अमरावती/दि.१८ – कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने हेतु सरकार एवं प्रशासन द्वारा प्रभावी उपाययोजना करने के साथ-साथ जिले में आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम २००५ तथा महामारी प्रतिबंधक अधिनियम १८९७ भी लागू किया गया है. जिसके पालन हेतु आवश्यक दिशानिर्देश काफी पहले ही जारी किये गये है, लेकिन इसके बावजूद भी देखा जा रहा है कि, अमरावती जिले में कई लोग सार्वजनिक स्थानों पर प्रशासनिक निर्देशों एवं अनुशासन का पालन नहीं कर रहे है. ऐसे में जिलाधीश शैलेश नवाल ने नियमों का उल्लंघन करनेवाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक व कानूनी कार्रवाई करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है.
इस संदर्भ में पुलिस महकमे सहित स्थानीय स्वायत्त निकाय के प्रमुख अधिकारियों के नाम जारी निर्देशपत्र में जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा है कि, सार्वजनिक स्थानों पर थूंकनेवाले लोगों से ५०० रूपये और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग नहीं करनेवाले लोगों से ३०० रूपये का दंड वसूला जायेगा. साथ ही दुबारा यहीं गलती करते पाये जाने पर फौजदारी कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा विभिन्न तरह की दुकानों में सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का उल्लंघन होने पर ग्राहकों से ३०० रूपये तथा दूकानदारों से ३ हजार रूपये जुर्माने की राशि वसूली जायेगी. साथ ही जिन किराना दूकानदारों द्वारा अपनी दूकानों के सामने बिक्री हेतु उपलब्ध वस्तुओं का दरपत्रक नहीं लगाया जायेगा, उनसे भी ३ हजार रूपये दंड वसूला जायेगा और प्रत्येक मामले में दुबारा गलती पकडे जाने पर फौजदारी कार्रवाई की जायेगी.
जिलाधीश नवाल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि, अमरावती शहर सहित जिले में कहीं पर भी कोरोना प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन होने पर उसे भारतीय दंड संहिता १८६० की धारा १८८ के तहत सजायोग्य अपराध माना जायेगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज करने की कार्रवाई की जायेगी.