अमरावतीमहाराष्ट्र

मोर्शी की तत्कालीन सीओ गीता ठाकरे के भ्रष्टाचार की होगी जांच

पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दिए निर्देश

मोर्शी/ दि. 5– हमेशा ही विवादों में रहनेवाली मोर्शी की तत्कालीन मुख्याधिकारी के कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच के सीधे आदेश अमरावती जिले के पालकमंत्री व राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा विभागीय आयुक्त अमरावती को दिए गये. जिससे प्रशासकीय क्षेत्र में खलबली मची है.
उल्लेखनीय है कि मोशी के पूर्व महापौर अप्पासाहेब गेडाम ने अमरावती के जिलाधिकारी को शिकायत की थी कि मोर्शी की तत्कालीन मुख्याधिकारी गीता ठाकरे ने सरकारी नियमों का उल्लंघन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है. लेकिन एक से डेढ़ साल में कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत की थी. इसके अलावा उन्होंने अमरावती के दौरे पर आए राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से भी मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा था. पालकमंत्री के आदेशानुसार तत्कालीन मुख्याधिकारी की जांच के लिए जिला सहायक आयुक्त सुमेध अलोने, सहायक निदेशक संतोष कंडेवार, सहायक नगर नियोजक विनोद पंडित, सिविल इंजी. विनय देशमुख और कर निर्धारण अधिकारी अनिकेत कथलकर की पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की गई है. संभागीय आयुक्त ने आदेश दिया कि पूरे दस्तावेज की पंद्रह दिनों के भीतर जांच की जाए और तुरंत प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए.
गौरतलब है कि ग्रीन बेल्ट योजना के तहत मोर्शी नगर परिषद को राज्य सरकार से 50 लाख रुपए की निधि प्राप्त हुई थी. इस निधि से शहर के सौंदर्याकरण के लिए पेड़ लगाने का काम शुरू किया गया. हालांकि, शहर में पेड़ लगाने के वास्तविक कार्य के बदले ठेकेदार को 13 लाख रुपये का चेक दे दिया गया. इसी योजना के तहत पोर्टल पर खरीदा गया वाटर कूलर चार साल से धूल में पड़ा है. निर्माण विभाग में मुख्य इंजीनिअर के पद पर रहते हुए मुख्याधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एक टाऊन प्लानिंग इंजीनियर को पद सौंप दिया, जो उनकी मर्जी के अनुसार काम करता था, जिससे लाखों रूपए का बिल बनता था. मोर्शी नगर परिषद परिक्षेत्र में निर्माण की अनुमति नगर नियोजन इंजीनियर के माध्यम से दी जाती है. लेकिन मोर्शी स्थित श्री दत्त मंदिर स्थान में अवैध निर्माण काी अनुमति आपसी वित्तीय लाभ के लिए दी गई थी.

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