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भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहा कैम्प रोड

इर्विन से बियाणी चौक तक बिखरी है मिलीभगत की कहानी

* दावा 40 परसेंट बिलो का, अंदरबट्टे में मामला डेढ करोड का

* 3 इंच की बजाय केवल 1 इंच की बिछाई जा रही परत

अमरावती/दि.2- विगत लंबे समय से इर्विन से पुराना बियाणी चौक की ओर जानेवाले कैम्प रोड को सुधारने का इंतजार किया जा रहा था. क्योंकि संभ्रांत रिहायशी इलाके के साथ ही महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयोंवाले परिसर से होकर गुजरनेवाला यह रास्ता काफी समय से दुरावस्था का शिकार था. अनेकों बार ज्ञापन व निवेदन देने के बाद जैसे-तैसे रोते-गाते इस रास्ते के डांबरीकरण की शुरूआत तो हुई, लेकिन यहां पर भी आपसी मिलीभगत और भ्रष्टाचारी प्रवृत्ति आडे आ गये है.
बता दें कि, जिस ठेकेदार द्वारा इस रास्ते के डांबरीकरण का काम किया जा रहा है, उसके द्वारा छाती ठोंककर यह दावा किया जा रहा है कि, उसने 40 फीसद बिलो में यह काम लिया है. जाहीर सी बात है कि कैम्प परिसर स्थित पूरे अमरावती शहर में इस ठेकेदार का एहसानमंद होना चाहिए कि, यह सज्जन मौजूद बाजारभाव की तुलना में 40 फीसद कम भाव में इस सडक के डांबरीकरण का काम कर रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि, इस ठेकेदार द्वारा 40 परसेंट बिलो में नहीं, बल्कि पूरे डेढ करोड रूपयों में इस सडक के डांबरीकरण का काम लिया गया है और इस ठेकेदार को इर्विन चौक से पुराना बियाणी चौक तक जानेवाली सडक पर 3 इंच मोटी डांबर व गिट्टी की परत बिछानी है. किंतु इस ठेकेदार द्वारा 40 परसेंट बिलो में काम लेने का दावा करने के साथ ही इस सडक पर केवल एक इंच मोटी परत बिछायी जा रही है, जो कि आगामी छह माह में ही निश्चित रूप से उखड जायेगी. किंतु बावजूद इसके मनपा एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता व कार्यकारी अभियंता का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. जबकि इसी मार्ग पर सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता व कार्यकारी अभियंता का कार्यालय भी है. ऐसे में साफ है कि, संबंधितों द्वारा इस निकृष्ट कामकाज की अनदेखी की जा रही है और यह अनदेखी भी यूं ही नहीं होगी,बल्कि इसमें निश्चित तौर पर संबंधित अभियंताओं की मिलीभगत भी शामिल होगी. जिसके चलते ठेकेदार द्वारा खुद को शहर का हितैषी और सज्जन बताते हुए 40 परसेंट बिलों में काम लेने का दावा किया जा रहा है और इसी दावे के तहत महज 1 इंच की परत इस सडक पर डाली जा रही है. जबकि हकीकत यह है कि, पूरी सडक पर 3 इंच मोटी परत डालने के लिए ठेकेदार द्वारा सरकारी तिजोरी से पूरे डेढ करोड रूपये लिये जा रहे है. जिसकी निश्चित तौर पर ठेकेदार सहित सभी संबंधितोें के बीच आपसी बंदरबांट होगी. वहीं कुछ माह के लिए चमचमाती सडक देखकर अमरावतीवासी खुश होंगे तथा अगले चार-पांच माह बाद एक बार फिर इसी सडक को देखकर अपना सिर पिटेंगे, क्योंकि तब तक यह सडक एक बार फिर पुराने हाल में पहुंचकर बदहाल हो चुकी होगी.

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