प्रतिनिधि/दि.२२
वरूड-गत तीन माह से कोरोना महामारी की वजह से लोगों के जीवन मेें खान पान में परिवर्तन आ गया है. लोगों की दिनचर्या ही बदल गई है. इस बदलाव को देखते हुए अब संतरा उत्पादन किसानों के भी अच्छे दिन आ गये है. कोरोना संक्रमण के दौरान विटामीन्स वाले फलों की मांग बाजार में बढ़ रही है. मुख्य तौर पर संतरा फल की मांग बढ़ जाने से उसके दाम भी बढ़ गये है. बागानों में मृगबहार फुटते ही संतरा को दोगुने से अधिक दामों की बोली लग रही है. जबकि संतरा दो माह के पश्चात बाजारों में आयेगा. बरसो बाद बागानों में ही संतरे के दाम बढ़ रहे है. जिससे संतरा उत्पादक किसानों के चेहरे खिल उठे है.
उल्लेखनीय है कि जिले की वरूड, मोर्शी, चांदुर बाजार, दर्यापुर इन तहसीलों में प्रचुर मात्रा में संतरे का उत्पादन होता है. बड़े पैमाने पर संतरा उत्पादक किसान संतरे का उत्पादन लेते है.इस एक उत्पादन पर हजारों किसानों के साथ मजदूरों व अन्य पूरक व्यवसायियों को भी रोजगार उपलब्ध हो जाता है. मृग बहार का संतरा जुलाई अगस्त माह में पेड़ों पर फूटता है. इस बार जून माह के प्रारंभ से ही अच्छी बारिश के चलते संतरा फूटने भारी कमी आयी है. किसानों के अनुसार पेड़ों को तडंद मिलने से फूट कम हुई है. जिससे उत्पादन मेें भी भारी कमी होगी. यही कारण है कि फूट होते ही व्यापारी और दलाल बागानों में घूमते दिखाई दे रहे है.
* उम्मीद से ज्यादा मिले दाम
इस बार संतरा बागानों को उम्मीद से ज्यादा दाम मिल रहे है. व्यापारी और दलाल बागानों को बुक करने के लिए किसानों के घर के चक्कर काट रहे है. पूरा बगीचा एक साथ लेने के अलावा प्रति हजार टन व प्रति टन से भी दाम तय किए जा रहे है. इस बार यहां ६ हजार रूपये से ऊंचे दामों में बागानों की बोली जा रही है. इस संकट के समय संतरा उत्पादक किसानों को उम्मीद से ज्यादा दाम मिलने की वजह से उनके चेहरे पर मुस्कुराहट झलक रही है.
* ऐतिहासिक दाम
इस साल जून माह से ही अधिक बारिश होने की वजह से संतरा पेड़ों को प्रचुर मात्रा में पानी मिला है. जिससे मृगबहार का संतरा मामूली रूप से फूटा है. उत्पादन में कमी को देखते हुए फल तैयार होने से पहले ही संतरा उत्पादक किसानों को बढिय़ा दाम मिल रहे है. यदि उत्पादन अच्छा होता है तो किसानों को और अधिक फायदा होगा.
मंगेश बहुरूपी, संतरा उत्पादक किसान
* शासन सर्वेक्षण करें
मौसम की मनमानी के कारण इस बार मृगबहार का संतरा मामूली रूप से फूटा है. जिससे अच्छे दाम मिलने के बावजूद किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंच रहा है. शासन बागानों का सर्वेक्षण कर संतरा उत्पादक किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करें.
प्रमोद देशमुख, संतरा उत्पादक किसान