प्रतिनिधि/दि.१५
वरुड – कपास उत्पादक किसानों को वरुड कृषि उपज मंडी ने नरखेड के कपास खरीदी केंद्र भेजा. बुआई के लिए आर्थिक जुगाड के उद्देश्य से किसानों ने भी किराये के वाहनों में कपास भरकर नरखेड ले गए, लेकिन नरखेड खरीदी केंद्र ने कपास गिला होने का कारण बताकर खरीदने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं बल्कि नरखेड में कपास को प्रति किन्टल मात्र ५१,०० रुपये थमाये जा रहे हैं. बॉ्नस, फोटो-डॉ. अनिल बोंडे का * किसानों के हितैषी नहीं दुश्मन वरुड के कृषि केंद्र से कपास उत्पादक किसानों को कपास खराब होने का कारण बताकर लौटाया जा रहा है. नरखेड पहुंचने के बाद वहां ५१,०० रुपये और उससे कम भाव दिया जा रहा है. किसान हितैषी होने का दावा करने वाली महाविकास आघाडी सरकार अब कहां गई है. – डॉ. अनिल बोंडे, पूर्व कृषि मंत्री बॉ्नस * बुलाकर बैरंग लौटा रहे किसानों ने २ माह पूर्व सरकारी कपास खरीदी के लिए ऑनलाइन नंबर लगाया. नाफेड से सोमवार को कपास लेकर आने का न्योता मिला. किसान किराये के वाहनों में कपास लादकर वरुड कृषि उपज मंडी पहुंचे. वरुड कृउबा के कपास खरीदी केंद्र ने नरखेड जाने को कहा, जिससे किसान कपास की गाडियों के साथ नरखेड पहुंच गए. लेकिन कपास गीला होने का कारण बताकर खरीदी करने से साफ इंकार कर दिया. संतप्त किसानों के प्रश्नों पर अधिकारियों ने हुज्जत की.