अमरावती

कम लक्षण वालों के टेस्ट में लापरवाही से बढे कोरोना मरीज

‘लो रिस्क’ कान्टैक्ट के सैम्पल्स लिये ही नहीं गए

  • जनवरी व फरवरी महिने में इन्हीं कारणों से बढी मरीजों की संख्या

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – जनवरी 2021की शुरुआत के दौर में लक्षण कम रहने वालों की टेस्ट में लापरवाही बरतने के चलते बाद में शहर के कोरोना पॉजिटीव मरीजों की संख्या तेजी से बढ गई. उस समय टेस्ट भी काफी ज्यादा नहीं हो रही थी. टेस्ट कम हुए कि पॉजिटीव मरीजों की संख्या ज्यादा दिखती है. कोई पॉजिटीव रहा तो उसके समीप के संपर्क के चार से पांच लक्षण रहने वाले मरीजों की टेस्ट होती थी. इसके अलावा अन्य कान्टैक्ट की टेस्ट ही नहीं ली जाती थी. हाईरिस्क व उनके परिवार के सदस्यों के टेस्ट होते थे. किंतु उनके पडोसी एखादबार संपर्क में आये हुए लो रिस्क कान्टैक्ट के सैम्पल ही नहीं लेते थे, इस तरह की जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी है.
ऐसी इस लापरवाही के चलते ही जनवरी के अंतिम सप्ताह में तथा फरवरी महिने में पूरे परिवार के सदस्य ही पॉजिटीव आने लगे. उसके बाद ही फिर सभी प्रकार के संपर्क के मरीजों की टेस्ट होने लगी. जिसमें हाई रिस्क के साथ ही लो रिस्क, लक्षण कम रहने वाले, पडोसी तथा एखादबार संपर्क में आया हुआ, इस तरह 18 से 20 लोगों की टेस्ट होने लगी. टेस्ट बढाने का परिणाम दिखाई दिया है.

  • पहले ही खबरदारी ली होती तो…

जिले के स्वास्थ्य विभाग ने अगर पहले ही पॉजिटीव मरीजों के संपर्क के 18 से 20 लोगों की टेस्ट कर ली होती तो शहर में बढी मात्रा में कोरोना मरीज बढते ही नहीं थे. जिस समय हर रोज 1 हजार के आसपास पॉजिटीव मरीजों संख्या पहुंंची, उस समय सभी में घबराहट देखी गई फिर कान्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया गया. तब तक कोरोना की व्याप्ती तकरीबन 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ गई थी.

  • एनएचएम समेत स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी

मनपा के स्वास्थ्य विभाग के पास अभी भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के 18 से 20 डॉक्टर, परिचारिकाओं समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है. अन्य व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की कमी महसूस हो रही है. उसी कारण फिलहाल स्वास्थ्य कर्मचारी बढाने पर जोर दिया जा रहा है, इस तरह की जानकारी मनपा स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी.

  • ग्रामीण गृह विलगीकरण के मरीजों बाबत शिकायतें नहीं

ग्रामीण क्षेत्र में गृह विलगीकरण में इलाज कर रहे पॉजिटीव मरीजों बाबत अभी तक जिले के स्वास्थ्य विभाग के पास कोई भी शिकायतें नहीं आयी, ऐसे मरीजों पर ग्रामपंचायत की नजर रहती है. शहर में अगर गृह विलगीकरण का मरीज नियमों का उल्लंघन करता है तो फिर ग्रामीण क्षेत्र के मरीज नहीं करते क्या? इस बारे में पूछने पर जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने हमारे पास अभी तक शिकायतें नहीं, ऐसा कहा है.

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