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सावर्‍या के रोजगार सेवक का मनरेगा में भ्रष्टाचार

बीडीओ के सामने सैकडों हुए उपस्थित

* जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं
धारणी/दि.13- टिटंबा ग्राम पंचायत अंतर्गत सावर्‍या में मनरेगा के कामों में रोजगार सेवक व्दारा भ्रष्टाचार करने के प्रकरण में अब तक जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे दुर्गम भाग के ग्रामीणों में रोष है. इन लोगों ने आरोप किया कि जांच के लिए अधिकारी आने पर उन्हेंं समय रहते सूचित भी नहीं किया गया. जब वे लोग पहुंचे तो उन्हें तीन घंटे इंतजार करवाया गया. 11 बजे बुलाकर अधिकारी 2 बजे पहुंचे.
सावर्‍या गांव के रोजगार सेवक पर ग्रामीणों को मनरेगा के तहत मजदूरी उपलब्ध करवाना होता है. वह स्वयं इसमें मजदूरी नहीं कर सकता. मेलघाट के दुर्गम भागों में रोजगार के साधन नहीं है. बावजूद इसके उक्त रोजगार सेवक ने गत एक वर्ष से अपने ही रिश्तेदारों पत्नी, पुत्र, रिश्तेदार, पूर्व सरपंच, पंच सदस्य और स्वयं का भी वेतन लेने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है.
ग्रामीणों व्दारा विरोध करने पर उनसे कथित रुप से कहा कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता. उसने कथित रुप से कुछ लोगों को मकान दिलाने का आश्वासन देकर 5-5 हजार रुपए भी ऐंठने का आरोप किया गया. शिकायत के बाद बीडीओ को जांच के लिए कहा गया. बीडीओ ने रोजगार सेवक को बुलाकर एक शाला की बंद खोली में जांच शुरु की. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें तीन घंटे बैठाया गया. जबकि रोजगार सेवक की शिकायत उन्होंने ने ही की थी. कमल मावस्कर, राजकुमार धांडे, बलराम सावलकर ने वरिष्ठ अधिकारियों पर रोजगार सेवक को बचाने का आरोप लगाया है. दोबारा रोजगार सेवक को पंचायत समिति में बुलाया जाएगा. इस पर भी ग्रामीणों ने कहा कि सैकडों गांवासियों के सामने हुई जांच पर सवाल कैसे उठाए जा रहे?

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