अमरावती

कॉस्को गया जेल, क्राईम ब्रांच फेल

मुख्य सूत्रधार को लेकर पुलिस का मौन

* तेजी से क्रिकेट सट्टे की गिरफ्त में आ रहे युवा
अमरावती/दि.13 – क्रिकेट सट्टे यानि बेटींग के अवैध व्यवसाय में बेहद कम समय के भीतर काफी बडा नाम कमाने वाले अनिल मेेटकर उर्फ कॉस्को की विगत 7 दिसंबर को मुंबई से गिरफ्तारी हुई. जिसे 11 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश मिला. लेकिन इसके बाद पुलिस कस्टडी की अवधि को बढाने में पुलिस को सफलता नहीं मिली, ऐसे में उसे न्यायिक हिरासत के चलते जेल रवाना कर दिया गया. जिसके चलते कॉस्को के जेल चले जाने की वजह से क्राईम ब्रांच फेल हो गया है.
जानकारी के मुताबिक 3 से अधिक मामलों में पुलिस के लिए वॉन्टेड रहने वाला कॉस्को उर्फ अनिल मेटकर कई माह की तलाश के बाद पुलिस के हाथ लगा. लेकिन स्थानीय स्तर पर क्रिकेट सट्टा चलाने वाले मुख्य सूत्रधार का नाम क्राईम ब्रांच उससे उगलवा नहीं सकी. 4 दिन की पुलिस कस्टडी के दौरान कॉस्को ने इस बारे में अपनी जुबान नहीं खोली. जिसके चलते अमरावती शहर में ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलाते हुए लाखो-करोडो रुपयों का लेन-देन करने वाले मुख्य सूत्रधार का पता लगाने में क्राईम ब्रांच नाकाम साबित हुई है.
बता दें कि, भारत व न्यूझिलैंड के बीच खेले गए टी-20 क्रिकेट मैच पर सातुर्णा परिसर में चलाए जाने वाले सट्टे पर पुलिस आयुक्त के विशेष पथक ने 25 नवंबर को छापा मारा था और इस कार्रवाई में सातुर्णा निवासी सचिन येरोणे को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही सचिन सहित कॉस्को उर्फ अनिल मेटकर (देशपांडे प्लॉट, अमरावती) तथा सोनू उदापुरे उर्फ उदापुरकर (परतवाडा) ऐसे 3 लोगों के खिलाफ राजापेठ पुलिस ने अपराध दर्ज किया था. हिरासत में लिए जाने के बाद सचिन ने पुलिस को बताया था कि, उसने कॉस्को से आईडी लेकर क्रिकेट सट्टा लगाना शुरु किया था. जिसका खायवाली उतारा वह सोनू उदापुरे के पास दिया करता था.
इस कार्रवाई के तुरंत बाद 25 नवंबर से ही कॉस्को फरार हो गया था. जिसे क्राईम ब्रांच के पुलिस निरीक्षण अर्जुन ठोसरे के मार्गदर्शन में पीएसआई राजकिरण येवले के पथक ने विगत बुधवार को मुंबई से सटे थाने परिसर से गिरफ्तार किया और उसे गुरुवार को अमरावती लाया गया. जहां पर अदालत में पेश किए जाने के बाद उसे 11 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी डिमांड में रखे जाने का हुक्म मिला. 4 दिन के पीसीआर दौरान कॉस्को के जरिए क्रिकेट सट्टेबाजी का स्थानीय स्तर पर मुख्य सूत्रधार कौन है. सट्टे की लगवाडी और खायवाडी करने वाले लोग कौन है. आदि बातों का खुलासा होने की उम्मीद थी. लेकिन क्राईम ब्रांच कॉस्को से ऐसी कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाई. साथ ही क्रिकेट सट्टेबाजी के तार किस शहर से जुडे हुए है. यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया. वहीं 4 दिन के पीसीआर पश्चात अब कॉस्को की रवानगी एमसीआर के तहत जेल में हो गई है. जिसके चलते क्राईम ब्रांच के हाथ खाली के खाली है.

* क्या सोनू को पकडेगी क्राईम ब्रांच
इस मामले में सबसे खास बात यह है कि, सातुर्णा में सीपी के विशेष पथक ने छापा मारा था और मामले में राजापेठ पुलिस ने अपराध दर्ज किया था. वहीं कॉस्को की गिरफ्तारी अपराध शाखा न ेकी है. इस बीच विशेष पथक द्बारा हिरासत में लिए गए सचिन ने बताया था कि, वह अपने पास लगाए गए सट्टे की लगवाडी परतवाडा में रहने वाले सानू उदापुरे उर्फ उदापुरकर के पास किया करता है. ऐसे में अब कॉस्को की जेल रवानगी के बाद सोनू उदापुरकर को पकडने का जिम्मा क्राईम ब्रांच द्बारा स्वीकार किया जाएगा. या फिर राजापेठ पुलिस इसके लिए प्रयास करेगी. यह सवाल उठाया जा रहा है. जिसके जवाब मेें दावा किया जा रहा है कि, चूंकि अब अपराध शाखा ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, तो सोनू की गिरफ्तारी भी अपराध शाखा द्बारा ही की जाएगी.

* कॉस्को का ‘सेठ’ कौन
4 दिन के पीसीआर दौरान कॉस्को ने उसके ‘सेठ’ का नाम एक बार भी जुबान पर नहीं लाया. हालांकि उस मुख्य सूत्रधार का नाम पुलिस सहित अमरावती शहर में सभी को पता है. लेकिन उसे गिरफ्तार करने हेतु पुलिस को कुछ सबुत चाहिए है. ऐसे में यदि पीसीआर के दौरान कॉस्को अपने उस सेठ का नाम जुबान पर ला लेता, तो इससे पुलिस को काफी आसानी होती.

* नागपुर से ज्यादा सट्टेबाज अमरावती में
कॉस्को से आईडी लेकर अमरावती में सट्टे की लगवाडी हुआ करती थी. यह बात जांच में सामने आ चुकी है, लेकिन कॉस्को अपना हिसाब का उतारा किसके पास देता है और उसका ‘आका’ कौन है. इसकी कोई जानकारी अपराध शाखा को नहीं मिली है. हालांकि यह जरुर पता चला है कि, इन दिनों नागपुर से ज्यादा क्रिकेट सट्टेबाजी अमरावती में हो रही है और परतवाडा, वरुड, मोर्शी व अंजनगांव में रहने वाले छोटे-मोटे सट्टेबाज अमरावती में खायवाडी व लगवाडी कर रहे है. वहीं इससे पहले अमरावती के कैम्प व रवि नगर परिसर से 4 सट्टेबाज पकडे गए थे.

* कॉस्को को मुंबई से पकडा गया था, जिसे अदालत ने न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया. ऐसे में उसकी रवानगी जेल में कर दी है. वहीं मामले से जुडे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

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