प्रतिनिधि/दि.२८
अमरावती-स्थानीय मनपा द्वारा कोरोना के खिलाफ किये जा रहे प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं में कोरोना योध्दा के तौर पर काम करनेवाले कर्मचारी विगत पांच माह से वेतन मिलने की प्रतिक्षा कर रहे है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन कर्मचारियों की नियुक्ती किसी न किसी एजेंसी के जरिये की गई है और संबंधित एजेंसियों को मनपा द्वारा नियमित रूप से देयक व वेतन अदा किये जा रहे है, लेकिन बावजूद इसके संबंधित एजेंसियों के संचालकों द्वारा ठेके पर नियुक्त स्वच्छता कर्मियों व सुरक्षा रक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा. जिसके चलते ऐसे कर्मचारियों को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में यह बेहद जरूरी हो गया है कि, मनपा की सेवा में काम कर रहे इन ठेका कर्मियों की समस्याओं व दिक्कतों की ओर मनपा के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जाये. इस संदर्भ में पता चला है कि, फरवरी माह से अग्निशमन, स्वच्छता व शिक्षा विभाग के ठेका कर्मियों सहित ठेके पर नियुक्त सुरक्षा रक्षक बिना वेतन के काम कर रहे है. इसमें से स्वच्छता विभाग को छोडकर अन्य सभी विभागों के ठेकेदारों को उनके वेतन संबंधी देयकोें का भुगतान प्रतिमाह नियमित तौर पर किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद संबंधित एजेंसी द्वारा अपने कर्मचारियों को नियमित वेतन अदा नहीं किया जा रहा. ऐसे में कोरोना के संक्रमण काल के दौरान अपने प्राणों की परवाह किये बिना काम करनेवाले ठेका कर्मी जबर्दस्त आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे है. ये कर्मचारी अपनी इस ठेका नौकरी को छोड भी नहीं सकते है, इस समय बाहर अन्य कोई दूसरा काम या रोजगार भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संबंधित एजेंसियों द्वारा इस बात का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर में विगत अप्रैल माह से कोरोना का संक्रमण फैलना शुरू हुआ. जिसके बाद स्वच्छता विभाग के ठेका कर्मियों ने अपनी जान की फिक्र किये बिना कंटेनमेंट झोनवाले इलाकों में कोरोना संक्रमित पाये गये मरीजों के घर के आसपास साफसफाई व सैनिटाईजेशन का काम किया. इसी तरह स्वास्थ विभाग से वास्ता रखनेवाली आशा सेविकाओं, परिचारिकाओं व डॉक्टरों द्वारा समूचे शहर में स्वास्थ्य सर्वेक्षण व स्वास्थ्य जांच का काम किया जा रहा है. इसके अलावा अग्निशमन विभाग में काम करनेवाले ठेका कर्मियों द्वारा कंटेनमेंट झोन सहित समूचे शहर में कीटनाशक दवाईयों के छिडकाव का काम किया जा रहा है. वहीं शिक्षा विभाग के तृतीय व चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने लॉकडाउन के दौरान शालाएं बंद रहने के बावजूद कम्युनिटी किचन में अपनी सेवाएं दी. इतने समर्पित भाव से सेवा कार्य करने के बावजूद इन कोरोना योध्दाओं को संबंधित एजेंसियों द्वारा विगत पांच माह से उनका वेतन अदा नहीं किया गया है. वहीं संबंधित ठेकेदारों द्वारा इन कर्मचारियोें की समस्याएं व दिक्कतें भी नहीं सुनी जा रही. इस संदर्भ में जानकारी हासिल करने का प्रयास करने पर पता चला कि, मनपा प्रशासन द्वारा संबंधित ठेकेदारों को उनके वेतन संबंधी देयक अदा कर दिये गये है और मनपा के मुताबिक किसी का भी वेतन बकाया नहीं है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि विगत २० जुलाई को हुई मनपा की ऑनलाईन आमसभा में कोरोना योध्दा के तौर पर काम करनेवाले ठेका कर्मियों को मनपा कर्मियों की तरह समान काम-समान वेतन का लाभ देने की घोषणा मनपा आयुक्त द्वारा की गई थी. qकतु वहीं दूसरी ओर यह ठेका कर्मी विगत पांच माह से अपना वेतन प्राप्त करने के लिए तरस रहे है. इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, वे ऐसे सभी कर्मचारियों से आवश्यक पूछताछ करेंगे. जिसके बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.