अमरावती

पहली लहर में बचे ४०० गांवों में घुसा कोरोना

  •  दूसरी लहर के समय सतर्कता को लेकर लापरवाह रहे ग्रामीण

  •  प्रशासकीय नियमों की जमकर हुई अनदेखी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – अमरावती जिले में कोविड संक्रमण के शुरूआती दौर में इस संक्रमण से पूरी तरह बचे रहनेवाले ४०० गांवों में दूसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमण का प्रवेश हुआ है. ऐसे में गांववासियों से कहा चूक हुई, इसकी वजहों को खोजते हुए गावों को कोरोना मुक्त करने हेतु प्रयास किए जाना बेहद जरूरी हो चला है.
ज्ञात रहे कि गत वर्ष मार्च माह से कोविड संक्रमण की जिले में शुरूआत हुई. इस दौरान जब शहरी क्षेत्र में कोविड संक्रमित मरीज बडी संख्या में पाए जा रहे थे. उस समय जिले की ८३९ ग्राम पंचायत क्षेत्रों के अंतर्गत ९९८ गांवों से कोविड संक्रमण को दूर रखने में सफलता प्राप्त हुई थी. उस वक्त बाहर गांव से आनेवाले हर व्यक्ति को गांव से बाहर १४ दिनों तक कोरोंटाईन रहना अनिवार्य किया जाता था और कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें गांव में प्रवेश दिया जाता था. किंतु कालांतर में धीरे-धीरे इस नियम की अनदेखी होने लगी और इसके बाद धीरे-धीरे कई ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए. ऐसे में नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह से ८३९ में से ४०० ग्राम पंचायत क्षेत्रों के गांवों में दूसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमण ने प्रवेश किया. ऐसे में अब सभी गांवों में एक बार फिर पहले की तरह कडक नियम लागू किए जाने और नियमों का कडाई के साथ पालन करवाए जाने की सख्त जरूरत है.

  •  इन गांवों में पहुंचा कोरोना

पहली लहर के दौरान कोविड मुक्त रहनेवाले सावलीखेड़ा, हरिसाल, बिवामल, कुसुमकोट, झिल्पी, रानीगांव, बेरदा, बरडा, चाकरदा, दीया, चुरनी, डोमा, काटकुंभ, खंडुखेडा, चिखली, सेमाडोह, हतरू, आरेगांव, गौरखेडा, सावली, दातुरा, हनुमतखेडा, मोखड, गौरखेडा, टेब्रुसोंडा, वाठोडा, पुसला, लोणी, आमनेर, चुरली, अमडापुर, ढगा, वणी, सातरगांव, वाढोणा, सुरवाडी, चिंचोणा, चौसाला, दिहीगांव, हिरापुर, निमखेड बाजार, लखाड, अडगांव खाडे, भंडारज, कारला, कापुस तलनी व कस्बेगव्हाण आदि गांव में कोविड संक्रमण ने दूसरी लहर के दौरान प्रवेश किया. ऐसे में अब सभी संबंधित गांवों के प्रतिनिधि व ग्रामीण सोच में पड़ गये है कि, आखिर उनसे चूक कहां हुई.

  • आखिर हमसे चूक कहां हुई

– पिछली बार ग्रामीण स्तर पर कई उपाय योजना किए गये थे और ग्रामीणों में भी संक्रमण को लेकर काफी हद तक भय था. किंतु अब लापरवाही काफी हद तक बढ़ गई है, ऐसे में कोविड संक्रमण की स्थिति अनियंत्रित हो चली है. अत: दोबारा नियमों का कडाई से पालन करना बेहद जरूरी है.
– विपिन अनोकार,
सरपंच, निमखेड बाजार

-पहली लहर के दौरान ग्रामीणों में काफी जनजागृति की गई थी और कडे प्रतिबंधों की वजह से बेहतरीन परिणाम दिखाई दिए. किंतु इस बार बाहर से आनेवाले लोगों की वजह से कोविड वायरस ने हमारे गांव तक पहुंच बनाई. ऐसे में सभी नागरिको को नियमों का पालन करने के साथ ही प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए.
– सुवर्णा बरडे,
सरपंच, हीरापुर

-कोविड की पहली लहर से समय गांवों को इस संक्रमण से बचाये रखने में काफी हद तक सफलता मिली थी. किंतु इसके बाद संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई और धीरे-धीरे गांव तक भी कोविड संक्रमण ने अपनी पहुंच बना ली. ऐसे में गांवों में एक बार फिर कडे प्रतिबंधात्मक नियम लागू करना बेहद जरूरी है.
-कंचन लबडे,
सरपंच, लखाड

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