* शासन की अनुमति हेतु नागरिक कर रहे प्रतीक्षा
अमरावती/दि.16-अमरावती जिले ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विदर्भ में सुप्रसिद्ध चांदूर बाजार तहसील के श्री क्षेत्र बहीरम बाबा संस्थान की बहीरम बाबा यात्रा प्रसिद्ध है. लेकिन कोरोना संकट के कारण विगत दो वर्षों से यह यात्रा शुरु नहीं की गई. इस बार 20 दिसंबर से बहीरम बाबा का उत्सव मनाया जाएगा. लेकिन कोरोना संकट के कारण इस वर्ष भी अनुमति मिलेगी या नहीं, इस ओर श्रद्धालुओं की निगाहें टिकी है. लेकिन श्री बहिरम बाबा संस्थान की ओर से राज्यशासन की मार्गदर्शक सूचनानुसार बहिरम बाबा के उत्सव की तैयारी शुरु की गई है. साथ ही संपूर्ण मंदिर व मंदिर परिसर का रंगरोगन किया गया है.
श्री क्षेत्र बहीरमबाबा मंदिर की यात्रा की परंपरा सैकड़ों वर्षों की है. अमरावती जिले में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विदर्भ में बहीरम बाबा की यात्रा प्रसिद्ध है. करीबन महीनेभर चलने वाली बहीरम बाबा की यात्रा में आज भी भाविक भक्त व यात्रा प्रेमी तंबू बनाकर वास्तव्य करते हैं. इसलिए यहां की यात्रा को अलग ही महत्व है. बावजूद इसके इस यात्रा हंडी के लिए प्रसिद्ध होकर विशेष रुप से खवैय्ये इस यात्री की वर्षभर से राह देखते हैं. यात्रा में मनोरंजनात्मक साधनों सहित अनेक घरेलु उपयोगी वस्तुओं की दूकानें लगती है. इसलिए इस यात्रा में बड़ी संख्या में नागरिक सहभागी होते हैं. लेकिन विगत दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण बहीरमबाबा की यात्रा को अनुमति न दिए जाने से यात्रा नहीं भरी. फिलहाल अमरावती जिले सहित संपूर्ण राज्य में कोरोना का जोर कम हुआ है फिर भी संकट कायम है. इस पर ओमीक्रॉन इस नये वेरिएंट से राज्य सरकार भीड़ के कारण कोरोना के प्रसार का कोई भी धोखा उठाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए इस बार भी बहीरम बाबा यात्रा को शासन द्वारा अनुमति मिलेगी या नहीं इस ओर सभी का ध्यान लगा है.
हर साल जिला परिषद की ओर से बहीरम बाबा यात्रा का नियोजन 20 नवंबर से 31 दिसंबर तक किया जाता है.मात्र शासन की ोर से कोरोना संदर्भ में मार्गदर्शन में यात्रा भरने पर अब भी बंदी कायम होने से इस बार भी बहिरम बाबा की यात्रा पर कोरोना का संकट है.