अमरावती

वरुड, मोर्शी व परतवाडा आज भी कोरोना ‘हॉटस्पॉट’

तीनों शहरों में रोजाना पाये जाते है 100 से ज्यादा संक्रमित

  • शहर में कम हो रही संक्रमितों की संख्या

अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – अमरावती जिले में फरवरी महिने से कोरोना का संक्रमण काफी बढ रहा है. शुरुआत में अमरावती शहर के अधिकांश इलाके कोेरोना का हॉटस्पॉट बने थे, लेकिन वर्तमान में चित्र कुछ अलग है. आज अमरावती शहर में कोरोना संक्रमितों की स्थिति काफी नियंत्रण में है. इस कारण शहर में क्वारेंटाइन जोन आज नहीं के बराबर है, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ रहा है. विशेषकर जिले के वरुड, मोर्शी और अचलपुर-परतवाडा में आज भी कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है. कल सोमवार 10 मई को अचलपुर परतवाडा में 119 कोरोना बाधितों की नोंद की गई. वहीं वरुड में 178 और मोर्शी में 94 कोरोना बाधितों की नोंद की गई है. चांदूर बाजार में भी कल 51 कोरोना संक्रमित पाये गए. उसके साथ साथ अंजनगांव सुर्जी में 52, धामणगांव रेलवे में 41 तथा दर्यापुर व नांदगांव खंडेश्वर में प्रति 25 कोरोना बाधितों की नोंद की गई है.
अमरावती जिले में फरवरी से कोरोना मरीजों की संख्या बढने लगी. इन 100 दिनों में 51 हजार कोरोना ग्रस्त और 800 मृत्यु की नोंद होने के बाद भी संक्रमितों का आलेख रोज बढते जा रहा है. अब तो जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना ने प्रवेश किया है. इस कारण संसर्ग कब कम होगा, इस बाबत तज्ञोें में एकमत नहीं है. जिससे जिले में यह कोरोना की तीसरी लहर तो नही, इस तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है.
जिले में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत आमतौर पर 28 जनवरी से हुई थी. हालांकि राज्य में कोरोना के दूसरे लहर की शुरुआत अमरावती से हुई, ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा. तभी से कोरोना का संसर्ग लगातार बढते जा रहा हेै. 8 मई को हुई 1 हजार241 नए पॉजिटीव मरीजों की नोंद अब तक का उच्चांक रहने से दूसरी लहर के 100 दिन बाद भी कोरोना का आलेख बढते जा रहा है. कोरोना की श्रृंखला खंडीत होनी चाहिए, इसके लिए पालकमंत्री व जिलाधिकारी ने मार्च महिने में दो बार लॉकडाउन घोषित किया. लॉकडाउन के बाद राज्य का पहला मिनी लॉकडाउन अमरावती जिले में हुआ है. इस दौरान जिले में कोरोना का संसर्ग तेजी से बढ जाने के कारण पुणे स्थित एनआईव्ही में 7 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे. तब 4 सैम्पल में कोरोना का नया स्ट्रेन रहने की नोंद हुई. इसके बाद 4 वर्गवारी के प्रति 25 सैम्पल जांच के लिए भेजे तब 70 प्रतिशत सैम्पल में कोरोना का ‘डबल म्यूटंट वेरियंट’ की नोंद होने की बात कही गई.

  • ग्रामीण में क्यों बढा कोरोना?

जिले में कोरोना संसर्ग के शुरुआती दौर में ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम सुरक्षा समिति कमाल की एक्टीव थी. उस समय गांव में कोई अन्य जिले का व्यक्ति आया तो उसे क्वारेंटाइन रखा जाता था. अब इस ओर समिति का दुर्लक्ष हुआ है. मुलत: समितियां निष्क्रिय हुई है. विवाह समारोह में सैकडों का सहभाग कायम है व जिला सीमा को लगकर रहने वाली तहसीलों में संसर्ग बढने का परिणाम संक्रमितों की संख्या काफी बढ चुकी है.

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