अमरावती प्रतिनिधि/दि.९ – जिले में कोरोना काल के दौरान विगत छह माह में १३२ किसानों ने आत्महत्या की. जिसकी तुलना में इसी छह माह की कालावधि में २९६ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई. ऐसे में कहा जा सकता है कि, कोरोना संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों का आंकडा किसान आत्महत्याओं की तुलना में दो गूना अधिक है और इन दोनों संकटों ने अमरावती जिले की चिंताओं को बढा दिया है. अनुमान के मुताबिक अमरावती जिले में प्रत्येक ३२ से ३५ घंटे के दौरान एक किसान आत्महत्या हो रही है. संभवत: राज्य में इस वक्त सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं अमरावती जिले में ही हो रही है. जबकि इससे पहले यवतमाल जिला किसान आत्महत्याओं के लिए बदनाम था, लेकिन अब विभिन्न कारणों, विशेषकर आर्थिक कारणों के चलते अमरावती जिले में किसान आत्महत्याओं की संख्या बढ गयी है.
उत्पादन खर्च की तुलना में आय का तालमेल नहीं बैठने, बच्चों की पढाई, बेटियों की शादी, उदरनिर्वाह, प्राकृतिक आपदा और फसलों का नुकसान आदि की वजह से जिले के किसान बैंकों सहित निजी साहूकारों के कर्जदार होते जा रहे है और निराशा का शिकार होकर अपने ही हाथों अपने गले में फांसी के फंदे डाल रहे है या जहर पीकर आत्महत्या कर रहे है. अमरावती जिले में ४ अप्रैल को पहले कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत होने के बाद १ अक्तूबर तक २९६ कोरोना संक्रमितों की जाने गयी. वहीं इसी कालावधी के दौरान अमरावती जिले में १३२ किसानों ने अपने ही हाथों अपनी जिंदगी खत्म की.
अमरावती जिले में एक ही समय ये दोनों संकट उत्पन्न होने की वजह से प्रशासन की चिंताएं बढ गयी है. इन दिनों कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन बढ रही है और प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं के लिए प्रशासन द्वारा नये-नये उपाय किये जा रहे है, लेकिन इसके बावजूद इन दिनों अमरावती जिले में कोरोना के साथ-साथ अन्य संक्रामक बीमारियां भी पांव पसार रही है और अब केवल वयस्कों व बुजुर्गों की ही नहीं बल्कि युवाओं की भी कोरोना एवं अन्य संक्रामक बीमारियों के चलते मौत हो रहीं है. यह भी अपने आप में एक बडी चिंता का विषय है.
लॉकडाउन काल में कृषि उपज की गारंटी मूल्य पर खरीदी की गई और अब सरकार द्वारा ८०० करोड रूपयों की कर्ज माफी भी की गई है. विभिन्न योजनाओं के जरिये किसानों को राहत देने का पूरा प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है. साथ ही साथ कोरोना संक्रमितों पर भी स्वास्थ्य महकमे की ओर से समूचित उपचार करते हुए मृत्यु दर को शून्य पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. – शैलेश नवाल जिलाधीश, अमरावती
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गुरूवार को पांच संक्रमितों की मौत
गत रोज गुरूवार ८ अक्तूबर को अमरावती जिले में ५ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई. ऐसे में अब जिले में कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोडनेवालों की संख्या ३२४ पर जा पहुंची है. गुरूवार को वृषाली कालोनी की ८८ वर्षीय व राजना (चांदूर रेल्वे) की ६५ वर्षीय महिला तथा मालखेड के ४४ वर्षीय, नायगांव (अचलपुर) के ७५ वर्षीय पुरूष सहित बोेंडे अस्पताल में ६५ वर्षीय पुरूष की मौत हुई.
- कोरोना संक्रमितों की मौतों व किसान आत्महत्याओें की तुलनात्मक स्थिति – रोजाना १.६० के अनुपात से हुई कोरोना मौतें कोरोना संक्रमण काल के दौरान १८३ दिनों में अमरावती जिले में २९६ कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हुई. यह अनुपात रोजाना १.६१ का है, यानी प्रति दो दिनों के दौरान तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हुई. इसी कालावधि में १३२ किसान आत्महत्याएं हुई, यानी हर दिन ०.७२ और तीन दिनों में दो किसान आत्महत्याएं हुई. अमरावती जिले पर पहले ही किसान आत्महत्याओं का संकट मंडराये रहने के बीच विगत छह माह से जिले पर कोरोना का संकट भी मंडरा रहा है.
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किसान आत्महत्या
४ अप्रैल – १३
१ मई – २८
१ जून – २९
१ जुलाई – २९
१ अगस्त – २३
१ सितंबर – १०
१ अक्तूबर – ००
कुल – १३२
- कोरोना के चलते हुई मौतें
- ४ अप्रैल – १
- १ मई – १०
- १ जून – ५
- १ जुलाई – ९
- १ अगस्त – ३६
- १ सितंबर – ७४
- १ अक्तूबर – १६१
- कुल – २९६
मृत्यु दर कम करने पर जोर कोरोना संक्रमितों की मौतों का प्रमाण दिनोंदिन बढ रहा है. यह स्थिति चिंताजनक है और इस मृत्यु दर को कम करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक उपाय किये जा रहे है. हाईरिस्क के मरीज जल्द चिन्हीत किये जाये. इस हेतु टेस्ट सेंटरों की संख्या बढाई गयी है. साथ ही स्वास्थ्य पथकों द्वारा घर-घर जाकर भेंट दी जा रहीं है. इसके साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड व वेंटिलेटर की संख्या बढाई जा रही है और रेमेडीसिवर व टोसिली जुमैब जैसी दवाईयों की आपूर्ति नियमित करायी जा रही है. इसके अलावा किसान आत्महत्या न हो, इस हेतु कर्जमाफी सहित विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही है. ऐसी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है.