक्तूबर तक जिले के ६८८ गांवोें में ५३२५ कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये. जिसमें से १४३ मरीजों की मौत हुई और ४ हजार ९०७ मरीजों ने इस संक्रामक बीमारी को हराते हुए कोविड अस्पतालों से डिस्चार्ज प्राप्त किया. वहीं इस समय २७५ मरीजों पर कोविड अस्पतालों में इलाज जारी है. इसके अलावा जिले के ९९८ गांव ऐसे भी रहे, जहां पर एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला. इस समय जिले के सभी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार सुस्त हुई है. लेकिन इसके बावजूद भी इन ९९८ गांवों में प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर कोई कोताही नहीं की जा रही, ताकि आगे भी इन गांवों के दामन पर कोरोना संक्रमण का धब्बा न लगे.

स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा सेविका, अंगनवाडी सेविका, ग्राम पंचायत कर्मचारी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक इन सभी के सामूहिक प्रयासों की वजह से कोरोना संक्रमण को कई गांवों से बाहर रोकने में सफलता हासिल हुई है. इस समय यद्यपि ये सभी गांव कोरोना संक्रमण के खतरे से बचे हुए है. लेकिन इसके बावजूद भी इन सभी गांवों में प्रतिबंधात्मक उपायों एवं दिशानिर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है.

  • अपने गांवों को कोरोना से बचाने ग्रामीणों ने उठाये ये पांच कदम

  • १. बाहरगांव से आनेवाले लोगोें का शत-प्रतिशत आयसोलेशन किया गया. शाला व अन्य स्थानों पर सुविधा उपलब्ध कराते हुए स्वतंत्र रहने की व्यवस्था की गई. साथ ही फिजीकल डिस्टेंसिंग के नियमोें का पालन किया गया.
  • २. बाहरगांव से आये लोगों की जानकारी पीएचसी एवं अन्य वैद्यकीय महकमों को दी गई. साथ ही सभी लोगों की अनिवार्य तौर पर स्वास्थ्य जांच करायी गयी.
  • ३. जनजागृति पर विशेष जोर देते हुए मास्क एवं फिजीकल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य किया गया. साप्ताहिक बाजारों को बंद कराया गया. भीडभाडवाले स्थानों एवं संस्थाओें को बंद रखा गया.
  • ४. बिना मास्क पहने घुमनेवालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई और गांव की सीमा पर पहरा देते हुए तय किया गया कि, बाहर का कोई व्यक्ति बिना अनुमति गांव में न आ पाये.
  • ५. स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा कर्मचारी, अंगनवाडी सेविका, ग्राम पंचायत कर्मचारियों के माध्यम से हर घर में जाकर सर्वेक्षण कराया गया.

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