कपास के दाम में प्रति क्विंटल 700 रुपए आई तेजी
किसान अभी भी 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल की प्रतीक्षा में
सरकी के भाव भी बढें
अमरावती/दि.11- खुले बाजार में फरवरी और मार्च में कपास के दाम कम थे. 81 रुपए क्विंटल रहा कपास दो माह में 7400 रुपए क्विंटल तक पहुंच गया. दो माह में 700 रुपए भाव गिर गए थे. मार्च एंडिंग के बाद फिर से 700 रुपए सुधार हुआ है. लेकिन किसानों को अभी भी 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल की प्रतीक्षा है. विश्व के बाजार में रुई के भाव में किसी भी तरह का सुधार न होने से चिंता व्यक्त की जा रही है. कुल मिलाकर संपूर्ण बाजारपेठ में कपास खरीदी को लेकर मंदी दिखाई दे रही है.
फरवरी माह में ही कपास के भाव में कमी होती चली गई. यह मार्च तक कायम थी. इस कालावधि में कपास के भाव प्रति क्विंटल 700 रुपए कम हो गए. बाजार में कपास की जो मूल्यवृद्धि दर्ज की गई वह सरकी के कारण हुई है. लेकिन रुई के भाव में सुधार नहीं हुआ है. फिलहाल विश्व बाजार में रुई के भाव 1 डॉलर के नीचे 95 सेंट तक आ गए है. इस कारण रुई के भाव 60 से 62 हजार रुपए हो गए है. इसमें कोई भी सुधार हुआ नहीं है. इस वर्ष देश से कपास गांठ एक्पोर्ट होने का प्रमाण रुका है. इसका परिणाम आगामी सत्र के भाव में भी होने की संभावना दर्शायी जा रही है.
330 लाख कपास गांठ की निर्मिती
देश में इस वर्ष कपास का उत्पादन कम हुआ है इस कारण 330 लाख कपास गांठ की निर्मिती होने का अनुमान है. इसमें से करीबन 50 लाख कपास गांठ का निर्यात हुआ है तथा व्यवसाय में तेजी आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. विश्व बाजार में भी रुई के भाव कम हो गए है. निर्यात की कोई भी नीति घोषित नहीं हुई है.
सरकार दें अनुमति
कपास गांठ के निर्यात को सरकार व्दारा अनुमति देने के लिए सांसदों व्दारा प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. बाजार में कपास के भाव न बढने से किसानों में चिंता का वातावरण है.
– विजय जावंधिया, कृषि अभ्यासक