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कपास व्यापारी ने किसानों को लगाया 60 लाख का चुना

कपास खरीदने के बाद नहीं दिये रुपए

* दर्जनों किसान पहुंचे पुलिस थाने
* आरोपी व्यापारी मोहसीन दुकान बंद कर हुआ फरार
धारणी/ दि.11- धारणी का कपास व्यापारी मोहसीन अब्दुल सिराज ने दर्जनों किसानों से लाखों रुपए का कपास खरीदा, परंतु दी गई मोहल्लत के बाद भी किसानों को रुपए नहीं दिये. आज वह व्यापारी अपनी दुकान बंद कर फरार हो गया. दर्जनों किसानों को 60 लाख से अधिक का चुना लगाकर फरार होने की बात समझ में आते ही सभी व्यापारी पुलिस थाने जा पहुंचे. आरोपी मोहसीन के खिलाफ धारणी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई. इस दौरान किसानों ने कहा कि, वक्त रहते न्याय नहीं मिला, तो उनके सामने आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रहेगा. उन्होंने तीव्र आंदोलन छेडने की भी चेतावनी दी है.
मोहसीन अब्दुल सिराज (25, धारणी) यह किसानों के साथ लाखों रुपए की धोखाधडी कर फरार हुए आरोपी का नाम है. बताया जाता है कि, पिछले कई वर्षों से किसान आरोपी मोहसीन के पास अपना माल बेचा करते थे. कपास के माल के अनुसार 9 हजार 200, 9 हजार 500, 10 हजार इस तरह दाम में किसानों से माल खरीदा. धारणी तहसील के रोनी खेडा, खारी, दाबिरा, गडगामालूर, बिबामल, पानखाल्या, बारू, टोली, झिल्पी के अलावा मध्यप्रदेश के रामाखेडा, मांजरोद, नवथा जैसे अन्य गांवों के किसानों ने कपास बेचा. जिसमें शेर खान शबिर खान नामक किसान ने 16 क्विंटल, मोहन खान नसीम खान से 8 क्विंटल, राज बावल्या जावरकर से 9.3 क्विंटल, श्रावण राजकुमार कासदेकर से 7 क्विंटल, मनोज सुकु जावरकर से 5.20, झिरकन सानू भिलावेकर से 9.18 क्विंटल, जगन पाटू खेडकर से 8.87, प्रदीप जगन खेडकर से 5, नंदकिशोर रामकिसन कासदेकर 7.9, सुखलाल सखाराम मावसकर से 6.74, दिनेश किसन खडके से 12.27 क्विंटल, ऐसे अन्य किसानों से भी कपास का माल खरीदा. किसानों से कपास के माल के रुपए 15 दिन में अदा करने का वादा किया, परंतु एक माह से भी अधिक समय बीत गया. आरोपी मोहसीन ने किसानों को रुपए नहीं लौटाए और फरार हो गया. यह बात सामने आते ही सभी किसानों ने विधायक राजकुमार पटेल से गुहार लगाई. उन्होंने रुपए दिलवाने का आश्वासन दिया. इसके बाद किसान सीधे धारणी पुलिस थाने जा पहूंचे. खबर लिखे जाने तक आरोपी मोहसीन अब्दुल सिराज के खिलाफ अपराध दर्ज कराने की प्रक्रिया जारी थी. भागने से पहले मोहसीन ने उसकी दुकान का बोर्ड भी हटा दिया है. कृषि उपज बाजार समिति व्दारा इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने से किसानों को यहां-वहां माल बेचने के लिए भटकना पडता है, जिसके परिणामस्वरुप किसानों के साथ इस तरह की धोखाधडी की जा रही है.

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